पूर्वी चंपारण की मोतिहारी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी प्रमोद कुमार विधायक हैं। यह विधानसभा, शहरी क्षेत्र में पड़ती है। मोतिहारी शहर, ऐतिहासिक रूप से बेहद समृद्ध है। श्रीमद्भागवत पुराण में भी इस शहर का जिक्र 'तपोवन' के नाम से है। कथा है कि यहां राजा उत्तानपाद के पुत्र ध्रुव ने तपस्या की थी। यहां से ही महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी।
मोतिहारी शहर, पूर्वी चंपारण का मुख्यालय है। बिहार की राजधानी पटना से मोतिहारी की दूरी करीब 153 किलोमीटर है। बोधगया, बेतिया और रक्सौल जैरे शहरों से यहां के लिए सीधे बस सेवा चलती है। यहां बौद्ध स्तूप, मोती झील गांधी संग्रहालय, अशोक स्तंभ हैं, जिन्हें देखने दुनियाभर से लोग आते हैं। आइए यहां की सियासत के बारे में भी जानते हैं-
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मौजूदा समीकरण क्या हैं?
मोतिहारी में कुल वोटरों की संख्या 239794 है। मोतिहारी में पुरुष मतदाताओं की संख्या 131429 वोटर हैं। महिला वोटरों की संख्या 108365 है। मोतिहारी में हिंदू वोटर निर्णायक स्थिति में हैं। कुर्मी, कोइरी और ब्राह्मण और ठाकुर मतदाता मजबूत स्थिति में हैं। मोतिहारी विधानसभा भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है। साल 2005 से लगातार भारतीय जनता पार्टी के विधायक यहां से चुनाव जीत रहे हैं। बीजेपी नेता प्रमोद कुमार लगातार 4 बार से यहां के विधायक हैं। यहां आरजेडी बनाम बीजेपी की लड़ाई रही है।
मुद्दे क्या हैं?
मोतिहारी में बौद्ध कालीन विरासतों का संरक्षण एक मुद्दा रहा है। पलायन और रोजगार भी अहम मुद्दा रहा है। बिहार की अन्य विधानसभाओं की तुलना में यह विधानसभा ज्यादा समृद्ध है।
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विधायक का परिचय
प्रमोद कुमार की गिनती बिहार के चर्चित नेताओं में होती है। वह बीजेपी के सीनियर नेताओं में शुमार हैं। वह बिहार के पूर्व कानून और गन्ना मंत्री रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में उनकी गिनती होती है। प्रमोद कुमार के राजनीतिक जीवन की शुरुआत जेपी आंदोलन से हुई थी। वह कानू समुदाय से आते हैं। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और संघ से जुड़े रहे हैं। बिहार सरकार ने साल 2021 में उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। प्रमोद कुमार राजनीती में आने से पहले कृषि और सामाजिक कार्यों से जुड़े थे। उन्होंने अपनी आय 9 करोड़ से ज्यादा घोषित की थी। साल 1993 में उन्होंने एमएस कॉलेज, मोतिहारी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की ती।
2020 का चुनाव
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मौजूदा विधायक प्रमोद कुमार ने ही जीत हासिल की थी। उन्हें कुल 92,733 वोट पड़े थे। करीब 50.4% वोट पाकर चुनाव जीते। आरजेडी के ओम प्रकाश चौधरी को 78,088 वोट मिले थे। वह 14,645 वोट से हार गए थे। दीपक कुमार कुशवाहा ने बीएलएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, 3716 वोट हासिल हुए थे।
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विधानसभा का इतिहास
साल 1952 में इस सीट पर पहली बार चुनाव हुए थे। तब यहां से कांग्रेस पार्टी की शकुंतला देवी ने चुनाव जीता था। 1957 के चुनाव में बीगू राम और 1962 में फिर शकुंतला देवी ने चुनाव जीता। 1967 के चुनाव में जनसंघ से चंद्रिका प्रसाद यादव ने चुनाव जीता। साल 2005 से यहां भारतीय जनता पार्टी सत्ता में बनी हुई है। प्रमोद कुमार यहां से विधायक हैं।
- 1952 विधानसभा चुनाव: शकुंतला देवी, कांग्रेस
- 1957 विधानसभा चुनाव: बिगू राम, कांग्रेस
- 1962 विधानसभा चुनाव: शकुंतला देवी, कांग्रेस
- 1967 विधानसभा चुनाव: चंद्रिका प्रसाद यादव, भारतीय जनसंघ
- 1969 विधानसभा चुनाव: राम सेवक प्रसाद जायसवाल, कांग्रेस
- 1972 विधानसभा चुनाव: प्रभावती गुप्ता, कांग्रेस
- 1977 विधानसभा चुनाव: प्रभावती गुप्ता, कांग्रेस
- 1980 विधानसभा चुनाव: प्रभावती गुप्ता, कांग्रेस
- 1985 विधानसभा चुनाव: त्रिवेणी तिवारी, CPI
- 1990 विधानसभा चुनाव: त्रिवेणी तिवारी, CPI
- 1995 विधानसभा चुनाव: त्रिवेणी तिवारी, CPI
- 2000 विधानसभा चुनाव: रमा देवी, RJD
- 2005 विधानसभा चुनाव: प्रमोद कुमार, BJP
- 2010 विधानसभा चुनाव: प्रमोद कुमार, BJP
- 2015 विधानसभा चुनाव: प्रमोद कुमार, BJP
- 2020 विधानसभा चुनाव:प्रमोद कुमार, BJP