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क्या कुछ बड़ा करने वाले ट्रंप? वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड की होगी तैनाती

डोनाल्ड ट्रंप ने कोलंबिया होल रूल ऐक्ट का प्रयोग करते हुए वॉशिंगटन डीसी पुलिस विभाग को फेडरल कंट्रोल में ले लिया है।

Donald Trump। Photo Credit: PTI

डोनाल्ड ट्रंप । Photo Credit: PTI

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक विवादास्पद कदम उठाते हुए डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया होम रूल ऐक्ट का इस्तेमाल कर वॉशिंगटन डी.सी. मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग को फेडरल कंट्रोल में ले लिया। इसके साथ ही उन्होंने नेशनल गार्ड की तैनाती का भी ऐलान किया, जिनको कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए 'बिना किसी प्रतिबंध' के काम करने की अनुमति दी जाएगी।

 

व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, 'हमारी राजधानी हिंसक गैंग और खून के प्यासे अपराधियों के कब्जे में है। मैं नेशनल गार्ड को तैनात कर रहा हूं ताकि वॉशिंगटन डी.सी. में कानून, व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा को फिर से स्थापित किया जा सके।' इस मौके पर उनके साथ अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी मौजूद रहीं। ट्रंप ने बताया कि पैम बॉन्डी शहर की पुलिस फोर्स के फेडरल कंट्रोल में लिए जाने की मॉनीटरिंग करेंगी।

 

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नेशनल गार्ड क्या करेगा?

ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, नेशनल गार्ड लॉजिस्टिक्स, परिवहन और अन्य सहायक कार्यों में मदद करेगा, ताकि स्थानीय पुलिस को गिरफ्तारी और अन्य सीधे कानून-व्यवस्था से जुड़े कामों पर ज्यादा ध्यान देने का समय मिले।

 

यह कदम पहले भी देखा गया था, जब इस साल की शुरुआत में ट्रंप ने लॉस एंजिल्स में नेशनल गार्ड को भेजा था ताकि संघीय इमिग्रेशन अधिकारियों को छापेमारी में मदद मिल सके। उस समय कैलिफोर्निया के डेमोक्रेट गवर्नर गेविन न्यूज़ॉम ने इसका विरोध किया था और कई दिनों तक प्रदर्शन हुए थे।

 

ट्रंप ने कहा कि यह संयुक्त कार्रवाई बेघर लोगों और हिंसक अपराध पर लगाम लगाने के लिए है। उन्होंने कहा, 'आपको अपने घर या अपार्टमेंट से निकलकर दुकान तक जाने में डर नहीं होना चाहिए। लेकिन अभी डी.सी. में हालात ऐसे नहीं हैं।'

क्या है कानूनी आधार?

होम रूल ऐक्ट, जो कई दशक पहले लागू हुआ था, वॉशिंगटन डी.सी. के 7 लाख से ज्यादा निवासियों को मेयर और सिटी काउंसिल चुनने का अधिकार देता है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियां मिलती हैं कि वे सीधे पुलिस विभाग का नियंत्रण ले सकें।

 

ट्रंप का यह फैसला ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले ही उन्होंने राजधानी में बेघर लोगों और अपराध से निपटने के लिए 'कड़े कदम' उठाने का वादा किया था। शहर की मेयर म्यूरियल बाउजर (डेमोक्रेट) ने पहले ही नेशनल गार्ड की सड़कों पर तैनाती को लेकर चिंता जताई थी। बीते कुछ दिनों में FBI, ICE, DEA, ATF समेत दर्जन भर संघीय एजेंसियों के सैकड़ों अधिकारी शहर में तैनात किए गए हैं।

सोशल मीडिया पर 'लिबरेशन डे' का ऐलान

संवाददाता सम्मेलन से पहले ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि राजधानी आज 'मुक्त' होगी। उन्होंने कहा कि वे 'निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या या चोट पहुंचाने के दिनों' को खत्म कर देंगे। उनके लिए यह कदम कानून-व्यवस्था एजेंडा का अगला चरण है, जिसमें वे पहले अवैध सीमा पार करने पर कड़ा रुख दिखा चुके हैं।

न्यूयॉर्क पर भी नजर

ट्रंप ने इससे पहले न्यूयॉर्क सिटी पर भी फेडरल कंट्रोल की धमकी दी थी, खासकर अगर डेमोक्रेटिक पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार, भारतीय मूल के ज़ोहरान ममदानी चुनाव जीतते हैं।

ट्रंप ने ममदानी को 'कम्युनिस्ट' कहा था, जबकि ममदानी खुद को 'डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट' बताते हैं और कहते हैं कि ट्रंप उनके मुस्लिम होने की वजह से भी निशाना साधते हैं।

 

ममदानी का चुनावी नारा 'ट्रंप-प्रूफिंग न्यूयॉर्क' है, और उन्होंने सोमवार को 'फाइव बरोस अगेंस्ट ट्रंप' टूर भी शुरू किया। उनका कहना है कि वे शहर को ट्रंप से 'बचाएंगे' और अप्रवासियों को अवैध हिरासत व संभावित निर्वासन से सुरक्षा देंगे।

 

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ट्रंप का बयान और प्रतिक्रिया

ट्रंप के अनुसार, उनका यह कदम ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा, 'यह एक ऐतिहासिक कार्रवाई और मुक्ति दिवस है। हम डी.सी. से शुरू करेंगे, लेकिन अमेरिका के और शहरों में भी अपराध के खिलाफ सफाई अभियान चलाएंगे। बहुत जल्दी सब कुछ साफ कर देंगे।'

 

वॉशिंगटन 1973 से ऑटोनॉमस है, लेकिन उसकी स्वायत्तता हमेशा आंशिक रही है। होम रूल ऐक्ट के तहत उसके कानून और बजट पर अमेरिकी कांग्रेस का अधिकार है।

विपक्ष का विरोध

ट्रंप का यह कदम अमेरिकी राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है। डेमोक्रेट नेताओं का आरोप है कि यह संघीय अतिक्रमण है और स्थानीय प्रशासन की चुनी हुई सरकार के अधिकारों पर हमला है। वहीं इसके समर्थकों का कहना है कि बढ़ते अपराध और असुरक्षा के बीच यह आवश्यक है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि राष्ट्रपति के पास यह शक्ति है, लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत कम हुआ है क्योंकि इससे राजनीतिक टकराव बढ़ सकता है।

 

 

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