बिहार के औरंगाबाद जिले में पड़ने वाली ओबरा विधानसभा मगध क्षेत्र का हिस्सा है। यहां की ज्यादातर आबादी ग्रामीण है और यहां की अर्थव्यवस्था बहुत हद तक खेती पर निर्भर है। ओबरा वह विधानसभा है जहां कांग्रेस, आरजेडी के साथ-साथ वामपंथी पार्टियों का भी दबदबा रहा है। हालांकि, इस सीट पर एनडीए 45 साल से नहीं जीत सकी है। साल 1980 के चुनाव में पहली और आखिरी बार बीजेपी ने यहां जीत हासिल की थी। तब बीजेपी के वीरेंद्र प्रसाद यहां से विधायक बने थे। उसके बाद से कभी भी एनडीए यहां नहीं जीत पाया है।
ओबरा की जनता का मूड अक्सर बदलता रहता है। हालांकि, हालिया सालों में लालू यादव की आरजेडी ने यहां अच्छी पकड़ बनाई है। पिछले 5 चुनावों में से 4 में आरजेडी ही जीती है।
मौजूदा समीकरण
ओबरा सीट पर 2015 और 2020 में आरजेडी ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। पिछले चुनाव में एनडीए को बिखराव का नुकसान उठाना पड़ा था। अगर पिछली बार एनडीए एकजुट होता तो वापसी हो सकती थी। मगर एलजेपी और जेडीयू का अलग-अलग लड़ना भारी पड़ गया था। इस बार एनडीए एकजुट है। अगर पिछली बार वाला ट्रेंड रहा तो 45 साल बाद एनडीए यहां वापसी कर सकता है।
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2020 में क्या हुआ था?
पिछले चुनाव में आरजेडी के ऋषि कुमार ने एलजेपी के प्रकाश चंद्र को 22668 वोटों से हराया था। ऋषि कुमार को 63,662 और प्रकाश चंद्र को 40,994 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर एलजेपी के सुनील कुमार रहे थे, जिन्हें 25,234 वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
ऋषि यादव राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनकी मां कांति देवी आरजेडी की बड़ी नेता रहीं हैं। वह दो बार लोकसभा सांसद रह चुकी थीं। इसके साथ ही यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहीं।
उनके चाचा विजय कुमार यादव भी विधायक हैं। 2020 के चुनाव में विजय कुमार दिनारा विधानसभा से विधायक बने थे। उन्होंने पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह को हराया था। ऋषि कुमार लंबे समय से आरजेडी से जुड़े रहे हैं। 2020 में वह पहली बार विधायक बने थे।
2020 के चुनाव में दाखिल हलफनामे में ऋषि कुमार ने अपने पास 4.12 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। उनके खिलाफ कोई क्रिमिनल केस नहीं है।
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विधानसभा का इतिहास
ओबरा सीट पर अब तक 16 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें 4 बार आरजेडी और 3 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। बीजेपी अब तक सिर्फ एक ही बार जीत पाई है।
- 1952: पादरथ सिंह (सोशलिस्ट पार्टी)
- 1962: दिल्केश्वर राम (कांग्रेस)
- 1967: रघुवंश कुमरा सिंह (कांग्रेस)
- 1969: पादरथ सिंह (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
- 1972: नारायण सिंह (कांग्रेस)
- 1977: राम विलास सिंह (जनता पार्टी)
- 1980: वीरेंद्र प्रसाद सिंह (बीजेपी)
- 1985: राम विलास सिंह (लोकदल)
- 1990: राम विलास सिंह (जनता दल)
- 1995: राम राम सिंह कुशवाहा (CPI (M-L)L)
- 2000: राम राम सिंह कुशवाहा (CPI (M-L)L)
- 2005: सत्यनारायण यादव (आरजेडी)
- 2005: सत्यनारायण यादव (आरजेडी)
- 2010: सोमप्रकाश सिंह (निर्दलीय)
- 2015: बीरेंद्र यादव (आरजेडी)
- 2020: ऋषि यादव (आरजेडी)