अफगानिस्तान के पूर्वी भाग में रविवार देर रात आए 6.0 तीव्रता के भूकंप ने एक बार फिर देश और उसके आसपास के इलाकों में भारी तबाही मचाई है। मरने वालों की संख्या 800 के पार पहुंच गई है और हजार से ज्यादा घायल हुए हैं। भारत ने आपदा की घड़ी में अफगानिस्तान के साथ खड़े होने का भरोसा दिया। प्रशासन के मुताबिक कुनार जिले में सबसे ज्यादा मौतें हुई है। नांगरहार प्रांत में करीब 9 मौतें हुई है। शहर की आबादी करीब 2 लाख बताई जा रही है।
भूकंप जलालाबाद शहर से लगभग 27 किलोमीटर दूर था। भूकंप का एपीसेंटर जमीन से करीब 8 किलोमीटर नीचे का है। इसके कारण इतने बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि, 'घायलों की संख्या सबसे ज्यादा है, चुंकि इलाकों तक पहुंचना मुश्किल है, इसलिए हमारी टीमें मौके पर मौजूद है।' कुनार में घायलों को अस्पताल में ले जाया गया है। दूरदराज इलाकों से आ रही खबरों के अनुसार मरने वालो की संख्या बढ़ने का अनुमान है।
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भारत ने पहुंचाई मदद
भूकंप से अफगानिस्तान में भारी तबाही मची है। काबुल ने अन्य देशों से मदद मांगी है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की। सभी तरह की संभावित मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया है। विदेश मंत्री ने बताया कि घायलों के लिए भोजन और राहत-बचाव के सामान भेजना शुरू कर दिया गया है। 1000 परिवारों के लिए टेंट पहुंचाया गया है। भारत की मदद के बारे में जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जानकारी दी।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बातचीत की पुष्टि करते हुए कहा कि मुत्ताकी ने भारत की सहायता के लिए जयशंकर को धन्यवाद दिया और प्रभावित लोगों को समय पर सहायता पहुंचाने का आश्वासन दिया। सोशल मीडिया पर एक बयान में पूरी जानकारी साझा की गई है।
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प्रधानमंत्री ने मदद का भरोसा दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अफगानिस्तान में आए भूकंप पर अपना दुख जताया। साथ ही यह भी भरोसा दिया कि भारत पूरी तत्परता से मदद पहुंचाएगा। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'अफगानिस्तान में आए भूकंप में हुई जान-माल की हानि से बेहद दुखी हूं। इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्राथनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत मुहैया करने के लिए तैयार है।'