सुपरस्टार मनोज कुमार किसी पहचान के मोहताज नहीं थे। भले ही वह हमारे बीच में नहीं लेकिन उनके काम को लोग हमेशा याद रखेंगे। उनके निधन से पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। फैंस से लेकर लेकर सेलेब्स तक उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वह शानदार अभिनेता होने के साथ-साथ सफल निर्देशक भी थे। उन्हें फैंस प्यार से भारत कुमार बुलाते थे। उन्हें यारों का यार कहा जाता है। उनके और प्राण के बीच में गहरी दोस्ती थी।
1966 में दोनों ने साथ में पहली बार फिल्म 'दो बदन' में काम किया था। प्राण को निगेटिव कैरेक्टर के लिए जाना जाता था। मनोज कुमार अपनी फिल्म 'आह' में प्राण की छवि बदलना चाहते थे। हालांकि ये फिल्म बुरी तरह से पिट गई थी और ना ही लोगों ने प्राण को पॉजिटिव किरदार में पसंद किया था। इसके बाद मनोज कुमार ने फिल्म 'उपकार' प्राण को मलंग बाबा का किरदार ऑफर किया था।
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'उपकार' से बदली प्राण की छवि
मनोज ने उनसे कहा कि आप मेरी फिल्म में मलंग बाबा को रोल करेंगे। इसके जवाब में प्राण ने कहा था, 'लाइए पहले स्क्रिप्ट पढ़ लूं। स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद उन्हें मलंग बाबा का किरदार बहुत पसंद आया था'। उन्होंने आगे कहा, 'एक बार सोच लो, मैं फिल्मों में खूंखार, शराबी, जुआरी का किरदार निभाता हूं। क्या दर्शक इस रोल में मुझे पसंद करेंगे'। मनोज अपनी बात पर कायम रहे। उन्होंने फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी। प्राण अपने समय के बहुत पांबद थे।
एक दिन सेट पर मनोज कुमार को लगा प्राण की तबीयत ठीक नहीं है। उन्होंने पूछा था, 'आपकी तबीयत तो ठीक है'। उन्होंने कहा कि मैं बिल्कुल ठीक हूं। दोनों ने साथ में एक्शन सीन शूट किया। इसक बाद फिर मनोज ने प्राण से कहा कि आप कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं। अगर कोई बात है तो बताइए।
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बहन की मौत के बावजूद सेट पर आए थे प्राण
प्राण ने फिर कहा कि दरअसल कल शाम में मेरी बहन की मौत हो गई। ये सुनकर मनोज कुमार हैरान रह गए थे कि बहन को खोने का बावजूद प्राण सेट पर पहुंच गए। मनोज ने आगे कहा, 'ऐसा कुछ था तो आपको बताना चाहिए। मैं शूटिंग कैंसिल कर देता'। प्राण ने कहा, 'मैं ऐसा हरगिज नहीं करता। आपने इतने मुश्किल से सारे कलाकारों को जुटाया है। मेरी वजह से फिल्म को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होना चाहिए'।
प्राण के निधन के बाद सदम में चले गए थे मनोज कुमार
जब मनोज कुमार ने प्राण के निधन की खबर सुनी थी तो वह सदमे में चल गए थे। उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था और बातचीत करना बंद कर दिया था। कई दिनों तक मनोज ने किसी से मुलाकात नहीं की और ना ही कुछ बोले।