logo

ट्रेंडिंग:

IVF में हो गई भारी गड़बड़, महिला ने किसी ओर के बच्चे को दे दिया जन्म

ऑस्ट्रेलिया में IVF में गड़बड़ी से एक महिला ने किसी और के बच्चे को जन्म दिया। भ्रूण बदल गया था, कंपनी ने गलती मानी और इसे मानवीय भूल बताया है।

women with child

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Freepik

अक्षय कुमार की फिल्म 'गुड न्यूज़' में IVF तकनीक से बच्चा पैदा करने की प्रक्रिया के दौरान हुई गड़बड़ी को दिखाया गया था, जिसे आपने एक मनोरंजक कहानी के रूप में देखा। ऐसी ही एक घटना ने ऑस्ट्रेलिया में एक महिला की जिंदगी को उलट-पलट कर रख दिया। यह हैरान कर देने वाली घटना ऑस्ट्रेलिया की क्रिस्टेना मरे नाम की एक औरत के साथ हुई। इस महिला ने आईवीएफ तकनीक से बच्चे को जन्म दिया लेकिन एक गड़बड़ी के चलते उसने किसी अनजान आदमी के बच्चे को जन्म दे दिया।

 

मोनाश आईवीएफ कंपनी ने शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा कि फरवरी में इस गड़बड़ी का पता तब चला जब ब्रिस्बेन शहर में स्थित क्लीनिक ने पाया कि जन्म देने वाले माता-पिता के पास स्टोर में एक से ज्यादा भ्रूण थे। इसके बाद जांच में सामने आया कि किसी अन्य मरीज का भ्रूण गलती से महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया गया था।

 

कंपनी ने मानी अपनी गलती


यह भ्रूण ट्रांसफर ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी आईवीएफ कंपनियों में शामिल मोनाश आईवीएफ ने किया था। कंपनी ने इस गलती को मानवीय भूल बताया है। कंपनी के सीईओ माइकल नैप ने कहा, ‘मोनाश आईवीएफ में इस घटना से हम सभी लोग बहुत दुखी हैं और हम इसमें शामिल सभी लोगों से माफी मांगते हैं। हम इस बेहद मुश्किल समय में मरीजों का समर्थन करते रहेंगे।’

 

यह भी पढ़ें: 18 दिन की NIA की कस्टडी में तहव्वुर राणा, रात 2 बजे कोर्ट ने दिया आदेश

 

मोनाश आईवीएफ 1971 में खोला गया और पूरे ऑस्ट्रेलिया में दर्जनों स्थानों पर उसके क्लीनिक हैं। पिछले साल ही इस कंपनी को 700 से अधिक रोगियों की ओर से दायर एक मुकदमे से निपटना पड़ा था। इस  मुकदमे में दावा किया गया था कि इसके क्लीनिक ने संभावित रूप से कई भ्रूणों को नष्ट कर दिया था। क्लीनिक ने 5.6 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान कर इस मामले का निपटान किया।

बच्चे के जन्म के बाद से ही शक 


कंपनी के बयान के अनुसार, इस गड़बड़ी का पता फरवरी में चला। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने बताया कि बच्चे का जन्म 2024 में हुआ और जन्म के बाद से ही इस बच्चे की मां क्रिस्टेना मरे शक था क्योंकि बच्चे के माता-पिता दोनों ही गोरे थे और बच्चा काला था। क्रिस्टेना मरे ने कहा कि वह बच्चे का पालन-पोषण करना चाहती थी लेकिन उसने पांच महीने के बच्चे को अपनी मर्जी से उसके माता-पिता को दे दिया क्योंकि उसे बताया गया था कि वह बच्चे को पाने के लिए कानूनी लड़ाई नहीं जीत पाएगी। 

 

यह भी पढ़ें: बारिश बनी आफत! UP-बिहार में 60 मौत; सरकार ने 4 लाख मुआवजे का किया ऐलान


कैसे हुआ खुलासा?

 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जन्म देने वाले माता-पिता ने अपने बचे हुए भ्रूणों को दूसरे आईवीएफ प्रदाता को ट्रांसफर करने के लिए कहा। जब डॉक्टरों की टीम को स्टोर में एक भ्रूण ज्यादा मिला तो डॉकटरों में खलबली मच गई। जांच के बाद पता चला कि जो भ्रूण मां (क्रिस्टेना मरे) के गर्भ में ट्रांसफर करना था वह तो स्टोर में ही है। जिस भ्रूण से बच्चे का जन्म हुआ वह भ्रूण किसी और का था। 

 

क्या है आईवीएफ?


IVF का विस्तृत रूप इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है यह एक ऐसी तकनीक है, जिससे बच्चे नहीं होने की परेशानी झेल रहे कपल माता-पिता बन सकते हैं। इस प्रक्रिया में महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को शरीर के बाहर लैब में मिलाया जाता है। जब भ्रूण बनता है, तो उसे महिला के गर्भ में डाला जाता है। यह तकनीक तब इस्तेमाल होती है जब प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण नहीं हो पाता है। यह एक वैज्ञानिक व सुरक्षित प्रक्रिया है। 

 

यह भी पढ़ें-- AC, कार और फोन, हर साल बढ़ती गर्मी के जिम्मेदार हैं आपके 'शौक'

 

पहले भी हो चुकी हैं ऐली घटनाएं 
भ्रूण बदल जाने की यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी ऐसे कुछ मामले सामने चुके हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल और यूरोप के कई देशों में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

Related Topic:#Australia#IVF

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap