शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति खतरनाक तरीके से बिगड़ती जा रही है। इसको लेकर बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि देश की स्थिति को लेकर कहा कि 'अब बहुत हो गया है।'
जनरल वकार ने कहा, 'पिछले सात-आठ महीनों से मैं बहुत सह चुका हूं।" उन्होंने आगे कहा कि देश में लोग एक-दूसरे को बदनाम करने में व्यस्त हो गए हैं और इससे देश की स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में पड़ रही है।
'हमने देश में जो अराजकता देखी है'
जनरल वकार ने सेना के एक कार्यक्रम में कहा, 'हमने देश में जो अराजकता देखी है, वह हमारी अपनी बनाई हुई है।' कानून के कमजोर पड़ने के बारे में गंभीर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि सीनियर रैंक से लेकर जूनियर पुलिस अधिकारी अपने सहकर्मियों के न्यायिक मामलों या जेल जाने को लेकर डरे हुए हैं।
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जनरल वकार ने कहा कि बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था का पतन होने के मुहाने पर है। उन्होंने देश में स्थिरता बनाए रखने में सशस्त्र बलों की बढ़ती जिम्मेदारी पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रीय एकता और संस्थागत अनुशासन की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर आंतरिक संघर्षों की वदह से बांग्लादेश की संप्रभुता खतरे में है।
'मैं आपको चेतावनी देता हूं'
उन्होंने बांग्लादेश के लोगों से अपील करते हुए उन्हें चेतावनी दी। जनरल ने कहा, 'अगर आप अपने मतभेदों से आगे नहीं बढ़ सकते और आपस में लड़ाई जारी रखते हैं। अगर आप एक-दूसरे को घायल करना और मारना जारी रखते हैं तो देश की स्वतंत्रता व अखंडता खतरे में पड़ जाएगी। मैं आपको चेतावनी देता हूं।'
राजनीतिक पार्टियों पर साधा निशाना
जनरल ज़मान वकार ने किसी भी राजनीतिक पार्टी की नाम लिए बगैर एक दूसरे पर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के खेल की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'क्योंकि हितधारक एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं इसलिए बदमाशों को यह स्थिति अनुकूल लगती है। उन्हें लगता है कि वे कुछ भी करके बच सकते हैं।'
उन्होंने बांग्लादेश के लोगों के एक और चेतावनी देते हुए कहा कि छात्रों के नेतृत्व वाली क्रांति ने भले की शेख हसीना सरकार को उखाड़ दिया, लेकिन देश अब खतरे में हैं।