भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने 2025 में अंतराराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखा। अगले साल एक और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेगा। इसका एलान अमेरिकी एजेंसी नासा ने किया है। नासा के मुताबिक जून 2026 में भारतीय मूल के अनिल मेनन अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे। यह उनका पहला अंतरिक्ष मिशन होगा। मेनन अपने मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
नासा के मुताबिक अगले साल जून में अनिल मेनन रोस्कोस्मोस सोयुज MS-29 अंतरिक्ष यान से रवाना होंगे। उनके साथ रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री प्योत्र डबरोव और अन्ना किकिना भी होंगे। मिशन की लॉन्चिंग कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से होगी। तीन यात्री ऑर्बिटिंग प्रयोगशाला में लगभग 8 महीने का समय बिताएंगे। स्पेस स्टेशन में अनिल मेनन फ्लाइट इंजीनियर और एक्सपीडिशन 75 के चालक दल के तौर पर काम करेंगे। अपने मिशन के दौरान अनिल मेनन स्पेस में कई वैज्ञानिक शोध करेंगे। नई तकनीक की जांच भी उनके मिशन का हिस्सा है। नासा का कहना है कि यह अनुसंधान अंतरिक्ष में मानव की खोज और भलाई में मदद करेंगे।
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मेनन को 2021 में अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना गया
अनिल मेनन भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। अमेरिका के मिनियापोलिस में जन्मे मेनन को साल 2021 में अंतरिक्ष मिशन के खातिर चुना गया था। शुरुआती पढ़ाई सेंट पॉल एकेडमी और मिनेसोटा के समिट स्कूल से हुई। 1995 में मेनन ने स्नातक की डिग्री हासिल की। अनिल मेनन के पास 1,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है। नासा की वेबसाइट के मुताबिक 2024 में 23वें अंतरिक्ष यात्री वर्ग के तहत स्नातक किया। अंतरिक्ष यात्री से जुड़ा प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद मेनन ने अंतरिक्ष स्टेशन उड़ान असाइनमेंट की तैयारी की।
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स्पेस फोर्स में कर्नल हैं अनिल मेनन
अनिल मेनन डॉक्टर, मैकेनिकल इंजीनियर और यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस फोर्स में कर्नल हैं। उन्होंने कैम्ब्रिज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से न्यूरोबायोलॉजी में स्नातक किया है। 2006 में कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से चिकित्सा की डिग्री हासिल की। मेनन ने स्टैनफोर्ड और गैल्वेस्टन में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच में अपनी आपातकालीन चिकित्सा और एयरोस्पेस मेडिसिन रेजीडेंसी पूरी की।