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साहेबगंज विधानसभा सीट: राजू कुमार सिंह का जलवा रह पाएगा बरकरार?

साहेबगंज विधानसभा सीट पर 1990 से लेकर 2020 के चुनाव तक राम विचार राय और राजू कुमार सिंह के बीच ही मुकाबला होता रहा है। हालांकि, राम विचार राय अब इस दुनिया में नहीं रहे।

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साहेबगंज विधानसभा सीट, Photo Credit- KhabarGaon

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पड़ने वाली साहेबगंज विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास बहुत पुराना है। यहां पहली बार 1952 में चुनाव हुए थे। हालांकि 1957 में इसे यहां चुनाव नहीं कराए गए। इसके बाद 1962 में यहां फिर से चुनाव शुरू हुए। यह बिहार की उन सीटों में से एक है, जहां कांग्रेस तीन दशकों से कोई चुनाव नहीं जीत पाई है। कांग्रेस ने आखिरी बार यहां से 1985 में चुनाव जीता था। 


1952 से 1985 तक सिर्फ दो चुनावों को छोड़कर बाकी सभी में कांग्रेस की जीत हुई थी। बाद में 90 के दशक में जब मंडल की राजनीति शुरू हुई तो यहां जनता दल का कब्जा हो गया। साहेबगंज सीट पर एक उपचुनाव मिलाकर कुळ 17 बार चुनाव हो चुके हैं।

मौजूदा समीकरण

साहेबगंज सीट पर सबसे प्रमुख राजू कुमार सिंह हैं। राजू कुमार यहां से 4 बार चुनाव जीत चुके हैं। यहां 1990 से लेकर 2020 के चुनाव तक कभी राजू कुमार सिंह तो कभी राम विचार राय जीतते आ रहे हैं। हालांकि, राम विचार राय अब इस दुनिया में नहीं रहे। इसलिए इस बार राजू कुमार सिंह की स्थिति थोड़ी ज्यादा मजबूत मानी जा रही है। हालांकि, पिछले पांच साल में राजू कुमार सिंह कई विवादों में भी फंस चुके हैं, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में अगर आरजेडी या महागठबंधन कोई मजबूत उम्मीदवार उतारती है तो बीजेपी को नुकसान पहुंच सकता है।

 

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2020 में क्या हुआ था?

2020 के चुनाव में राजू कुमार सिंह ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) की टिकट पर चुनाव जीता था। हालांकि बाद में वह VIP छोड़कर बीजेपी में आ गए थे। 2020 में राजू कुमार सिंह ने 15 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीता था। उन्होंने आरजेडी के राम विचार राय को हराया था। राजू कुमार सिंह को 81,203 यानी 44 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, आरजेडी के राम विचार राय को 65,870 यानी 36 फीसदी वोट मिले थे।

विधायक का परिचय

यहां से मौजूदा विधायक राजू कुमार सिंह हैं। राजू कुमार अब तक कई पार्टियों में रह चुके हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) से शुरू किया था। 2005 में उन्होंने एलजेपी के टिकट पर साहेबगंज से पहली बार चुनाव जीता था।


पहली बार चुनाव जीतने के बाद राजू कुमार जेडीयू में आ गए थे। जेडीयू के टिकट से ही उन्होंने दो बार चुनाव जीता। इसके बाद वह मुकेश सहनी की वीआईपी से जुड़ गए। 2020 में वीआईपी से जीतने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में आ गए। राजू कुमार सिंह अभी नीतीश सरकार में पर्यटन मंत्री हैं।


2020 के चुनाव में दाखिल हलफनामे में राजू कुमार ने अपने पास 9.15 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्ति होने की बात बताई थी। उनके खिलाफ 10 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

 

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विधानसभा का इतिहास

इस सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 1982 का एक उपचुनाव भी शामिल है। इस सीट पर कांग्रेस 7 बार चुनाव जीत चुकी है। हालांकि, 1990 के बाद से यहां राम विचार राय और राजू कुमार सिंह के बीच मुकाबला होता रहा है।

  • 1952: ब्रजनंदन प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
  • 1962: नवल किशोर सिंह (कांग्रेस)
  • 1967: नवल किशोर सिंह (कांग्रेस)
  • 1969: यदुनंदन सिंह (निर्दलीय)
  • 1972: शिव नारायण सिंह (कांग्रेस)
  • 1977: भाग्य नारायण राय (सीपीआई)
  • 1980: नवल किशोर सिंह (कांग्रेस)
  • 1982: शिव शरण सिंह (कांग्रेस)
  • 1985: शिव शरण सिंह (कांग्रेस)
  • 1990: राम विचार राय (जनता दल)
  • 1995: राम विचार राय (जनता दल)
  • 2000: राम विचार राय (आरजेडी)
  • 2005: राजू कुमार सिंह (एलजेपी)
  • 2005: राजू कुमार सिंह (जेडीयू)
  • 2010: राजू कुमार सिंह (जेडीयू)
  • 2015: राम विचार राय (आरजेडी)
  • 2020: राजू कुमार सिंह (वीआईपी)

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