भारत पर ट्रंप के टैरिफ की आलोचना करने वाले जॉन बोल्टन के घर पर एफबीआई ने छापा मारा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एफबीआई निदेशक काश पटेल के आदेश पर एजेंसी ने बोल्टन के आवास पर दबिश दी। जॉन बोल्टन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सहयोगी हैं।
वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रह चुके हैं। एफबीआई एजेंटों ने दस्तावेज से संबंधित जांच के तहत शुक्रवार सुबह लगभग 7 बजे वाशिंगटन डीसी के बेथेस्डा स्थित बोस्टन के आवास पहुंचे। बोल्टन के आवास पर छापेमारी के कुछ देर बाद ही काश पटेल ने एक्स पर एक पोस्ट किया और लिखा, 'कानून से कोई ऊपर नहीं है। एफबीआई एजेंट मिशन पर हैं।'
यह भी पढ़ें: भारतीय ड्राइवर ने किया एक्सीडेंट, अमेरिका ने वीजा पॉलिसी ही बदल दी
16 अगस्त को अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इसके एक दिन पहले जॉन बोल्टन ने भारत पर टैरिफ लगाने की आलोचना की थी। बोल्टन ने अपने एक्स पर लिखा था, ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ लगाया। मगर रूस से तेल खरीदने पर चीन पर नहीं लगाया। इससे हो सकता है कि भारत बीजिंग-मॉस्को की तरफ अधिक खिंच जाए। ट्रंप प्रशासन का इस पर ध्यान न देना अनजाने में हुई एक गलती है।
जॉन बोल्टन ने एक इंटरव्यू में ट्रंप की नीति को भ्रमित बताया था। उनका कहना था कि ट्रंप एक असामान्य राष्ट्रपति हैं। वे जाते समय इतिहास का अधिकांश हिस्सा अपने साथ ले जाएंगे। वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के पास अधिक अनुभव नहीं है, वह चीन-रूस की धुरी को को नहीं समझ सके। उन्होंने भारत को अलग-थलग करने का आरोप लगाया। जॉन बोल्टन का कहना है कि ट्रंप अलग सोच वाले शख्स हैं। उनके पास कोई विजन नहीं है।
यह भी पढ़ें: पलट गए ट्रंप? अब बोले- 'पहले पुतिन-जेलेंस्की मिलें, फिर देखते हैं'
17 महीने तक ट्रंप के सुरक्षा सलाहकार रहे बोल्टन
जॉन बोल्टन ने डोनाल्ड ट्रंप के तीसरे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर 17 महीने तक काम किया था। ट्रंप के पहले कार्यकाल में बोल्टन की एक किताब पर भी रोक लगाने की कोशिश की गई थी। हालांकि बाद में यह किताब प्रकाशित हुई। बोल्टन पर किताब के माध्यम से गोपनीय जानकारी साझा करने का आरोप है। 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने जॉन बोल्टन समेत कई अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया था।