देशभक्ति की फिल्में बनाकर घर-घर में मशहूर हुए मनोज कुमार अब नहीं रहे। उन्होंने पर्दे पर अपनी छवि ऐसी बना ली थी कि लोग उन्हें भरत कुमार पुकारने लगे थे। उनके प्रशंसक, उनकी देशप्रेम की वजह से बहुत आदर से देखते हैं। मनोज कुमार की फिल्मों की चर्चा राजनीति जगत में भी खूब होती थी। जब अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था, तब उन्होंने कहा था कि अब अरविंद केजरीवाल को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
मनोज कुमार का 87 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने धीरुभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना कर रहे थे। मनोज कुमार, पर्दे पर आम आदमी की भूमिका निभाते थे और भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रप्रेम पर फिल्में बनाते थे।
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मनोज कुमार ने अरविंद केजरीवाल पर क्या कहा था?
मनोज कुमार ने अरविंद केजरीवाल की जीत पर कहा था, 'आज युवा बहुत जागरूक है और जनता का गुस्सा उबल रहा है। मेरा मानना है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी सुनामी की पहली लहर है। अभी हम नहीं जानते कि इसके पीछे क्या है, ऐसा क्यों हुआ। उन्होंने पहला कदम चला है, अब उन्हें अपने वादे पूरे करने हैं। अरविंद केजरीवाल नई शर्ट हैं, उनकी सफाई बाकी है।'
'अरविंद केजरीवाल मुझसे 47 बरस पीछे'
मनोज कुमार ने कहा था कि वह यादगार और उपकार जैसी फिल्मों से समाज और देश की राजनीति में चल रही घटनाओं को दिखा चुके हैं। उन्होंने कहा था, 'मैंने केजरीवाल के आने से कई साल पहले अपनी फिल्म यादगार में आम आदमी की भूमिका निभाई थी। राजनीति के जरिए उसके आगे बढ़ने की कहानी दिखाई थी। अरविंद केजरीवाल मुझसे 47 बरस पीछे हैं।'
मनोज कुमार ने कहा था, 'फिल्म में मैंने एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया था जो विद्रोह करता है। वह कालाबाजारी करने वालों, बुरे डॉक्टरों का पर्दाफाश करता है। यहां तक कि चुनावों में पुराने राजा को भी हरा देता है। मेरा किरदार एक फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर का था।'
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मनोज कुमार कैसे बने भारत कुमार?
मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था। वह रुपहले पर्दे पर मनोज कुमार बने, फिर अपनी फिल्मों में वह भारत कुमार बने। उन्होंने 1957 में फैशन और मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा। साल 1962 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा और देशभक्ति पर एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में बनाईं।
उनकी फिल्म हरियाली और रास्ता ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाल दिखाया। उनका करियर 4 दशक तक चला। पूरब पश्चिम, उपकार, शोर, 10 नंबरी, क्रांति जैसी फिल्में उनकी खूब चर्चा में रहीं। मनोज कुमार की आखिरी फिल्म 1995 में आई मैदान-ए-जंग थी।