दिल्ली दंगों के आरोपी और मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ताहिर हुसैन 'इमोशन पॉलिटिक्स' पर उतर आए हैं। ताहिर हुसैन ने अपनी विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार करने के दौरान कहा है कि उनके आंसुओं की जनता लाज रख ले।
ताहिर हुसैन, आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद हैं। असदुद्दीन ओवैसी उनकी विधानसभा में जमकर जनसभाएं कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ शनिवार को ताहिर हुसैन की रिहाई का आदेश दिया था।
कब तक प्रचार करेंगे ताहिर हुसैन?
ताहिर 3 फरवरी तक चुनाव प्रचार सकेंगे। उन्हें 6 दिन की कस्टडी पैरोल मिली है। ताहिर को लेकर पुलिस 6 बजे तिहाड़ जेल से निकली। उनकी गाड़ी के आसपास भारी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। वह तिहाड़ से निकलकर सीधे मुस्तफाबाद के 25 फुडा रोड स्थित AIMIM के दफ्तर में पहुंचे। उनके स्वागत में बड़ी संख्या में समर्थक उतरे थे।
रिहा होते ही सुनाने लगे शायरी
ताहिर हुसैन ने लोगों से अपील की, 'मेरे पास कहने को बहुत कुछ है लेकिन समय नहीं है। क्या कहूं क्या रातों की तकलीफें क्या हम पर गुजरीं, बयां करूं क्या शब्दों में खामोशी के इस मंजर में कुछ लब्ज चुनिंदा रखते हैं। तुमसे मिलने की खातिर हम खुद को जिंदा रखते हैं।' ताहिर हुसैन ने यह बातें शायराना अंदाज में कही हैं।
'मेरे आंसुओं की लाज समझ लेना'
ताहिर हुसैन ने कहा, '5 साल ऊंची दीवारो में सलाखों के पीछे कैसे गुजरे, इसे सिर्फ मैं जानता हूं। मैं ज्यादा बोल नहीं पाऊंगा, ज्यादा कह नहीं सकता हूं। बस मेरे आंसुओं की लाज समझ लेना। इस बदले वक्त का अहसास समझ लेना।'
ताहिर हुसैन पर आरोप क्या हैं?
दिल्ली दंगों में साल 2020 में ताहिर हुसैन का नाम सामने आया था। आम आदमी पार्टी ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया था। इकबालिया तौर पर फरवरी 2020 में उन्होंने अपना जुर्म कबूल लिया था। उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की थी। ऐसे आरोप लगे थे कि ताहिर हुसैन, उमर खालिद और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों के साथ बैठक हुई थी। उनकी घर की छत पर कांच की बोतलें, तेजाब और पत्थर जमा हुए थे। पुलिसकर्मियों और आम लोगों पर भी हमला करने के आरोप हैं।
कब हुआ था दिल्ली में दंगा?
24 फरवरी 2020 को दिल्ली दंगे की शुरुआत हुई थी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के हिंसा में 50 से ज्यादा मौतें हुई थीं। 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। जाफराबाद, सीलमपुर, करावल नगर जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। इस दंगे में 500 से ज्यादा लोगों के खिलाफ FIR हुई थी।