अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की घोषणा का असर दिखना शुरू हो गया है। इस नए टैरिफ की वजह से पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर के बढ़ने का खतरा गहरा हो गया है। इसकी वजह से गुरुवार को अमेरिकी शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिली। अमेरिका बाजार के खुलने पर एप्पल जैसी उन कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान होते हुए दिख रहा है जिनकी सप्लाई चेन विदेशी मैन्युफैक्चरिंग पर आधारित है। अनुमान के मुताबिक अमेरिकी शेयरों में करीब 1.7 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान होने की संभावना बताई जा रही है।
रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी समयानुसार सुबह 09:30 बजे डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1111.20 अंक या 2.66 प्रतिशत गिरकर 41,103.63 पर आ गया। ऐसे ही S&P 500 188.27 अंक गिरकर 5,482.70 पर आ गया और नैस्डैक कंपोजिट 789.63 अंक या 4.50 प्रतिशत गिरकर 16,811.42 प्रतिशत पर आ गया।
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कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ
अमेरिकी शेयर मार्केट में यह सारी उलटफेर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद देखने को मिली है। अमेरिका ने 2 अप्रैल से भारत सहित उन सारे देशों पर टैरिफ को बढ़ाने की घोषणा की जो कि अमेरिका पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं। भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है तो वहीं बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत, चीन पर 54 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत और थाईलैंड पर 36 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की घोषणा की है। ट्रंप ने लगभग 60 देशों पर इस तरह से टैरिफ लगाए जाने की घोषणा की है।
क्या कहते हैं एक्पर्ट्स
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादा टैरिफ निवेशकों को काफी डराने वाला है। उनका कहना है कि यह अगर 10 प्रतिशत तक ही सीमित रहती तो शायद मार्केट में उछाल देखने को मिलता लेकिन बढ़े हुए टैरिफ ने सबकी चिंताएं बढ़ा दी हैं।
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ट्रंप की 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' की नीति ने उथल-पुथल मचा दिया है। अगर प्रभावी टैरिफ की बात करें तो चीन के मामले में यह 54 फीसदी तक पहुंच गया है, जिसमें पहले से लगे 20 फीसदी टैक्स भी शामिल है। टैरिफ से व्यापार पर असर पड़ेगा जिसकी वजह से रिसेशन की भी संभावना बढ़ रही है। हालांकि, यह काफी कुछ इस बात पर भी निर्भर करेगा कि बाकी के देश इस पर किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं।