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ट्रंप-जेलिंस्की की बहस के बाद आगे क्या, यूक्रेन क्या कदम उठा सकता है?

ट्रंप और जेलिंस्की के बीच बहस के बाद पूरी दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों की तरफ से अलग अलग रिएक्शन आए हैं। तो ऐसे में अब यूक्रेन आगे क्या कदम उठा सकता है?

Ukranian president volodymir zelensky and american president donald trump । Photo Credit: PTI

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप । Photo Credit: PTI

व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस पर वैश्विक मीडिया और नेताओं की तरफ से प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं, जिससे यूक्रेन के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के भविष्य और रूस के साथ चल रहे संघर्ष के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।

 

यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन के लिए अपने समर्थन को तेज़ी से दोहराया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन के लिए समर्थन जारी रखने के महत्व पर ज़ोर दिया।

 

यूरोपीय देश यूक्रेन के साथ

जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ ने भी यही भावना दोहराते हुए कहा, 'यूक्रेन के लोगों से ज़्यादा कोई शांति नहीं चाहता!' हम इस वजह से एक निष्पक्ष और दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए सहयोग कर रहे हैं।

 

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाई। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र, स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए उनकी लड़ाई एक ऐसी लड़ाई है जो हम सभी के लिए मायने रखती है। कनाडा न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने में यूक्रेन और यूक्रेनियन के साथ खड़ा रहेगा।'

 

हालांकि, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख की प्रशंसा करते हुए कहा, 'राष्ट्रपति @realDonaldTrump शांति के लिए बहादुरी से खड़े रहे। भले ही कई लोगों के लिए इसे पचाना मुश्किल हो।'

 

ज़ेलेंस्की और यूक्रेन के लिए आगे क्या?

हालांकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि व्हाइट हाउस में तीनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक चौंकाने वाली थी, लेकिन पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं थी। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (आईसीजी) के वरिष्ठ सलाहकार ब्रायन फिनुकेन ने मीडिया को बताया कि शुक्रवार की बैठक के तनावपूर्ण रहने की हमेशा से संभावना थी।

 

उन्होंने कहा, 'ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का प्रदर्शन अभूतपूर्व था, लेकिन यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य समर्थन और यूक्रेन पर रूस के युद्ध के बारे में राष्ट्रपति ट्रम्प की जानी-मानी भावनाओं को देखते हुए यह बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं था, जिसे उन्होंने बढ़ावा दिया है।'

 

पहले से थी संभावना
यूक्रेनी राजनीतिक विश्लेषक व्लादिमीर फ़ेसेंको ने मीडिया को बताया कि ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद तमाम ऐसे फैसले लिए गए हैं जो इस बात के संकेत देते हैं कि इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं।

 

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उन्होंने यूक्रेन पर अमेरिकी दबाव, अमेरिकी अधिकारियों द्वारा ज़ेलेंस्की के बारे में बात करने का जो तरीका था, यूक्रेन-रूस संघर्ष के बारे में वॉशिंगटन का आकलन और सीजफायर पर बातचीत को लेकर जो रवैया था, उन सबके बारे में बताया।

 

उन्होंने कहा, 'यह सब दिखाता है कि यह टूटना, यह विस्फोट, जल्द या बाद में होने वाला था।' आईसीजी के फिनुकेन ने कहा कि आगे क्या होगा यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह यूक्रेन के लिए बुरा हो सकता है। 

 

उन्होंने कहा, 'प्रशासन की ओर से ऐसी अफवाहें हैं कि वह यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति को कम कर सकता है।' 

 

बाइडेन ने दी थी मंजूरी

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पद छोड़ते समय उन हथियारों की खेप को मंजूरी दी थी, जो ट्रम्प के पदभार ग्रहण करने से पहले अरबों की सहायता के रूप में प्रतीत हो रहा था।

 

व्हाइट हाउस की तनावपूर्ण बैठक के बाद ज़ेलेंस्की ने मीडिया के सामने स्वीकार किया कि यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन के बिना रूसी सेना पर आक्रमण को रोकना 'कठिन' होगा।



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