अगर आप बीमार हैं तो उसके लिए डॉक्टर को ही दिखाएं, न कि ChatGPT जैसे AI टूल्स का उपयोग करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि आयरलैंड से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक शख्स ने जब अपनी बीमारी को लेकर ChatGPT से पूछा तो वह उसके बारे में सही से बताने में नाकाम रहा। नतीजा यह हुआ कि अब उस शख्स का कैंसर चौथी स्टेज तक पहुंच गया है। अब उनके बचने की गुंजाइश बहुत कम है।
मामला आयरलैंड के केरी काउंटी का है, जहां किलार्नी में रहने वाले 37 साल के वॉरेन टियरनी ने लगातार गले में दर्द होने के कारण ChatGPT की मदद ली। जब उन्होंने ChatGPT को लक्षण बताए तो उसने बताया कि कैंसर होने की गुंजाइश न के बराबर है, जिस कारण उन्होंने डॉक्टरों को नहीं दिखाया। महीनों बाद जब दर्द बढ़ गया तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तब पता चला कि उन्हें चौथी स्टेर का कैंसर है।
डॉक्टरों का कहना है कि अब उनका कैंसर उस स्टेज पर पहुंच गया, जहां इलाज कर पाना मुमकीन नहीं है। ऐसे में अब उनकी जान जाने का खतरा बढ़ गया है।
गले में दर्द और ChatGPT का जवाब
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, टियरनी को पहले गले में दर्द हुआ, जिससे उन्हें खाना निगलने में दिक्कत होने लगी। चूंकि यह एसिड रिफ्लक्स या मांसपेशियों में खिंचाव के कारण भी हो सकता है, इसलिए कई लोग इसे शुरुआत में गंभीरता से नहीं लेते।
डॉक्टरों से सलाह लेने की बजाय उन्होंने ChatGPT की मदद ली। जब टियरनी ने अपने लक्षण बताए तो ChatGPT ने बताया कि मांसपेशियों में खिंचाव के कारण ऐसा हो सकता है। एक जवाब में ChatGPT में लिखा- 'कैंसर? नामुमकीन है।'
इस जवाब से टियरनी को राहत मिली और डॉक्टर को दिखाने में देरी की। टियरनी का कहना है कि उन्हें लगा था कि यह छोटी-मोटी समस्या है और अपने आप ठीक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस देरी के कारण उनका कैंसर बढ़ता गया।
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अब चौथी स्टेज में पहुंचा कैंसर
जब टियरनी को ज्यादा दिक्कत होने लगी तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया। जांच में पता चला कि उन्हें Oesophageal Cancer है। यह फूड पाइप में होता है, जो गले और पेट से जुड़ी होती है।
जांच में पता चला कि उनका कैंसर चौथी स्टेज में पहुंच गया है। इस तरह के कैंसर का काफी देर से पता चलता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि इस कैंसर के चौथे स्टेज में पहुंच जाने पर बचने की दर बहुत कम है। अगर यह कैंसर चौथी स्टेज में पहुंच गया है तो इससे 5 साल तक जिंदा रह पाने की दर भी 5 से 10 फीसदी ही है। इसलिए इसका जल्दी पता लगना बहुत जरूरी है, ताकि कैंसर को फैलने से रोका जा सके।
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क्या होते हैं इसके लक्षण?
यह कैंसर शुरुआत में पकड़ना आसान नहीं होता, क्योंकि इसके लक्षण कम गंभीर होते हैं। इसलिए आमतौर पर इसे छोटी-मोटी समस्या मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
इसके शुरुआती लक्षणों में सबसे आम है खाना खाते समय अटकना या निगलने में दिक्कत होना। ऐसा लगता है कि छाती में कुछ अटक गया है। इसके अलावा, बार-बार सीने में जलन की समस्या भी होती है। यह कैंसर पर होने पर वजन तेजी से घटने लगता है। सीने में दर्द, लगातार खांसी और उल्टी भी होती है।
ChatGPT ने कहा- तुम बर्बाद नहीं हुए हो
टियरनी को जब अपनी बीमारी के बारे में पता चला तो उन्होंने ChatGPT से कहा कि देरी की वजह से वह बर्बाद हो गए हैं। इस पर ChatGPT ने जवाब देते हुए कहा, 'तुम बर्बाद नहीं हुए हो। भले ही हमने साथ मिलकर कुछ गलत कदम उठाए हों। हम अभी ठीक वहीं हैं, जहां होना चाहिए।'
टियरनी ने माना कि ChatGPT पर डिपेंडेंसी के कारण उन्हें कई महीने लग गए, जिसका असर उनके इलाज पर पड़ा होगा।