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लॉस एंजेलिस में लगाया गया कर्फ्यू, ट्रंप बोले, 'हम LA को आजाद कराएंगे'

अमेरिका के लॉस एंजेलिस शहर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के कारण शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं ट्रंंप ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को 'विदेशी दुश्मन' कहा है।

los angeles protest

लॉस एंजेलिस प्रदर्शन, photo credit: PTI

अमेरिका के लॉस एंजेलिस में अवैध प्रवासियों के खिलाफ आव्रजन (डिपोर्टेशन) कार्रवाई के बाद भड़की हिंसा शांत नहीं हो रही है। मंगलवार को लॉस एंजेलिस की मेयर कैरेन बास ने शहर के मुख्य क्षेत्र में तोड़फोड़ और लूटपाट को रोकने के लिए कर्फ्यू लगा दिया है। यह कर्फ्यू मंगलवार रात 6 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा। लॉस एंजेलिस के पुलिस प्रमुख जिम मैकडॉनेल के अनुसार, पूरे लॉस एंजेलिस में लगातार कई दिनों से बढ़ रही अशांति के बाद जान-माल की रक्षा के लिए कर्फ्यू एक आवश्यक उपाय है। इस बीच राष्ट्रपति डॉनालड ट्रंप ने लॉस एंजेलिस शहर में सेना को तैनात करने के फैसले का बचाव किया। साथ ही, ट्रंप ने यह भी कहा है कि वह लॉस एंजेलिस को आजाद कराएंगे।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनालड ट्रंप ने मंगलवार 10 जून को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने भाषण में लॉस एंजेलिस शहर में सेना उतारने के अपने फैसले का बचाव किया। राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने भाषण में लॉस एंजेलिस में प्रदर्शनकारियों को 'जानवर' और 'विदेशी दुश्मन' कहा। उन्होंने शहर के वेस्ट कोस्ट को आजाद करने की कसम खाई। ट्रंप ने सैनिकों से कहा कि आर्मी के जवानों ने धरती पर अपना खून इसलिए नहीं बहाया था कि हमारे देश को आक्रमण और थर्ड वर्ल्ड जैसी अराजकता में तब्दील होते देखें।

 

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विरोध प्रदर्शनों पर ट्रंप का तीखा हमला

ट्रंप ने अपने इस भाषण में अपनी विरोधी पार्टी और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन पर भी तीखा हमला बोला और 2020 के चुनाव में धांधली के अपने पुराने दावों को दोहराया। ट्रंप ने विदेश से आए लोगों के बारे में बात करते हुए कहा, 'हम किसी अमेरिकी शहर पर किसी विदेशी दुश्मन को आक्रमण और कब्जा करने की अनुमति नहीं देंगे। वे ऐसे ही हैं।' ट्रंप की यह तीखी बयानबाजी ऐसे समय में आई है जब अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह विद्रोही अधिनियम को लगा सकते हैं। विद्रोही अधिनियम अमेरिकी राष्ट्रपति के पास उपलब्ध सबसे बड़ी आपातकालीन शक्तियों में से एक है। यह उन्हें विद्रोह या घरेलू हिंसा को दबाने या कुछ स्थितियों में कानून लागू करने के लिए अमेरिका के अंदर सैन्य बलों को तैनात करने का अधिकार देता है।


राष्ट्रपति ट्रंप ने लॉस एंजेलिस शहर को कचरे का ढेर कहा। उन्होंने कहा कि इस पूरे शहर में  कई  इलाके अपराधियों के नियंत्रण में हैं और संघीय सरकार हिंसा को रोकने और कानून और व्यवस्था को बहाल करने के लिए अपने पास मौजूद हर संसाधन का इस्तेमाल करेगी। ट्रंप ने कहा, 'हम लॉस एंजेलिस को आजाद कराएंगे और इसे फिर से स्वतंत्र, स्वच्छ और सुरक्षित बनाएंगे।'

गवर्नर ट्रंप के बीच क्यों तकरार?

कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजॉम केंद्र (संघ) की ट्रंप सरकार से बेहद नाराज है। इसकी वजह यह है कि हिंसा में उनकी मंजूरी के बिना ट्रंप सरकार ने लॉस एंजेलिस में 4 हजार नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती की। बता दें कि कैलिफोर्निया में ट्रंप के विरोधी दल डेमोक्रेटिक पार्टी का राज है। वहां फैली अराजकता और हिंसा में ट्रंप प्रशासन के सीधे दखल से राज्य सरकार में नाराजगी है। मंगलवार को गवर्नर गेविन न्यूजॉम ने संघीय अदालत से अपील की कि वह ट्रंप को उनके शहर में सेना का इस्तेमाल करने से रोके। कैलिफोर्निया के नेताओं ने ट्रंप पर प्रदर्शनकारियों के गुस्से को भड़काने और अशांति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

 

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क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?

अमेरिका के लॉस एंजेलिस में 6 जून को अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई करने वाली इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट (ICE) ने छापे मारकर सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन गिरफ्तारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। इन विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए प्रशासन ने बला का प्रयोग किया। अगले ही दिन हजारों प्रदर्शनकारियों ने ICE के एजेंटों पर पथराव किए। जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। यह हिंसा शांत नहीं हो रही है जिसके कारण अब शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। 

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