चाइनीज AI ने हिला डाली दुनिया, समझिए कैसे करोड़ों-अरबों का चूना लग गया
दुनिया
• NEW DELHI 28 Jan 2025, (अपडेटेड 28 Jan 2025, 1:36 PM IST)
चीन की कंपनी DeepSeek ने सस्ता AI मॉडल लॉन्च कर दुनिया को सकते में डाल दिया है। इस मॉडल के चलते सोमवार को दुनियाभर के शेयर बाजार धड़ाम हो गए। भारत में भी निवेशकों को 9.40 लाख करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा।

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की दुनिया पर कौन राज करेगा? इसे लेकर अब ताकतवर देशों में जंग छिड़ गई है। इसमें फिलहाल चीन बाजी मारता हुआ नजर आ रहा है। चीन की नई AI कंपनी DeepSeek एक ऐसा सस्ता मॉडल लेकर आई है, जिसने सोमवार को दुनियाभर के शेयर बाजारों में उथल-पुथल मचा दी। अमेरिका का शेयर बाजार तो गिरा ही गिरा, इससे भारतीय बाजार पर भी बड़ा असर देखने को मिला।
चीन के इस नए AI मॉडल से अमेरिका किस हद तक डरा हुआ है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए इसे 'खतरे की घंटी' बताया है।
चीन का 'सस्ता' मॉडल
दावा है कि DeepSeek नाम से आए चीन के इस AI चैटबॉट को बनाने में सिर्फ 60 लाख डॉलर यानी लगभग 520 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। जबकि, अमेरिकी कंपनियों AI चैटबॉट पर अरबों डॉलर खर्च कर रहीं हैं।
सिलिकॉन वैली के एक कारोबारी मार्क आंद्रेसेन ने DeepSeek को 'आश्चर्यजनक' बताया है। स्टॉक एनालिस्ट स्टेसी रसगॉन ने कहा, 'ये बहुत अच्छा मॉडल है लेकिन इसमें कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कुछ भी ऐसी नई तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया है, जो अब तक छिपी हुई थी या किसी को इस बारे में नहीं पता था। आज हर कोई उस तकनीक के साथ प्रयोग कर रहा है।'
मगर है क्या ये DeepSeek?
चीन की AI कंपनी है। इसे लियांग वेनफेंग ने जुलाई 2023 में लॉन्च किया था। इस कंपनी में पूरा पैसा वेनफेंग की ही कंपनी हेज फंड का लगा है। DeepSeek भी गूगल, मेटा और OpenAI के चैटजीपीटी की तरह ही AI चैटबॉट है। ये बाकी कंपनियों की तुलना में काफी सस्ता है। इसलिए इसके आते ही गूगल, मेटा और OpenAI की टेंशन बढ़ गई है। जनवरी में ही रिलीज होने वाला DeepSeek एपल के ऐप स्टोर पर सबसे ज्यादा बार डाउनलोड किए जाने वाला ऐप बन गया है।
अमेरिकी बाजार हुआ धड़ाम?
सोमवार को DeepSeek की वजह से अमेरिकी बाजार धड़ाम हो गया। अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज Nasdaq में 3% से ज्यादा की गिरावट आई। दूसरे स्टॉक एक्सचेंज S&P500 में भी 5.6% की गिरावट आई। सितंबर 2020 के बाद ये सबसे बड़ी गिरावट थी। ये गिरावट और ज्यादा होती, अगर एपल के शेयर में 3% की तेजी न आई होती।
DeepSeek की वजह से सबसे बड़ा नुकसान चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Nvidia को हुआ। Nvidia के शेयरों में सोमवार को 17% तक की गिरावट आई। 24 जनवरी को Nvidia के शेयर का भाव 142 डॉलर था। सोमवार को ये घटकर 118 डॉलर पर आ गया। इससे कंपनी की मार्केट वैल्यू 590 अरब डॉलर (करीब 51 लाख करोड़ रुपये) कम हो गई। अमेरिकी इतिहास में ये किसी भी कंपनी के लिए एक दिन में हुई सबसे बड़ी गिरावट थी।
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को बाजार खुलने से पहले मार्केट वैल्यू के मामले में Nvidia दुनिया में पहले नंबर पर थी। मगर सोमवार को मार्केट में गिरावट के चलते ये तीसरे नंबर पर आ गई।
DeepSeek ने सोमवार को अमेरिकी रईसों की नेटवर्थ अरबों डॉलर तक कम कर दी। Nvidia के सीईओ जेनसेन हुआंग की नेटवर्थ 20 अरब डॉलर कम होकर 103 अरब डॉलर पर आ गई। इसी तरह Oracle के सीईओ लैरी एलिसन की नेटवर्थ में 27.6 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, अभी भी लैरी एलिसन की नेटवर्थ 200 अरब डॉलर से ज्यादा है।
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भारत पर भी दिखा असर!
सोमवार को DeepSeek की लोकप्रियता का असर दुनियाभर के बाजारों में देखने को मिला। अमेरिकी बाजार तो इससे धड़ाम हुआ ही। भारत के शेयर बाजार पर भी इसका बड़ा असर देखने को मिला। DeepSeek की वजह से टेक कंपनियों के स्टॉक में गिरावट आई।
IT शेयरों में बिकवाली के कारण सोमवार को Sensex में 824.29 पॉइंट और Nifty में 263.05 पॉइंट की गिरावट आई। इससे मार्केट को कितना बड़ा झटका लगा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि Sensex 7 महीने बाद निचले स्तर पर आया है, जबकि Nifty आखिरी बार 6 जून 2024 को 23 हजार के नीचे बंद हुआ था।
सोमवार को टेलिकॉम सेक्टर में सबसे ज्यादा 3.83% की गिरावट आई। इसके बाद IT शेयरों में 3.31%, टेक में 3.04%, मेटल में 2.86%, हेल्थकेयर में 2.73% और इंडस्ट्री में 2.63% की गिरावट दर्ज की गई। शेयर बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को 9.40 लाख करोड़ रुपये की चपत लग गई।
अमेरिका को है इससे खतरा?
अमेरिकी AI कंपनियों को चीन के इस सस्ते मॉडल से सबसे बड़ा खतरा है। चीन ने DeepSeek के जरिए दुनिया को एक सस्ता AI चैटबॉट दे दिया है। इसके इनुपट और आउटपुट टोकन की लागत बाकी मॉडल्स की तुलना में काफी कम हैं।
DeepSeek के इनपुट टोकन की कीमत 0.55 डॉलर प्रति मिलियन और आउटपुट टोकन की कीमत 2.1 डॉलर प्रति मिलियन है। इसकी तुलना में OpenAI के इनपुट टोकन की लागत 15 डॉलर प्रति मिलियन और आउटपुट टोकन की लागत 60 डॉलर प्रति मिलियन है। AI मॉडल्स में इनपुट टोकन वो होता है जो यूजर AI को समझने के लिए देता है जबकि आउटपुट टोकन जवाब होता है।
सस्ते होने की वजह से ही ये इतना ज्यादा लोकप्रिय हो गया है। इससे गूगल, मेटा और OpenAI जैसी कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। DeepSeek का AI चैटबॉट अमेरिका में एपल के प स्टोर पर ChatGPT को पछाड़कर पहले नंबर पर आ गया है। अब इससे अमेरिकी कंपनियों को नए और सस्ते मॉडल से चुनौती करनी होगी।
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