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बोको हरम का दोजख़! नाइजीरिया में नर्क की जिंदगी जीने को मजबूर लोग

कुपोषण, डकैती और अपहरण, आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिक्षा-स्वास्थ्य और अस्थिरता यह वो समस्याएं हैं, जिन्होंने अफ्रीकी देश नाइजीरिया को जकड़ लिया है।

nigeria food crisis

प्रतीकात्मक तस्वीर। Photo Credit- AI

कुपोषण, डकैती और अपहरण, आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिक्षा-स्वास्थ्य और अस्थिरता यह वो समस्याएं हैं, जिन्होंने अफ्रीकी देश नाइजीरिया को जकड़ लिया है। इन समस्याओं का सबसे बुरा असर अगर किसी पर पड़ा है तो वह नाइजीरिया के आम लोग हैं। इनसे सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र पूर्वोत्तर और उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया है। यहां लगभग 50 लाख बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में लाखों लोग सालों से गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं। 

 

संकटग्रस्त पूर्वोत्तर नाइजीरिया डेढ़ दशक से खूंखार आतंकी संगठन बोको हराम द्वारा फैलाई जा रही हिंसा की चपेट में है। इस क्षेत्र में सालों से चली आ रही असुरक्षा ने खाद्य आपूर्ति को बाधित कर दिया है। उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में बोको हराम इसी तरह की उथल-पुथल मचा रहा है। हिंसा की वजह से इन क्षेत्रों में भूख का संकट पैदा हो गया है। इन समस्याओं से निपटने के लिए नाइजीरिया की केंद्र और राज्य सरकारें संघर्ष कर रही हैं।

 

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बोको हराम का आंतक

दरअसल, आतंकी संगठन बोको हराम नीइजीरिया में हिंसा फैलाने के अलावा वहां डकैती, अपहरण और आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। संगठन के डर की वजह से कोई भी बड़ी कंपनी यहां उद्योग यूनिट लगाने से कतराती हैं, जिसकी वजह से यहां रोजगार के अवसर लगभग ना के बराबर हैं।

गंभीर हुई कुपोषण और भुखमरी

इस साल कुपोषण और भुखमरी की समस्या और भी गंभीर हो गई है। सहायता संगठनों को भारी और वित्तीय कटौती का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, पूर्वोत्तर नाइजीरिया में 23 लाख विस्थापित लोग बद से बदतर हालात में रहते हैं, इन लोगों के लिए ये सहायता संगठन खाने-पीने की चीजों से लेकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में मदद करते हैं। मदद करने में आगे रहने वाले संगठन अमेरिका से मिलने वाले पैसों पर निर्भर रहते हैं लेकिन इसी साल फरवरी से अमेरिका ने इन संगठनों को जो मदद करता था उसमें लगभग 75 फीसदी की कटौती कर दी है। इससे क्षेत्र में संगट और गहरा गया है।

डोनाल्ड ट्रंप की कार्रवाई का असर

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर सहायता कार्यक्रमों में 75 फीसदी तक कटौती कर दी है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme), संयुक्त राष्ट्र की खाद्य सहायता एजेंसी है। यह एजेंसी दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सहायता प्रदाता है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने अगस्त में पूर्वोत्तर नीइजीरिया में अपने आधे से ज्यादा पोषण क्लीनिक को बंद कर दिया है। इसकी वजह से यहां 3,00,000 बच्चे कुपोषण का सामना कर रहे हैं।

 

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खाद्य संकट की बड़ी वजह असुरक्षा

उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया में सबसे ज्यादा खाने की कमी देखने को मिल रही है। हालांकि, इस क्षेत्र में बोको हराम के संघर्ष शुरू करने के बाद से यहां खाद्य आपूर्ति कम हो गई है। लगातार शुष्क होते जा रहे इस क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के झटकों ने समस्याओं को और बढ़ा दिया है।

 

बोको हराम इस क्षेत्र पर नियंत्रण करना चाहता है और 2011 से सक्रिय है। इस समूह की गतिविधियाँ मुख्यतः बोर्नो, पूर्वोत्तर के पड़ोसी राज्यों और सीमा पार नाइजर, चाड और कैमरून में हैं। 2014 में चिबोक में छात्राओं के अपहरण के लिए इसने वैश्विक स्तर पर कुख्याति प्राप्त की। आंतरिक कलह और नाइजीरिया की सैन्य प्रतिक्रिया ने हाल के वर्षों में इस समूह की क्षमता को कम कर दिया है, लेकिन यह अभी भी कुछ क्षेत्रों पर नियंत्रण रखता है, और एक अलग गुट ISIL (ISIS) से संबद्ध है। इस समूह के हमलों में 35,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, और 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

 

बोको हराम का क्षेत्र पर नियंत्रण 

दरअसल, बोको हराम इस क्षेत्र पर नियंत्रण करने के लिए साल 2011 से सक्रिय है। इस समूह की गतिविधियां बोर्नो, पूर्वोत्तर के पड़ोसी राज्यों और सीमा पार नाइजर, चाड और कैमरून में हैं। 2014 में चिबोक में छात्राओं के अपहरण के लिए इसने वैश्विक स्तर पर कुख्याति प्राप्त की। इसमें बोको हराम ने सैकड़ों स्कूली छात्रों का अपहरण कर लिया था। आंतरिक कलह और नाइजीरिया की सैन्य प्रतिक्रिया ने हाल के वर्षों में इस समूह की क्षमता को कम किया है, लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों पर इसकी नियंत्रण है। 

35,000 से ज्यादा लोग मारे गए

बोको हराम के अबतक के हमलों में 35,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित होने पर मजबूर हुए हैं। हालांकि, नाइजीरियाई सेना ने कुछ हद कर संगठन की गतिविधियों पर रोक लगाई है और इसे समेट दिया है। मगर,  सेना के नियंत्रण से बाहर के ग्रामीण इलाकों में बोको हराम एक तरह की सरकार की तरह काम करता है और पैसा कमाने के लिए ग्रामीणों का शोषण करता है। हथियारबंद आतंकवादी खेती के लिए जमीन का इस्तेमाल करने के लिए उनसे टैक्स वसूलते हैं।

 

गांवों में खेती करने वाले किसानों के लिए ये टैक्स अक्सर उनकी जेब पर भारी पड़ते हैं। कुछ मामलों में अगर बोको हराम किसानों को सेना का मुखबिर मानता है तो उन्हें गोली मार देता है। जनवरी में ही आतंकी संगठन ने बागा शहर में 40 किसानों को मार डाला था। बोको हराम इसी तरह से मछुआरों को भी मारता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बोको हराम इन क्षोत्रों में सालों से हिंसा और मार-काट कर रहा है। बोको हराम का नीइजीरिया के इन क्षेत्रों में जैसे-जैसे प्रभाव बढ़ रहा है वैसे-वैसे देश में खाद्य संकट बढ़ रहा है।

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