Axis of Upheaval... चीन में जुटी 'चौकड़ी' ने बढ़ाई ट्रंप की टेंशन!
दुनिया
• BEIJING 03 Sept 2025, (अपडेटेड 03 Sept 2025, 10:15 AM IST)
चीन के बीजिंग में एक भव्य मिलिट्री परेड हुई। यह परेड दूसरे विश्व युद्ध में जापान पर जीत की 80वीं सालगिरह के मौके पर हुई। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन भी मौजूद रहे।

शी जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग। (Photo Credit: X@SpoxCHN_MaoNing)
जापान पर जीत के 80 साल पूरे होने पर चीन में एक भव्य मिलिट्री परेड हुई। यह एक तरह से राष्ट्रपति शी जिनपिंग का 'शक्ति प्रदर्शन' था। इस परेड में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन शामिल हुए। इनके अलावा ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान और म्यांमार के जुंटा चीफ मिन आंग लाइंग भी मौजूद रहे। यह पहली बार था जब जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग एक साथ दिखाई दिए।
यह अब तक की सबसे भव्य परेड रही। बीजिंग के तिआनजिन के तियानमेन स्क्वायर में हुई इस परेड को देखने के लिए 50 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटी। इस परेड में चीन ने कई नए हथियार दिखाए। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा, 'चीन एक महान राष्ट्र है और किसी भी गीदड़भभकी से नहीं डरता।'
इस परेड में पुतिन और किम जोंग के अलावा दो दर्जन से ज्यादा देशों के राष्ट्रप्रमुख शामिल हुए। हालांकि, इस दौरान पश्चिमी दुनिया का कोई भी नेता मौजूद नहीं रहा।
यह परेड दूसरे विश्व युद्ध में जापान पर चीन की जीत की 80वीं सालगिरह के मौके पर हुई थी। जापान ने इस परेड पर आपत्ति जताई थी। उसका कहना था कि चीन का यह आयोजन 'जापान विरोधी भावनाएं' दिखाता है। हालांकि, इस पर चीन ने कहा था कि जापान को अपने 'आक्रामक अतीत' को स्वीकार करना चाहिए।
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परेड में क्या-क्या हुआ?
इस 'मिलिट्री परेड' में चीन ने अपने आधुनिक हथियार दिखाए, जिनमें लड़ाकू विमानों से लेकर मिसाइलें शामिल हैं।
इस परेड में रूस, नॉर्थ कोरिया, ईरान, मलेशिया, मंगोलिया, म्यांमार, इंडोनेशिया और जिंबाब्वे समेत 26 देशों के नेता शामिल हुए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी इसमें शामिल हुए।
President Xi Jinping, together with leaders from around the world, attended the commemoration of the 80th anniversary of the victory of the Chinese People’s War of Resistance Against Japanese Aggression and the World Anti-Fascist War. pic.twitter.com/qZL1V3DFCr
— Mao Ning 毛宁 (@SpoxCHN_MaoNing) September 3, 2025
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी पत्नी पेंग लियुआन के साथ विदेशी नेताओं का स्वागत किया। विदेशी मेहमानों के स्वागत में रेड कार्पेट बिछाई गई थी। इस दौरान जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग साथ में दिखाई दिए।
The Army formation of the Chinese People's Liberation Army (PLA) passed through Tian'anmen Square in Wednesday's military parade. pic.twitter.com/1AhakrlaDE
— China Xinhua News (@XHNews) September 3, 2025
उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग अपनी बेट किम जू ऐ के साथ चीन पहुंचे। किम अपनी 'खास ट्रेन' से मंगलवार रात को चीन पहुंच गए थे। यह पहली बार था जब किम की बेटी उत्तर कोरिया से बाहर निकली थीं।
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जिनपिंग की सेना का 'शक्ति प्रदर्शन'
यह भव्य मिलिट्री परेड असल में जिनपिंग और उनकी सेना का 'शक्ति प्रदर्शन' थी। इस परेड में चीन के 10 हजार से ज्यादा सैनिक शामिल थे। इस दौरान चीन ने अपने सैकड़ों नए और आधुनिक हथियारों को दुनिया को दिखाया।
परेड में चीन ने अपनी नई इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) भी दिखाई। यह 'थ्री-इन-वन' मिसाइल सिस्टम है, जो हवा, पानी और जमीन पर मार कर सकती है। यह मिसाइल आठ पहियों वाले बड़े से ट्रक पर लोड होती है।
China's hypersonic anti-ship missiles, including YingJi-19, YingJi-17 and YingJi-20, passed through Tian'anmen Square in Wednesday's V-Day parade. The formation also included YingJi-15 missile. pic.twitter.com/oyZKJQD47t
— China Xinhua News (@XHNews) September 3, 2025
इस दौरान चीन ने DF-26D मिसाइल भी दिखाई। इसकी खास बात यह है कि इसे सड़क से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह 4 हजार किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है। इसका मतलब हुआ कि यह मिसाइल अमेरिका तक पहुंच सकती है। इतना ही नहीं, चीन ने एंटी-शिप मिसाइल YJ-17 भी दिखाई। यह किसी भी युद्धपोत या जहाज को उड़ा सकती है।
