5 फीट की लहरें, लाखों लोगों का रेस्क्यू, भूकंप के बाद क्या-क्या हुआ?
दुनिया
• HAWAII COUNTY 30 Jul 2025, (अपडेटेड 30 Jul 2025, 4:56 PM IST)
रूस में आए भूकंप के बाद अब दुनिया सुनामी से निपटने की तैयार कर रही है। 12 से ज्यादा देशों पर सुनामी का खतरा है। इस बीच भारतीय नागरिकों के लिए अडवाइजरी भी जारी की गई है।

रूस में भूकंप के बाद सुनामी से उठी लहरें, Photo Credit- Social Media
रूस के पूर्वी तट पर बुधवार सुबह 8.8 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके बाद से प्रशांत महासागर से जुड़े कई देशों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। जापान से लेकर अमेरिका तक लगभग 12 देशों की सरकारें सुनामी की आशंकाओं के बीच बचाव कार्यों से जुड़ी तैयारियों में जुट गई हैं। कई देशों में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं और बंदरगाहों को नुकसान भी पहुंचा है। इस बीच लोगों को समुद्री तट से दूर रहने की सलाह दी गई है।
अमेरिका के हवाई में सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। होनोलूलू में लोगों को अपने घरों से निकलकर सुरक्षित जगहों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय कॉन्सुलेट ने एक एडवाइजरी जारी करके तटीय इलाकों में रहने वाले भारतीयों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्हें समुद्री तटों से दूर रहने को कहा गया है।
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सुनामी से किन देशों को ज्यादा खतरा?
रूस- भूकंप और सुनामी का सबसे ज्यादा असर रूस के पूर्वी आइलैंड पर है। इसके चलते रूस ने अपने सखालिन, कुरिल आईलैंड पर इमरजेंसी घोषित कर दी गई है।
जापान- सुनामी की घोषणा ने जापान के लोगों को 2011 की याद दिला दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रुस में आया यह भूकंप 2011 के बाद आए भूकंपों में सबसे ज्यादा ताकतवर है। 2011 में जापान में आए भूकंप की तीव्रता 9 थी।
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने लोगों को सुनामी प्रभावित इलाके खाली करने की अपील की है। सुनामी से जापान के होकायडो और वाकायामा इलाके को सबसे ज्यादा खतरा है। यहां 9 फीट तक की लहरें उठने का डर है। अब तक जापान में 20 लाख लोगों का सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है।
अमेरिका- अमेरिका में हवाई राज्य पर सुनामी का सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है। यहां के होनोलूलू इलाके के मेयर ने जानकारी दी है कि यहां 6 फीट तक की लहरें उठने की आशंका है। उन्होंने लोगों और यहां आने वाले सैलानियों से अपील कि वे किसी भी कीमत पर समुद्र तट के पास न जाएं। हवाई के अलावा कैलिफोर्निया के भी कुछ इलाके सुनामी की चपेट में आ सकते हैं। यहां 5 फीट तक की लहरें उठ सकती हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्वीट कर लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की है।
Due to a massive earthquake that occurred in the Pacific Ocean, a Tsunami Warning is in effect for those living in Hawaii. A Tsunami Watch is in effect for Alaska and the Pacific Coast of the United States. Japan is also in the way. Please visit https://t.co/wdFzeu1I0h for the…
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 30, 2025
चीन- सुनामी का असर चीन के शांघाई पर दिख रहा है। वहां से करीब 2 लाख 80 हजार लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। यहां कई फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। चीन के झेजियांग प्रांत में समुद्री तटों पर तेज तूफान आने की आशंका भी है।
इनके अलावा मैक्सिको, न्यूजीलैंड, पेरू, फिलीपींस और इंडोनेशिया में भी सरकारें अलर्ट पर हैं।
Japan right now as Tsunami waves begin.
— Saurabh Yadav (@saurabhydv676) July 30, 2025
It's massive OMG#Tsunami #earthquake #Japan pic.twitter.com/tb45pYP1bc
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सुनामी क्या होती है?
समुद्र के भीतर होने वाली एक विनाशकारी घटना है, जो आमतौर पर भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भूस्खलन के कारण होती है। समुद्र के भीतर होने वाली इन हलचलों से उठने वाली विशाल लहरें, जो बहुत तेज़ गति से तटों की ओर बढ़ती हैं, सुनामी कहलाती हैं। समुद्र तल में आने वाले भूकंपों से सुनामी आ सकती है। जब टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो इससे समुद्र तल में अचानक हलचल होती है, जिससे पानी विस्थापित होता है और सुनामी लहरें पैदा होती हैं।
वहीं, रूस में बुधवार सुबह आए भूकंप को अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने दुनिया का छठा सबसे बड़ा भूकंप बताया है। रूसी एजेंसी के मुताबिक कमाचटका में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद इलाके में 30 और झटके महसूस किए गए।
इससे पहले अब तक का पांचवां सबसे भीषण भूकंप भी रूस के कामचटका इलाके में ही आया था। यह भूकंप 1952 में आया था और इसे दुनिया का पहला दर्ज किया गया 9 तीव्रता का भूकंप माना जाता है। उस भूकंप ने जिसने हवाई को तबाह कर दिया था और वहां 10 लाख डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था।
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क्या हिंद महासागर में भी होगा असर?
पैसिफिक इलाके में भूकंप और सुनामी की आशंका के बाद भारत के राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) ने जानकारी दी है। बताया गया है कि भारत या हिंद महासागर में सुनामी का कोई खतरा नहीं है।
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