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डिपोर्टेशन पर ट्रंप सरकार के खिलाफ कर दिया केस, कौन है चिन्मय देवरे?

भारतीय छात्रा चिन्मय देवरे ने स्टूडेंट इमिग्रेशन स्टेट्स को 'गैरकानूनी रूप से' समाप्त किए जाने पर इमिग्रेशन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। पूरा मामला यहां समझिए।

Chinmay Deore deportation

चिन्मय देवरे, Photo Credit: Chinay Deore/LinkedIn

भारतीय छात्र चिन्मय देवरे इस समय बहुत सुर्खियों में बने हुए है। चिन्मय ने हाल ही में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एक संघीय मुकदमा दायर किया है, जिसमें उनकी स्टूडेंट वीजा स्टेटस को 'गैरकानूनी रूप से समाप्त' करने का आरोप लगाया गया है। इसके कारण उन्हें अब डिपोर्टेशन की चिंता सता रही है। 21 वर्षीय चिन्मय मिशिगन के वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस के अंडरग्रेजुएट की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने अगस्त 2021 में अपनी पढ़ाई शुरू की थी और मई 2025 में वह ग्रेजुएट हो जाएंगे। इस समय वह अमेरिका में f-1 स्टूडेंट वीजा पर रहे हैं। चिन्मय पहली बार 2004 में अपने परिवार के साथ प-4 डिपेंडेंट वीजा पर अमेरिका आए थे। 2008 में उनका परिवार भारत लौट गया और 2014 में फिर से H-4 वीजा पर अमेरिका वापस आया। मई 2022 में, उन्होंने F-1 वीजा के लिए आवेदन किया था।

 

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क्या है मुकदमे का कारण?

4 अप्रैल, 2025 को वेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने चिन्मय को बताया कि उनकी SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) रिकॉर्ड को खत्म कर दिया गया है। इस नोटिस में एक 'आपराधिक रिकॉर्ड जांच या वीजा रद्दट का हवाला दिया गया था। चिन्मय और तीन अन्य अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने आरोप लगाया कि उनकी स्टूडेंट वीजा स्टेटस को 'गैरकानूनी रूप से' समाप्त कर दिया गया। अब वह अमेरिका में कानूनी रूप से नहीं रह सकते है जिससे डिपोर्टेशन का खतरा बढ़ गया है। चिन्मय के साथ-साथ चीन से शियांगयुन बू और किउई यांग, और नेपाल से योगेश जोशी का वीजा रद्द कर दिया गया है। 

 

छात्रों ने की ये मांग

अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन ऑफ मिशिगन के समर्थन से, चिन्मय और अन्य छात्रों ने यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ मिशिगन में मुकदमा दायर किया। मुकदमे में डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी, कार्यवाहक ICE निदेशक टॉ़ लियन्स और ICE डेट्रॉइट फील्ड ऑफिस निदेशक रॉबर्ट लिंच को अभियुक्त बनाया गया है। छात्रों ने मांग की है कि उनकी कानूनी स्थिति बहाल की जाए ताकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और हिरासत या निर्वासन से बच सकें। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि निर्वासन को रोकने के लिए एक इमरेजेंसी इनजंक्शन जारी की जाए। मुकदमे में दावा किया गया है कि छात्रों ने कोई अपराध नहीं किया, कोई इमिग्रेशन कानून का उल्लंघन नहीं किया और न ही वे किसी कैंपस विरोध प्रदर्शन या राजनीतिक एक्टिविटी में शामिल थे। 

 

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ट्रंप प्रशासन का रुख

ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में कैंपस एक्टिविटी जैसे फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में शामिल होने के संदेह में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीजा को रद्द कर दिया हैं। ACLU ऑफ मिशिगन की कार्यकारी निदेशक लॉरेन खोगाली ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य "अराजकता और भय पैदा करना" है, जिससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अलर्ट किया जा सके। 

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