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यूपी उपचुनाव: बुर्के को लेकर भड़की क्यों है सपा?

यूपी उपचुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी का दावा है मुस्लिम वोटरों को परेशान किया जा रहा है, वहीं बीजेपी का आरोप है कि मदरसों में बाहर से आए गए लोगों को ठहराया गया है।

UP By Elections 2024

यूपी चुनावों में आईडी कार्ड चेक करने पर हंगामा बरपा है। (तस्वीर-PTI)

उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं लेकिन पूरे राज्य में सियासी हंगामा बरपा है। समाजवादी पार्टी का कहना है कि अल्पसंख्यक वोटरों को परेशान किया जा रहा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि समुदाय विशेष के धार्मिक स्थलों में बाहर से आए गए लोगों को ठहराया गया है। 

भारतीय जनता पार्टी की एक और मांग है कि जो महिलाएं बुर्का पहनकर वोट देने आ रही हैं, उनकी जांच की जाए और उनका परिचय लिया जाए। बीजेपी ने यह मांग चुनाव आयोग से ही की है। यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी को बीजेपी नेता अखिलेश कुमार अवस्थी ने चिट्ठी भी लिखी है।

बुर्के पर हंगामा क्यों बरपा है?
बीजेपी नेता अखिलेश कुमार अवस्थी ने लिखा, 'कुछ पुरुष बुर्का पहनकर वोट डालने की कोशिश कर चुके हैं। कई मौकों पर चुनाव अधिकारियों ने उन्हें रोका है। अगर बुर्का पहनी महिलाओं की जांच नहीं की गई तो फर्जी वोटिंग होगी। सही जांच से निष्पक्ष और पारदर्शी वोटिंग होगी। बुर्का पहनी महिलाओं को चेक करने के लिए महिला पुलिसकर्मियों की की तैनाती की जानी चाहिए।'



समाजवादी पार्टी का कहना है?
समाजवादी पार्टी ने वोटरों की जांच करने को लेकर सवाल उठाया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वोटरों से वोटर आईडी कार्ड मांगने वाले दो पुलिसकर्मियों का एक वीडियो शेयर किया और चुनाव आयोग से इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की।

अखिलेश यादव ने कहा, 'अगर चुनाव आयोग है तो उसे सक्रिय होना चाहिए। यह तय करे कि पुलिस वोटर कार्ड की जांच न करें। सड़कें बंद न की जाएं। पहचान पत्र जब्त न किए जाएं। वोटरों को धमकाया न जाए। वोटिंग की धीमी गति न हो। समय न बर्बात करें। प्रशासन सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधि बन बनें।'



अखिलेश यादव की पोस्ट पर कानपुर पुलिस ने भी जवाब दिया है। कानपुर पुलिस ने कहा है कि वोटरों की जांच करने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है। वोटिंग के दौरान राज्य पुलिस, चुनाव आयोग के नियंत्रण में होती है।

चुनाव आयोग ने जांच को लेकर क्या किया है?
चुनाव आयोग ने पहचान पत्र जांच किए जाने की शिकायत पर एक्शन लिया है। मीरापुर और सीसामऊ में पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। अब यह आदेश दिया गया है कि मतदान कर्मी ही पहचान पत्रों की जांच करेंगे।



बीजेपी ने जवाब में क्या कहा?
बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा है कि सपा ने वोटरों का भरोसा खो दिया है, इसलिए उपचुनावों में अराजक तत्वों को भेजा है। उन्होंने कहा कि कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बुर्का पहने हुई महिलाओं की पहचान, आईडी कार्ड से नहीं हो पा रही है, बीजेपी ने इसकी मांग चुनाव आयोग से की है। बिना आईडी कार्ड मिलान के किसी को वोट न करने दिया जाए। 


किन सीटों पर हो रहे हैं चुनाव?
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटें पर उपचुनावों के तहत वोटिंग हो रही है। कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी। ये सीटें अखिलेश यादव, अवधेश प्रसाद जैसे दिग्गज नेताओं के लोकसभा में पहुंचने के बाद खाली हुई थीं। 

फर्जी वोटिंग अपराध है
फेक वोटिंग अपराध है। भारतीय दंड संहिता की धारा 1860 171डी के मुताबिक जो भी फेक वोटिंग में संलिप्त होते हैं, उन्हें 1 साल की सजा दी जा सकती है। नए अपराध, भारतीय न्याय संहिता के तहत आएंगे। भारतीय न्याय संहिता की धारा 169 से लेकर 177 चुनाव से संबंधित अपराधों को कवर करती है। 

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