बांग्लादेश में जाने-माने अर्थशास्त्री अब्दुल बरकत को गिरफ्तार कर लिया गया है। बांग्लादेश पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांड (DB) ने आधी रात को अब्दुल बरकत को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DB) के जॉइंट कमिश्नर नसीरुल इस्लाम ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, 'हमने अब्दुल बरकत को एंटी-करप्शन कमीशन (ACC) के मामले में एक आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया है।' उन्होंने बताया कि अब्दुल बरकत को अब ACC को सौंपा जाएगा।
अब्दुल बरकत शेख हसीना की सरकार में जनता बैंक के अध्यक्ष थे। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, शेख हसीना की सरकार के दौरान जब अब्दुल बरकत जनता बैंक के चेयरमैन थे, तब उन्होंने कई लोगों के साथ मिलकर गबन किया था। इस मामले में अब्दुल बरकत समेत 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
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बेटी का दावा- बिना वारंट के पिता को ले गए
अब्दुल बरकत के बेटी अरुणी बरकत ने ANI को बताया, 'कल रात 20-25 लोग खुद को DB पुलिस बताकर मेरे पिता के बेडरूम में घुसे और उन्हें अपने साथ ले गए।' अरुणी ने दावा किया है कि उन्होंने कोई वारंट भी नहीं दिखाया था।
उन्होंने कहा, 'हमें मीडिया से मामले के बारे में पता चला। किसी ने हमें इस बारे में नहीं बताया। कोई भी जांच करने नहीं आया। अगर जांच करने आता तो हम निश्चित रूप से सहयोग करते।' उन्होंने कहा कि वे कानूनी रूप से मुकदमा लड़ने के लिए तैयार हैं।
हम किसी भी जांच में सहयोग करेंगेः अरुणी
अरुणी ने आगे कहा, 'मेरे पिता ने ढाका यूनिवर्सिटी में 40 साल तक पढ़ाया। वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे। मेरी मां भी एक टीचर थीं। मैंने अपने पिता को केवल लोगों की भलाई करते देखा। हमें निराशा है कि उन्हें बिना किसी जांच के गिरफ्तार कर लिया गया।' उन्होंने कहा, 'हम ACC की किसी भी जांच में पूरा सहयोग करेंगे।'
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मगर यह पूरा मामला क्या है?
यह पूरा मामला धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस मामले में ACC ने अब्दुल बरकत और बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अतिउर रहमान समेत 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, उन पर आरोप है उन्होंने Anontex कंपनी के जरिए 297 करोड़ टका (करीब 2,500 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी की थी। आरोप है कि जब अब्दुल बरकत जनता बैंक के चेयरमैन थे, तब उन्होंने बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अतिउर रहमान के साथ मिलकर Anontex Group की कंपनियों को लोन दिलवाया था।
ACC ने इस मामले में 20 फरवरी को केस दर्ज किया था। आरोप है कि आरोपियों ने कथित तौर पर धोखाधड़ी औऱ जालसाजी के जरिए जनता बैंक से 297.38 करोड़ टका का गबन किया था।