logo

ट्रेंडिंग:

4 हिस्से, मकसद आजाद बलूच, BLA के बनने से फैलने तक की कहानी क्या है?

बलूच लिबरेशन आर्मी पाकिस्तान के लिए 2 दशकों से सिरदर्द बनी हुई है। अब इस संगठन ने वहां ट्रैन ही हाइजैक कर लिया है। पूरी कहानी क्या है, विस्तार समझिए।

Baloch Liberation Army

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी। (Photo Credit: Social Media)

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 400 से ज्यादा यात्रियों से भरी एक ट्रेन पर बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने धावा बोल दिया। जाफर एक्सप्रेस नाम की यह ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी। BLA ने कुछ यात्रियों को रिहा किया है, कुछ को बंधक बनाकर रखा है। BLA ने पहले सिब्बी जिले में ट्रेन पर हमले से पहले रेलवे ट्रैक उड़ाया, फिर कब्जा जमा लिया। बलूच अलगाववादियों का दावा है कि 30 पाकिस्तानी सैनिक जवाबी कार्रवाई में मारे गए हैं।

पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बने इस आतंकी संगठन की पूरी कहानी क्या है, विस्तार से समझते हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) कौन हैं और वे एक अलग राष्ट्र की मांग क्यों कर रहे हैं? बलूचिस्तान का इतिहास क्या है, कैसे यहां हथिायरबंद आंदोलन की शुरुआत हुई है, सब समझिए विस्तार से।

बलूच लिबरेशन आर्मी क्या है?
BLA एक अलगाववादी संगठन है, जिसे पाकिस्तानी आतंकी कहते हैं। यह संगठन पाकिस्तान के बलूच प्रांत में सक्रिय है। बलूच आर्मी चाहती है कि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियां यहां से हट जाएं और बलूच को आजाद किया जाए। बलूच एक स्वतंत्र राष्ट्र बने, जिस पर पाकिस्तान का नियंत्रण न हो। BLA का गठन 2000 में हुआ था। वैश्विक राजनीति पर नजर रखने वाले विद्वानों का मानना है कि साल 1973 से 77 के बीच आजाद बलूच के आंदोलन का विस्तार ही बलूच लिबरेशन आर्मी है। उनका प्रदर्शन कुछ हद तक शांतिपूर्ण रहा लेकिन इस सेना के इरादे बेहद साफ हैं।

यह भी पढ़ें: 80 बंधक रिहा, BLA के 13 लड़ाके मारे गए; ट्रेन हाईजैक की अब तक की कहानी

पाकिस्तान से नफरत क्यों, क्या चाहती है BLA?
बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों, गैस और खनिजों से भरा है। यह पाकिस्तान की सबसे पुरानी पहाड़ियों में से एक है। बलूचिस्तान के लोग आरोप लगाते हैं कि उन्हें पाकिस्तानी सेनाओं का अत्याचार झेलना पड़ता है, उनके संसाधनों पर पाकिस्तान हक जमाता है, पाकिस्तानी सरकार और विदेशी कंपनियां यहां इन संसाधनों का शोषण करती हैं। स्थानीय बलूचों को यहां की संपदा में हिस्सेदारी नहीं मिलती। उन्हें पलायन करना पड़ता है। बलूचिस्तान में पनप रहे असंतोष ने बलूच राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया। आजाद बलूच के लिए अब हिंसक संघर्ष हो रहे हैं। पाकिस्तान में हुए कई धमाकों के लिए वहां की सेना और खुफिया एजेंसियां बलूच को ही जिम्मेदार बताती रही हैं।

अलगाववादी है या आतंकी संगठन है BLA?
बलूच आंदोलनकारी खुद को सैनिक ही बताते हैं। पाकिस्तानी सरकार ने बलूच आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। साल 2019 में अमेरिका ने भी इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया।

 

पाकिस्तान-चीन से नफरत क्यों है?
बलूच आर्मी को पाकिस्तान में चीन की बढ़ती दखल नहीं पसंद है। BLA ने पाकिस्तानी सेना, सुरक्षाबलों, नागरिकों, चीनी नागरिकों पर कई हमले किए हैं। ग्वादर पोर्ट परियोजनाओं से जुड़े लोगों पर जानलेवा हमले किए हैं। उनका मानना है कि यह सब बलूचों के हितों के खिलाफ है।बलूच चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का विरोध करते हैं। यह एक एक महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, जिसमें चीन और पाकिस्तान के बीच सड़क, रेलवे, और ऊर्जा परियोजनाओं को अंजाम देना है। इसकी कुल लागत $62 बिलियन से ज्यादा है। 

