हमारे देश में बॉलीवुड कलाकारों की जबरदस्त फैन फॉलोइंग हैं। कलाकारों का हमारे समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। लोग इनसे जुड़ाव महसूस करते हैं। इस वजह से बॉलीवुड के कई सितारों ने सियासत की गलियारों में एंट्री ली। कुछ लोगों ने राजनीति में अमिट छाप छोड़ी हैं। जबकि कुछ लोग बिल्कुल नहीं चले और बाद में राजनीति से किनारा कर लिया। इस लिस्ट में राजेश खन्ना, सनी देओल से लेकर स्मृति ईरानी तक का नाम शामिल हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लंबे समय बाद दोबारा पर्दे पर वापसी कर रही हैं। वह सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी विरानी के किरदार में वापस लौट रही हैं। फैंस उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। स्मृति को 2000 के दशक में इसी सीरियल से घर घर में पहचान मिली थी।
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राजनीति में नहीं चला इन सितारों का सिक्का
राजेश खन्ना
राजेश खन्ना भले ही हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन वह अपने जमाने के सुपरस्टार थे। फिल्मों में नाम कमाने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। 1991 में राजेश ने कांग्रेस की सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। 1992 में वह लोकसभा के सदस्य बने थे। हालांकि वह राजनीति में कुछ कमाल नहीं कर पाए और कुछ समय बाद पार्टी से किनारा कर लिया।
अमिताभ बच्चन
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अभी भी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी एक झलक पाने के लिए फैंस बेताब रहते हैं। बिग बी ने इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीता भी था। हालांकि बोफोर्स घोटाले में आरोप लगने के उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
गोविंदा
गोविंदा 90 के दशक के सुपरस्टार रह चुके हैं। उन्होंने फिल्मों के बाद राजनीति में कदम रखा था। साल 20024 में गोविंदा ने कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गए थे। हालांकि चार साल बाद गोविंदा ने राजनीति छोड़ दी थी और दोबारा फिल्मों में वापसी की थी।
धर्मेंद्र
सुपरस्टार धर्मेंद्र ने भी राजनीति में एंट्री ली थी। वह साल 2004 से 2009 तक बीकानेर के सांसद रहे थे। बीकानेर की जनता धर्मेंद्र उनसे नाखुश थी। हालांकि धर्मेंद्र ने कुछ समय बाद राजनीति छोड़ने का फैसला लेते हुए कहा था कि मैंने बीकानेर के लोगों को बहुत कुछ किया लेकिन मुझे श्रेय नहीं मिला।
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सनी देओल
धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल ने भी राजनीति में एंट्री ली थी। 2019 में उन्होंने बीजेपी की तरफ से गुरदासपुर से चुनाव जीता था। चुनाव जीतने के बाद सनी कभी गुरदासपुर नहीं गए और वहां की जनता ने उन्हें गुमनाम घोषित कर दिया था। उन्होंने बाद में पार्टी से किनारा कर लिया था।
विनोद खन्ना
विनोद खन्ना ने 60 के दशक में फिल्म 'मन के मीत' से डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया था। बाद में उन्होंने राजनीति में भी एंट्री ली थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।