ब्राजील के रियो में चल रही BRICS समिट में पहलगाम अटैक की निंदा करते हुए आतंकवाद से निपटने का आह्वान किया गया है। समिट में BRICS ने डिक्लेरेशन जारी कर पहलगाम हमले की निंदा की। वहीं, इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद का समर्थन अस्वीकार्य होना चाहिए।
BRICS ने अमेरिका का नाम लिए बगैर डिक्लेरेशन में 'अंधाधुंध टैरिफ' बढ़ाने की आलोचना की और कहा कि इससे वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचने का खतरा है। इसके साथ ही BRICS ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में तत्काल सुधार करने की जरूरत पर जोर दिया। इसके अलावा, BRICS ने ईरान पर अमेरिकी हमले और गाजा में इजरायली हमलों की निंदा भी की।
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पहलगाम अटैक पर क्या कहा?
BRICS नेताओं ने डिक्लेरेशन में पहलगाम अटैक की निंदा की। इसमें पहलगाम अटैक की निंदा करते हुए आतंकवाद के सभी रूपों में आपराधिक और अनुचित ठहराया गया है।
डिक्लेरेशन में कहा गया, 'हम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हैं, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। हम आतंकवादियों की सीमा पर आवाजाही, आतंकवाद की फंडिंग, उनके पनाहगारों और आतंकवाद से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
इसमें कहा गया है कि आतंकवादी गतिविधियों और उनके समर्थन में शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है, 'हम आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस अपनाने और आतंकवाद से निपटने के दोहर रवैये को खारिज करते हैं।'
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आतंकवाद मानवता के लिए खतराः मोदी
BRICS ने डिक्लेरेशन में संयुक्त राष्ट्र के घोषित सभी आतंकियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की बात कही। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।
उन्होंने कहा, 'आतंकवाद, आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बनकर खड़ा है। हाल ही में भारत ने एक अमानवीय और कायरतापूर्ण आतंकी हमले का सामना किया। 22 अप्रैल को, पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, भारत की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर सीधा प्रहार था। यह हमला केवल भारत पर नहीं, पूरी मानवता पर आघात था।'
पीएम मोदी ने कहा, 'आतंकवाद की निंदा हमारा ‘सिद्धांत’ होना चाहिए, केवल ‘सुविधा’ नहीं। अगर पहले यह देखेंगे कि हमला किस देश में हुआ, किसके विरुद्ध हुआ, तो यह मानवता के खिलाफ विश्वासघात होगा।'
उन्होंने कहा, 'आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर कोई संकोच नहीं होना चाहिए। आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू में नहीं तौल सकते। निजी या राजनीतिक स्वार्थ के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, किसी भी अवस्था में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को लेकर कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। अगर हम यह नहीं कर सकते तो यह प्रश्न स्वाभाविक है कि क्या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर हम गंभीर हैं भी या नहीं?'
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गाजा को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
हिंदी में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने गाजा के हालात पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, 'पश्चिम एशिया से लेकर यूरोप तक, आज विश्व विवादों और तनावों से घिरा हुआ है। गाजा में जो मानवीय स्थिति है, वह बड़ी चिंता का कारण है। भारत का अडिग विश्वास है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, मानवता की भलाई के लिए शांति का पथ ही एकमात्र विकल्प है।'
उन्होंने कहा, 'भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है। हमारे लिए युद्ध और हिंसा का कोई स्थान नहीं है। भारत हर उस प्रयास का समर्थन करता है, जो विश्व को, विभाजन और संघर्ष से बाहर निकालकर, संवाद, सहयोग और समन्वय की ओर अग्रसर करे, एकजुटता और विश्वास बढ़ाए। इस दिशा में, हम सभी मित्र देशों के साथ, सहयोग और साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।'