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक: फायरिंग जारी, अफगानिस्तान में मास्टरमाइंड


CPEC का मकसद चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को कनेक्ट करना है। CPEC परियोजनाओं के खिलाफ बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) जैसे संगठनों ने लगातरा हमला किया है। बलूच विद्रोहियों ने कई बार चीनी नागरिकों, CPEC से जुड़े पाकिस्तानी अधिकारियों, और ग्वादर पोर्ट पर धावा बोला है। कई बार ये हमले जानलेवा साबित हुए हैं। 

कहां से आई है BLA में इतनी हिम्मत?
बालूचिस्तान लिबरेशन आर्मी मजबूत आतंकी संगठन में तब्दील हो गया है। BLA की सबसे बड़ी ताकत इसे फिदायीन हैं। बलूच आर्मी के फिदायीन गुट का नाम 'मजीद बिग्रेड' है। इस संगठन के कई हिस्से हैं।

BLA एक, हिस्से अनेक, समझिए कैसे

मजीद बिग्रेड: यह बलूच आर्मी का आत्मघाती संगठन है। इन्हें बड़े हाई प्रोफाइल हमलों के लिए तैयार किया जाता है। इसके फिदायीन जान देने-लेने के लिए तैयार रहते हैं।

फतेह स्क्वाड: हमलों से पहले इनका काम रणनीति तैयार करना होता है। सधी हुई रणनीति अपनाने के बाद ही हमले का प्लान तैयार किया जाता है। 

स्पेशल टैक्टिकल ऑपरेशंस स्क्वाड (STOS): यह बिग्रेड योजनाबद्ध तरीके से हमलों को अंजाम देती है। मौजूदा हमला, सभी संगठनों के सहयोग से किया गया है। 

जिराब: यह BLA की खुफिया शाखा है। जैसे पाकिस्तान के पास ISI है, इजरायल के मोसाद है, कुछ हद तक इस संगठन का काम भी वैसा ही है। बलूच खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते हैं।  

कब से शुरू हुआ है बलूच आंदोलन?
बलूच आंदोलन का इतिहास पुराना है। यहां खनात ऑफ कलात का शासन  हुआ करता था। 19वीं सदी में अंग्रेजों ने इसे अपने अधीन किया और ब्रिटिश इंडिया का हिस्सा बनाया। 11 अगस्त 1947 को खानत ऑफ कलात ने खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया था। 27 मार्च 1948 को पाकिस्तान ने हमला बोला और बलूचिस्तान को मिला लिया लिया। 1970 के दशक में बलूच आंदोलन ने रफ्तार पकड़ी थी। तब पाकिस्तान में जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार थी।

जुल्फिकार भु्टो ने बलूचिस्तान सरकार को भंग कर दिया था, तब बलूचों ने सशस्त्र विद्रोह छेड़ दिया था। 80 हजार पाकिस्तानी सैनिको ने बलूच पर हमला बोला था। हजारों लोगों की मौत हुई थी। यह आंदोलन बाद के दिनों में गुरिल्ला वार तक सिमट गया था। 2000 के दशक में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने संगठित किया। तब से लेकर अब तक यह सेना, पाकिस्तान के लिए चुनौती बनी हुई है।

BLA का सुप्रीम लीडर कौन है?
BLA का आधिकारिक तौर पर घोषित लीडर बेहद गोपनीय है। बलूच के राष्ट्रवादी नेता नवाब खैर बख्श मर्री को बलूचों की प्रेरणा कहे जाते हैं। उनके बाद उनके बेटे नवाबजादा बलाच मर्री बलोच आंदोलन के नेता हुई, जिन्होंने BLA के गठन में अहम भूमिका निभाई थी। साल 2007 में उनकी भी मौत हो गई थी। बचाल मर्री के भाई हीरबयार मर्री को BLA की लीडरशिप मिली थी, वह ब्रिटेन में रहते हैं। उन्होंने औपचारिक तौर पर इस संगठन से खुद को अलग रका है। असलम बलोच के बारे में कहा जाता है कि वह बलोच का नेतृत्व कर रहे हैं लेकिन इसके पदाधिकारियों के पते गुप्त रखे जाते हैं।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap