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भविष्य के युद्ध कैसे होंगे? CDS अनिल चौहान ने 4 पॉइंट्स में बताया

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान शांगरी-ला डायलॉग में हिस्सा लेने सिंगापुर दौरे पर हैं। उनके कई बयानों पर चर्चा हो रही है। पढ़ें अब उन्होंने युद्ध पर क्या कहा है।

CDS Anil Chauhan

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान। (Photo Credit: PTI)

देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शांगरी-ला डायलॉग में'डिफेंस इनोवेशन सॉल्यूशंस फॉर फ्यूचर चैलेंजेस' पर अपने भाषण में कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और युद्ध के तरीके भी बदल बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित होती तकनीक युद्ध के तरीकों को बदल रही है। उन्होंने कहा कि तकनीक का प्रसार नॉन स्टेट एलीमेंट्स को ताकत दे रहा है, जिससे छद्म युद्ध और अस्थिरता बढ़ रही है। 

नॉन स्टेट एलीमेंट उन तत्वों को कहते हैं, जिन्हें विद्रोही या आतंकी संगठनों का नाम दिया जा सकता है। भारत पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक ऐसे ही समूहों से चौतरफा घिरा हुआ है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से लेकर बांग्लादेश की अस्थिरता तक, ऐसी तमाम वजहें हैं, जिनके चलते प्रॉक्सी वार का संकट मंडरा रहा है।

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भविष्य के युद्ध कैसे होंगे? CDS ने बताया
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा भविष्य के युद्ध पुराने तरीकों से बेहद अलग होंगे। उन्होंने भारत के रक्षा विकास के लिए अनुकूलन, नई खोज और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने निजी उद्योगों के साथ मिलकर डिफेंस इकोसिस्टम बनाया है और रणनीति-आधारित एडांसमेंट पर काम किया है। उन्होंने बताया कि भविष्य के युद्ध इन चार तरीकों पर निर्भर करेंगे- 

  1. हर सेक्टर में सेंसर का इस्तेमाल, सटीक और सधी जानकारी
  2. लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइलें और सटीक हथियार
  3. ह्युमन और ऑटोमैटेज सिस्टम का बेहतर गठजोड़
  4. AI, मशीन लर्निंग, लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स और क्वांटम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
      

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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में कई अहम मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को शुरू हुए भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण सैन्य टकराव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 300 किलोमीटर अंदर तक घुसकर ऑपरेशन को अंजाम दिया। जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत को ऑपरेशन के दौरान कुछ लड़ाकू विमानों का नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने विमान खोए गए या उनमें राफेल विमान शामिल थे या नहीं। रॉयटर्स को दिए एक अलग इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि शुरुआती नुकसान के बाद भारत ने अपनी रणनीति में तेजी से बदलाव किया। 

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