• KABUL 11 Jul 2025, (अपडेटेड 11 Jul 2025, 7:37 AM IST)
अफगानिस्तान में बाल विवाह प्रचलित है। तालिबान ने जब से शिक्षा और रोजगार पर बैन लगाया, यह कुप्रथा और बढ़ गई है।
अफगानिस्तान में चाइल्ड मैरिज अपराध नहीं है। (Photo Credit: AI Generated, Sora ChatGPT)
अफगानिस्तान में एक 45 साल के अधेड़ ने 6 साल की बच्ची से शादी की है। तालिबानियों ने इस तस्वीर पर हैरानी जताई लेकिन जो किया, वह हैरान कर देने वाला है। उन्होंने कह कि जब बच्ची 9 साल की हो जाए तो उसे दूल्हा घर ले जा सकता है। तालिबान के इस फरमान पर दुनियाभर में हंगामा बरपा है लेकिन वहां अभी इस शादी को वैध कहा जा रहा है। हश्त-ए सुबह डेली की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस शख्स की पहले से दो पत्नियां हैं। उसने बच्ची के परिवार को पैसे देकर यह निकाह किया है।
बच्ची के पिता और दूल्हे को बाद में गिरफ्तार किया गया, लेकिन अभी तक उन पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। तालिबान शासन में बाल विवाह में इजाफा हुआ है। साल 2021 में सत्ता में वापसी के बाद से अफगानिस्तान में बाल विवाह और जबरन विवाह के मामले बढ़े हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएन वीमेन ने पिछले साल बताया कि तालिबान की महिलाओं और लड़कियों पर शिक्षा और रोजगार प्रतिबंधों के कारण बाल विवाह में 25 प्रतिशत और बच्चियों में गर्भधारण के मामलों में 45 प्रतिशत इजाफा हुआ है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान विश्व में सबसे अधिक बाल वधुओं वाले देशों में से एक है।
इंटनेशन क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा और चीफ जस्टिस अब्दुल हकीम हक्कानी के खिलाफ महिलाओं और लड़कियों के उत्पीड़न के लिए मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। तालिबान ने आईसीसी को मान्यता न देने की बात कहते हुए इस कदम को मुस्लिमों की मान्यताओं का अपमान करार दिया।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि बाल विवाह से लड़कियों को आजीवन नुकसान होता है, जिसमें कम उम्र में गर्भधारण, शारीरिक और यौन शोषण, अवसाद और सामाजिक अलगाव शामिल हैं। कई लड़कियों को जन्म के समय ही चचेरे भाइयों से विवाह के लिए वादा कर दिया जाता है, जिसके बाद बच्ची परिवार की संपत्ति की तरह देखी जाती है।
अफगानिस्तान में पैसों के लिए बिक रही लड़कियां
अफगानिस्तान में पैसों के लिए लड़कियों की सौदेबाजी होती है। वहां कई कुप्रथाएं चलती हैं। एक और प्रथा वहां चलती है, जिसके तहत खूनी झगड़ों को सुलझाने के लिए 'बाड़' प्रथा के तहत लड़कियों को दुश्मन परिवारों को सौंप दी जाती है। एक बार दी गई लड़की अपने पति के परिवार की 'इज्जत' बन जाती है। विधवा होने पर उसे जबरन पति के किसी अन्य पुरुष रिश्तेदार से विवाह करना पड़ता है।
अफगानिस्तान में इसी तस्वीर पर मचा है बवाल। (Photo Credit: Screengrab from AmuTv)
'हमारे गांव में कई परिवारों ने अपनी बेटियों को पैसे के लिए बेच दी। कोई उनकी मदद नहीं करता। लोग मजबूर हैं।'
अफगानिस्तान में एक शख्स ने द अफगान टाइम्स के साथ बातचीत में कहा।
गरीबी में ऐसा कर रहे अफगानी
उरुजगान की 50 वर्षीय अमीरी ने द अफगान टाइम्स से बातचीत में कहा कि उसने अपनी 14 वर्षीय बेटी की शादी 27 वर्षीय व्यक्ति से 3 लाख अफगानी के लिए कर दी। उसने कहा, 'मुझे पता था कि वह बहुत छोटी है, लेकिन हमारे पास घर में कुछ नहीं था। मैंने उस पैसे से अपने परिवार का पेट भरा।'
अफगानिस्तान में शादी की उम्र क्या है?
अफगानिस्तान में लड़कियों के निकाह की कोई कानूनी न्यूनतम आयु निर्धारित नहीं है। तालिबान में जब तक राष्ट्रपति अशरफ गनी का शासन था, तब तक वहां शादी के लिए सिविल कोड लागू था, 16 साल की उम्र शादी के लिए अनिवार्य था। तालिबान ने इस कानून को नहीं माना। अब हनफी इस्लामी कानून की व्याख्या के आधार पर विवाह तय होते हैं। लड़कियां जब प्यूबर्टी में होती हैं, तब शादी कर सकती हैं।
तालिबान ने लड़कियों के स्कूलों, विश्वविद्यालयों, पार्कों, जिम और सार्वजनिक स्थलों पर जाने से रोक लगा दिया है। महिलाओं की नौकरी छीन ली गई है। बिना पुरुष अभिभावक के महिला यात्रा नहीं कर सकती है। चेहरा ढकना अनिवार्य हो गया है। तालिबान ने पिछले साल इन नीतियों का बचाव करते हुए कहा था कि जैसे ही पराया पुरुष महिला को देखता है तो उसकी इज्जत कम हो जाती है।