भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है। जिनपिंग के साथ मुलाकात की एक तस्वीर जयशंकर ने X पर पोस्ट की है। पिछले साल अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख में हुए समझौते के बाद दोनों के बीच यह पहली मुलाकात है।
जयशंकर पांच साल में पहली बार चीन के दौरे पर पहुंचे हैं। जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था। हालांकि, पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद संबंध फिर से पटरी पर लौटे हैं।
जिनपिंग से मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए जयशंकर ने X लिखा, 'आज सुबह बीजिंग में अपने साथ SCO के विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन उन्हें पहुंचाया।'
जयशंकर ने बताया कि भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर हाल में जो कुछ हुआ है, उसकी जानकारी भी राष्ट्रपति जिनपिंग को भी दी गई है।
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दो दिन के दौरे पर पहुंचे हैं चीन
जयशंकर दो दिन के दौरे पर चीन पहुंचे हैं। गलवान झड़प के बाद यह पहली बार है, जब जयशंकर चीन पहुंचे हैं। जयशंकर तियांजिन में होने वाली SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन पहुंचे हैं।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पहले जयशंकर ने सोमवार को चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की थी। इस दौरान जयशंकर ने कहा था, 'आज हम जिस अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में मिल रहे हैं, वह बहुत जटिल है। पड़ोसी देशों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत और चीन के बीच विचारों और दृष्टिकोण का आदान-प्रदान बहुत महत्वपूर्ण है।'
जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की थी। इस दौरान जयशंकर ने सीमा विवाद का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, 'पिछले 9 महीनों में सीमा पर तनाव कम हुआ है, जिससे दोनों देशों के रिश्ते बेहतर हुए हैं।'
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अक्टूबर में हुई थी मोदी-जिनपिंग की मुलाकात
पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। यह मुलाकात रूस के कजान में हुई थी।
इस मुलाकात के बाद भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग को लेकर एक अहम समझौता हुआ था। इस समझौते के बाद भारत और चीन के बीच वहां तक पेट्रोलिंग करने की सहमति बन गई थी, जहां वे 2020 से पहले तक करते आ रहे थे।
भारत ने बताया था कि इस समझौते के बाद अब भारतीय और चीनी सैनिक LAC पर उसी तरह से पेट्रोलिंग कर सकेंगे, जैसे सीमा पर तनाव शुरू होने से पहले तक करते आ रहे थे।
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गलवान झड़प से बिगड़ गए थे रिश्ते
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिक के बीच झड़प हो गई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 सैनिक इस झड़प में मारे गए थे। 45 साल में यह पहली बार था जब LAC पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच ऐसी हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्तों में जबरदस्त तनाव आ गया था।
इससे पहले 2017 में डोकलाम को लेकर भारत और चीन की सेनाएं 70 से ज्यादा दिनों तक आमने-सामने रही थीं।