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सिंगल टॉप लाइट में शूट हुआ 'कल्लू मामा' गाना, रामगोपाल क्यों बने DOP?

राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' साल 1998 में रिलीज हुई। इस फिल्म का गाना 'कल्लू मामा' खूब पॉपुलर हुआ था। इस गाने से कई किस्से जुड़े है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

Kallu Mama,

'कल्लू मामा' गाने का सीन (Photo credit: youtube)

राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' साल 1998 में रिलीज हुई थी। ये अपने समय की ब्लॉकब्सटर फिल्म थी। इस फिल्म से कलाकारों के करियर को उड़ान मिला। इस फिल्म में मनोज बाजपेयी, उर्मिला मातोंडकर, जे डी चक्रवर्ती, परेश रावल, सौरभ शु्क्ला समेत कई कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस फिल्म की कहानी मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आधारित थी जिसे लोग आज भी पसंद करते हैं। इस फिल्म का निर्देशन राम गोपाल वर्मा ने किया है।

 

 फिल्म का गाना 'कल्लू मामा' खूब पॉपुलर हुआ था। इस फिल्म के म्यूजिक कंपोजर विशाल भारद्वाज और संदीप चौटा है। विशाल भारद्वाज ने गाने 'कल्लू मामा' के लिए कुछ पंक्तिया लिखी थी। आपको जानकार हैरानी होगी कि इस फिल्म के लिरिक्स पहले थे 'गम के नीचे बम लगा दे गम को उड़ा दे कल्लू मामा'। ये स्क्रैच लिरिक्स राम गोपाल वर्मा और अनुराग कश्यप को खूब पसंद आया था।

 

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जानें कैसे बदल गया 'कल्लू मामा' के लिरिक्स

 

फिल्म के गीत लिखने के लिए स्क्रैच लिरिक्स को सॉन्ग राइटर गुलजार साहब के पास भेजा गया। उन्होंनें गाने के लिरिक्स को बदलकर लिखा, 'गोली मार भेजे में, भेजा शोर करता है, भेजे की सुनेगा तो मरेगा कल्लू, मामा कल्लू मामा'। ये लिरिक्स ना तो राम गोपाल को पसंद आया और ना अनुराग कश्यप को। गुल्जार साहब से कहेगा कौन ये बात राम गोपाल वर्मा ने ये बात कहने के लिए अनुराग कश्यप को तैयार किया क्योंकि सबसे छोटे थे। अनुराग ने गुल्जार साहब से कहा कि आपने जो कल्लू मामा के लिरिक्स लिखे हैं किसी को पसंद नहीं आया। जो विशाल ने लिखा था वह अच्छा है।

 

इसके जवाब में  गुल्जार साहब ने कहा कि बेटा पहले उर्दू में गम बोलना तो सीख लो। ये सुनकर अनुराग कमरे से बाहर चले गए और फिर क्या था राम गोपाल भी वहां से बिना कुछ बोले वापस आ गए। कुछ दिनों बाद रामगोपाल वर्मा ने गुल्जार साहब के लिरिक्स को रिकॉर्ड करने का फैसला किया।

 

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क्यों राम गोपाल वर्मा को बनना पड़ा कैमरामैन

 

अब जिस दिन इस गाने की शूटिंग होनी उस दिन सभी स्टार्स आ गए। पूरा टीम गाने को तैयार थी लेकिन फिल्म के कैमरमैन नहीं आए क्योंकि वह सोते रह गए। ऐसे में राम गोपाल वर्मा ने सोचा की वह इस गाने की शूटिंग भी खुद करेंगे। उन्होंने इस गाने के लिए सिर्फ एक टॉप लाइट का इस्तेमाल किया। उस गाने में आपको कोई और लाइट नजर नहीं आएगी। इस गाने में जेडी चक्रवर्ती उन्हें एसिस्ट कर रहे थे। वह इस फिल्म के लीड स्टार सत्या का रोल प्ले कर रहे थे। इस गाने को गायक मानो ने आवाज दी है और मजहान कामरान ने बंद कमरे में इस गाने की सिनेमेटोग्राफी की है। फिल्म में मनोज बाजपेयी ने भीखू म्हात्रे का रोल प्ले किया। इस किरदार ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इस गाने की शूटिंग के दौरान असली बीयर का इस्तेमाल हुआ लेकिन किसी भी कलाकार ने शराब नहीं पी थी।

 

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