देश के घटती जन्म दर को बढ़ाने के लिए चीन हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। इस कड़ी में अब वहां हर बच्चे के जन्म पर माता-पिता को 500 डॉलर यानी लगभग 43 हजार रुपये देने की घोषणा की है। यह राशि तीन साल तक हर बच्चे के हिसाब से दी जाएगी। यानी एक बच्चा पैदा करने पर तीन साल में कुल 1500 डॉलर यानी लगभग 1.3 लाख रुपये दिए जाएंगे। चीन में पिछले 3 साल से जन्म दर घट रही है। इससे निपटने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से जारी की गई यह पहली नेशनल चाइल्ड केयर सब्सिडी है।
इसके अलावा, शादियों को बढ़ावा देने के लिए भी चीन मैरिज लीव में भी बढ़ोतरी कर रहा है। पहले वहां शादी करने पर सिर्फ 5 दिन की छुट्टी मिलती थी जबकि अब 25 दिन की छुट्टी मिला करेगी। मैटरनिटी लीव भी 60 से बढ़ाकर 150 की जा रही हैं। यह सब्सिडी 1 जनवरी 2025 के बाद पैदा हुए हर बच्चे को दी जाएगी। इसका फायदा चीन के 2 करोड़ परिवारों को होगा।
चीन में न सिर्फ बर्थ रेट घट रही है बल्कि यहां लोगों ने शादी करना भी कम कर दिया है। महंगाई और करियर से जुड़ी चिंताओं के चलते लोग शादी नहीं कर रहे हैं। इससे बर्थ रेट पर गहरा असर पड़ा है। 2016 में जहां चीन में 1.78 मिलियन बच्चे पैदा हुए थे। वहीं, 2024 में जहां चीन में सिर्फ 9.54 मिलियन बच्चों ने जन्म लिया।
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इससे पहले चीन के 20 से ज्यादा राज्यों में सरकार ने बच्चों की देखरेख के लिए माता-पिता को सब्सिडी देना शुरू किया था। चीन के मंगोलिया में सरकार ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए लोगों को पैसे दे रही है। जिन लोगों के 3 या इससे ज्यादा बच्चे हैं उन्हें 12 लाख रुपये तक दिए जा रहे हैं।
2022 में कम होना शुरु हुई थी आबादी
2022 में 60 साल में पहली बार चीन की आबादी घटी थी। चीन में 2022 में 90 लाख 56 हजार बच्चे पैदा हुए थे, जबकि 1 करोड़ 41 हजार लोगों की मौत हुई थी।जन्म दर में आ रही गिरावट की वजह से यहां कामकाजी लोगों की आबादी कम हुई है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, चीन की फैक्ट्रियों में काम करने वाले 15 से 64 साल के लोगों की संख्या 2014 में 99 करोड़ 70 लाख थी, जो 2022 में घटकर 98 करोड़ 60 लाख हो गई।
फिर मई 2023 में भारत ने आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ है, जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है।
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चीन में क्यों घटने लगी आबादी?
चीन में घटती आबादी की जिम्मेदार उसी की पॉपुलेशन कंट्रोल पॉलिसी है। दरअसल, 1979 में चीन में वन चाइल्ड पॉलिसी इंट्रोड्यूस की गई थी। 1980 से इसे लागू किया गया। तब चीन की आबादी 98.61 करोड़ थी और लगातार बढ़ रही थी। चीन को डर था कि बढ़ती आबादी देश के विकास में बाधा बनेगी।
इस वजह से पॉपुलेशन कंट्रोल पॉलिसी लागू की गई। इस दौरान लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक भी किया गया और सख्ती भी की गई। 1 से ज्यादा बच्चे होने पर लोगों पर फाइन लगाया गया, नौकरी से निकाला गया, महिलाओं को जबरन गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया गया और पुरुषों की जबरन नसबंदी की गई।
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2016 तक चीन में वन चाइल्ड पॉलिसी लागू रही। माना जाता है कि इस दौरान चीन ने 40 करोड़ बच्चों का जन्म रोका। इसका नुकसान यह हुआ कि देश में बुजुर्गो की आबादी बढ़ती रही और युवा आबादी कम हो गई। इस वजह से 2016 में थोड़ी छूट देते हुए टू-चाइल्ड पॉलिसी लागू की गई। वहीं, अब 3 बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।