राजनीतिक अंदरूनी कलह के बीच जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब कनाडा का अगला पीएम कौन होगा इसको लेकर रेस तेज हो गई है। पीएम की दावेदारी के लिए कई लोग सामने आए हैं जिसमें कुछ भारतीय मूल के भी लोग शामिल हैं।
इस रेस में भारतीय मूल की अनीता आंनद और जॉर्ज चहल का नाम सबसे आगे हैं। वहीं, क्रिस्टिया फ्रीलैंड भीं दावेदारी में शामिल हैं। पीएम उम्मीदवार कौन होगा? यह तय करने की जिम्मेदारी भारतीय मूल के सचित मेहरा को सौंपी गई है।
कौन हैं अनीता आनंद?
अनीता आनंद मौजूदा सरकार में परिवहन मंत्री और आंतरिक व्यापार मंत्री का पद संभाल रही हैं। वह पीएम पद की रेस में सबसे आगे दिख रही हैं। तमिलनाडु और पंजाब से उनका गहरा नाता है। राजनीति में अच्छी समझ रखने वाली अनीता ने कोविड काल के दौरान बेहतरीन काम किया था। उन्हें उस दौरान काफी लोकप्रियता भी हासिल हुई थी। कनाडा में बसे भारतीय मूल के लोगों के बीच भी अनीता की एक अच्छी छवि बनी हुई है।
जॉर्ज चहल के बारें में आप कितना जानते है?
भारतीय मूल के जॉर्ज चहल के भी कनाडाई पीएम बनने की संभावना अधिक हैं। चहल ने एक वकील और कम्युनिस्ट लीडर के तौर पर कैलगरी सिटी काउंसलर के रूप में विभिन्न समितियों में काम किया है। मौजूदा समय में वह प्राकृतिक संबंधी स्थायी समिति और सिख कॉकस के अध्यक्ष भी हैं। इस समय चहल चर्चाओं में इसलिए भी बने हुए हैं क्योंकि वह भी ट्रूडो सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे थे।
सबसे टॉप उम्मीदवार क्रिस्टिया फ्रीलैंड
ट्रूडो सरकार में उप-प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रहीं क्रिस्टिया फ्रीलैंड को पीएम पद के दावेदार के रूप में सबसे आगे माना जा रहा है। उनके पास अंतरराष्ट्रीय अनुभव बहुत अधिक है। विदेश मामलों की कमान संभालते हुए उन्होंने देश को अमेरिका और मैक्सिको के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत करने में मदद की थी। उन्होंने कोविड-19 महामारी के लिए कनाडा की वित्तीय प्रतिक्रिया की प्रभारी भी रह चुकी हैं।
पीएम पद की रेस और कौन-कौन?
पियरे पोलिएवर, मार्क कार्नी, डोमिनिक लेब्लांक, मेलानी जोली भी पीएम पद की दावेदार हैं। बता दें कि मेलानी को ट्रूडो का करीबी माना जाता है।
किसे मिली है पीएम उम्मीदवार चुनने की जिम्मेदारी?
कनाडा का अगला पीएम चुने जाने तक ट्रूडो कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। हालांकि, लिबरल पार्टी का नेता चुनने की जिम्मेदारी सचित मेहरा को सौंपी गई है। भारतीय मूल के कनाडाई बिजनेसमैन इस समय लिबरल पार्टी के प्रेसिडेंट हैं। उनके पिता दिल्ली के रहने वाले थे और 1960 के दशक में वो कनाडा शिफ्ट हो गए थे। ईस्ट इंडिया कंपनी रेस्टोरेंट्स के मालिक होने के साथ-साथ सचित दूसरे बडे़ बिजनेस भी संभाल रहे हैं। वह 1954 से अपना फैमिली बिजनेस संभाल रहे हैं।