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चार यात्री लेकर महज 15 घंटों में SpaceX कैप्सूल पहुंचा स्पेस स्टेशन

नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए चार यात्री पहुंच गए हैं। उन्हें मिलाकर आईएसएस पर अब कुल 11 यात्री हो गए हैं।

Representational Image। Photo Credit: @NASA

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: @NASA

नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद, अमेरिका, रूस और जापान के चार अंतरिक्ष यात्री अपनी स्पेस एक्स कैप्सूल में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंच गए। ये चारों—अमेरिका के ज़ेना कार्डमैन और माइक फिन्के, जापान के किमिया युई और रूस के ओलेग प्लाटोनोव—अब कम से कम छह महीने तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे। ये लोग उन चार अंतरिक्ष यात्रियों की जगह लेंगे, जो मार्च से वहां थे। खास बात यह है कि यह कैप्सूल मात्र 15 घंटों में ही अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंच गया है।

 

कैप्सूल के दक्षिण प्रशांत महासागर के ऊपर स्टेशन से जुड़ते ही फिन्के ने रेडियो पर कहा, ‘हैलो, स्पेस स्टेशन!’ इन चारों को पहले अन्य मिशनों के लिए चुना गया था। ज़ेना कार्डमैन और एक अन्य अंतरिक्ष यात्री को पिछले साल स्पेस एक्स की उड़ान से हटाया गया था ताकि नासा के दो अंतरिक्ष यात्री, बोइंग स्टारलाइनर टेस्ट पायलट बुच विलमोर और सनी विलियम्स, को जगह दी जा सके। इन दोनों का अंतरिक्ष स्टेशन पर रहना एक हफ्ते से बढ़कर नौ महीने से ज्यादा हो गया था। फिन्के और युई अगले स्टारलाइनर मिशन की तैयारी कर रहे थे, लेकिन स्टारलाइनर में तकनीकी समस्याओं के कारण, जो 2026 तक उड़ान नहीं भरेगा, दोनों को स्पेस एक्स में शामिल किया गया।

 

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स्पेस स्टेशन पर 11 लोग हैं

वहीं, प्लाटोनोव को कुछ साल पहले सोयुज मिशन से एक अज्ञात बीमारी के कारण हटा दिया गया था। इनके पहुंचने से अंतरिक्ष स्टेशन पर अब कुल 11 लोगों की मौजूदगी हो गई है। वहां पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों ने उनके लिए ठंडे ड्रिंक और गर्म खाना तैयार रखा था। हालांकि स्पेस एक्स की यह उड़ान अमेरिकी मानकों के हिसाब से तेज थी, लेकिन रूस के पास अंतरिक्ष स्टेशन तक सबसे तेज़ यात्रा—महज तीन घंटे— करने का रिकॉर्ड है।

लगते थे 19-24 घंटे

पहले जब यान (जैसे रूसी सोयुज़ या प्रोग्रेस कार्गो यान) ISS की ओर भेजे जाते थे, तब उन्हें दो दिन से अधिक का समय लगता था। यह लंबा समय इस वजह से होता था क्योंकि यान को पृथ्वी की कक्षा में कई बार चक्कर लगाकर अपनी कक्षा धीरे-धीरे ISS की कक्षा के साथ सुसंगत (align) करनी होती थी।

 

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वहीं अमेरिकी कंपनी SpaceX द्वारा बनाया गया क्रू ड्रैगन कैप्सूल आमतौर पर 19 से 24 घंटे में ISS तक पहुंचता है। हालांकि, इस बार मात्र 15 घंटों में ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंच गए हैं। 25 जून को अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन के लिए भेजे गए एक्सिऑम-4 को अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन तक पहुंचने में 28 घंटे लगे थे।

 

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