प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म 'फुले' रिलीज होने से पहले ही विवादों में फंस गई है। ब्रह्माण समुदाय के लोगों के कहना था कि इस फिल्म के जरिए उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है। विवाद बढ़ने के बाद फिल्म की रिलीज डेट को आगे बढ़ा दिया गया था। अब इस फिल्म को 25 अप्रैल को रिलीज किया जाएगा। फिल्म को लेकर ब्राह्मण समुदाय ने नाराजगी जताई थी जिसकी वजह से रिलीज पर रोक लग गई। इस बात से फिल्म मेकर अनुराग कश्यप भड़क गए।
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर ब्रह्माण समुदाय पर आपत्तिजनक कमेंट किया था। विवाद बढ़ने के बाद निर्देशक ने माफी मांगी है। अनुराग ने माफी मांगते हुए ब्राह्मणों पर फिर तंज कसा है।
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अनुराग ने मांगी माफी
अनुराग ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'मैं माफी मांगता हूं, पर ये मैं अपने पोस्ट के लिए नहीं बल्कि उस एक लाइन के लिए मांग रहा हूं जिसकी वजह से नफरत फैलाई गई। कोई भी एक्शन या स्पीच आपकी बेटी, परिवार, दोस्त और जानने वालों से ज्यादा नहीं है। उन्हें रेप की धमकी मिल रही है जान से मारने की धमकी दी जा रही है जो खुद को संस्कारी कहते हैं। वे लोग ये सब कर रहे हैं'।
उन्होंने आगे लिखा, 'कही हुई बात वापस तो नहीं ली जा सकती और ना ही लूंगा। मुझे जो गाली देनी है दो। मेरे परिवार ने ना कुछ कहा और ना कहता है। अगर मेरी माफी ही चाहिए तो ये मेरी माफी है। ब्राह्मण लोग औरतों को बख्श दो, इतना संस्कार तो शास्त्रों में भी है। सिर्फ मुनवाद में नहीं है। आप कौन से ब्राह्मण हो तय कर लो। बाकी मेरी तरफ से माफी'।
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अनुराग ने ब्राह्मणों से किया था सवाल
अनुराग कश्यप ने ब्राह्मणों से सवाल करते हुए कहा था, 'धड़क 2 की स्क्रीनिंग के दौरान सेंसर बोर्ड ने कहा था मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है। उसी आधार पे संतोष इंडिया में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मणों को फुले से दिक्कत है। भाई जब कास्ट सिस्टम है ही नहीं तो काहे के ब्राह्मण, कौन हो आप, आपकी क्यों सुलग रही है। जब कास्ट सिस्टम था ही नहीं तो ज्योतिबा और सावित्री बाई फुले क्यों थे'। उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया था। एक यूजर को जवाब देते हुए अनुराग ने लिखा, ' मैं ब्राह्मणों पे पेशाब करूंगा कोई दिक्कत'। इस बयान के बाद विवाद और ज्यादा गहरा गया।
उन्होंने अपने अगले पोस्ट में लिखा था, ''पंजाब 95', 'तीस', 'धड़क 2', 'फुले' मुझे नहीं पता कि जातिवाद, क्षेत्रवादी, नस्लवादी सरकार के एजेंडे करने वाली कितनी फिल्मों को ब्लॉक कर दिया गया। उन्हें अपना चेहरा आईने में देखने में शर्म आती है। उन्हें शर्म आती है कि वे खुलकर बात नहीं कर सकते हैं ऐसा क्या है फिल्म में जो उन्हें परेशान कर रहा है डरपोक कहीं के'।

सेंसर बोर्ड ने भी दिए थे फिल्म में बदलाव के निर्देश
फिल्म 'फुले' ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले के जीवन पर बनी है। दोनों ने लड़कियों की शिक्षा पर 19वीं सदी में काफी जोर दिया था। 11 अप्रैल को फिल्म रिलीज होने वाली थी। विवाद की वजह से फिल्म की रिलीज डेट को आगे बढ़ा दिया गया है। साथ ही सेंसर बोर्ड ने फिल्म के कई सीन और शब्दों में बदलाव करने के लिए कहा था। फिल्म से 'मांग', 'मेहर', 'पेशवाई' जैसे शब्दों को हटाने के लिए कहा गया था। 3000 साल पुरानी गुलाम और झाड़ू बांधकर जैसे डायलॉग को बदला गया है।
फिल्म के निर्देशक अनंत महादेवन का कहना था, ''फुले 'में कुछ भी ऐसा नहीं है जिससे ब्राह्मणों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है। मैं खुद ब्राह्मण हूं। मैं अपने समुदाय के लोगों की छवि क्यों खराब करूंगा'।