STORY | China displays modern weaponry for first time in its mega military parade
— Press Trust of India (@PTI_News) September 3, 2025
China on Wednesday unveiled for the first time some of its modern weaponry, including jet fighters, missiles and latest electronic warfare hardware, showcasing its military might. Twenty-six… pic.twitter.com/ANZJQUhYs2
चीन ने इस परेड में AI से लैस हवाई ड्रोन भी दिखाए। यह ड्रोन फाइटर जेट या बॉम्बर की कमान में उड़ान भरते हैं। इन ड्रोन की मदद से दुश्मन के ठिकाने पर सटीक हमला करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, चीन ने एयर डिफेंस लेजर सिस्टम और अंडर वॉटर ड्रोन भी दिखाए।
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अमेरिका और यूरोप को सीधी चुनौती
यह पहली बार था जब चीन ने इस तरह की भव्य मिलिट्री परेड का आयोजन किया। इसे अमेरिका और यूरोप को सीधी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
डिफेंस एक्सपर्ट का मानना है कि यह सिर्फ दूसरे विश्व युद्ध में जीत का उत्सव नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की अगुवाई वाली वैश्विक व्यवस्था के खिलाफ एक 'वैकल्पिक व्यवस्था' को बढ़ावा देने की कोशिश का प्रतीक है। इस परेड के जरिए शी जिनपिंग खुद को 'ताकतवर नेता' के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि इस परेड में अमेरिका के तीन बड़े विरोधी शामिल हुए। इनमें रूसी राष्ट्रपति पुतिन, उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान हैं। चीन, रूस, उत्तर कोरिया और ईरान की जोड़ी को 'Axis of Upheaval' भी कहा जाता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन की इस परेड को अमेरिका के खिलाफ 'साजिश' बताया। ट्रंप ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि यह पहली बार था जब जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग एक साथ नजर आए।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीन के लोगों को यह शानदार दिन मुबारक हो। आप व्लादिमीर पुतिन और किम जोंग-उन को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं दें, क्योंकि आप अमेरिका के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।'
ट्रंप ने यह भी कहा कि क्या जिनपिंग अमेरिका के योगदान को भी मानेंगे। उन्होंने लिखा, 'सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उस योगदान और खून का जिक्र करेंगे जो अमेरिकियों ने चीन को आक्रमणकारियों से आजादी में हासिल करने में मदद करने के लिए दिया था।' उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी सैनिकों के साहस और बलिदान को याद किया जाएगा।
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क्या है Axis of Upheaval?
यह पहला मौका था जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान एक साथ नजर आए। चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के गठजोड़ को 'Axis of Upheaval' कहा जाता है।
अमेरिका और पश्चिमी देश मानते हैं कि यह चारों 'उथल-पुथल' मचाने वाले मुल्क हैं। इसे 'CRINK' भी कहा जाता है। यह अमेरिका वाले 'वर्ल्ड ऑर्डर' का विरोध करते हैं।
एक बात यह भी है कि इन चार में से तीन देश- रूस, उत्तर कोरिया और ईरान अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। चीन के साथ भी अमेरिका का तनाव चलता रहता है। अमेरिका, चीन को 'खतरा' मानता है।
President Xi Jinping shook hands with war veterans attending V-Day commemorations. #XiJinping #80thanniversarypic.twitter.com/1IuYW2yLeE
— Chinese Embassy in US (@ChineseEmbinUS) September 3, 2025
इन चारों का साथ आना अमेरिका और पश्चिम के लिए टेंशन की बात है, क्योंकि चारों एक-दूसरे का साथ देते रहे हैं। ये देश एक-दूसरे को आर्थिक और सैन्य सहायता दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर कोरिया ने रूस को यूक्रेन युद्ध में 15,000 से ज्यादा सैनिक और हथियार भेजे हैं।
उत्तर कोरिया पर 2006 से अमेरिका और पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाकर रखे हैं। ऐसे में चीन और रूस ने ही उसकी मदद की है। यूक्रेन युद्ध ने रूस और उत्तर कोरिया को और पास ला दिया है। ईरान का 90 फीसदी तेल चीन ही खरीदता है, जबकि इस पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है। कुल मिलाकर चारों देश एक-दूसरे को साथ लेकर चलते हैं।
अब शी जिनपिंग इन तीनों देशों के नेताओं को एक ही मंच पर लेकर आए गए हैं। यह ऐसे समय हुआ है, जब ट्रंप के टैरिफ की वजह से दुनियाभर में ट्रेड वॉर छिड़ा हुआ है।
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