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'इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार', जी7 देशों ने दी मौन सहमति

जी7 देशों ने इजरायल को ईरान के खिलाफ मौन सहमति दे दी है। संगठन ने दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की, लेकिन युद्धविराम का आह्वान नहीं किया।

G7 summit.

जी7 शिखर सम्मेलन। (Photo Credit: X/@G7)

कनाडा के कानानास्किस में जी 7 नेताओं ने इजरायल और ईरान से तनाव कम करने का आग्रह किया। हालांकि युद्ध विराम का आह्वान करने से परहेज किया। कनाडा के कानानास्किस में जी7 देशों का शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव पर सभी देशों ने चिंता व्यक्त की और सदस्य देशों ने मध्य पूर्व में संघर्ष कम करने और गाजा में युद्ध विराम की अपील की। 

 

जी7 देशों ने अपने बयान में कहा, 'इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। हम इजरायल की सुरक्षा के लिए अपना समर्थन दोहराते हैं। ईरान क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का प्रमुख जरिया है। ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं हो सकते हैं।' बता दें कि जी7 देशों ने इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष विराम का आह्वान नहीं किया है।

 

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सम्मेलन छोड़ अमेरिका लौटे ट्रंप

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शिखर सम्मेलन को बीच में भी छोड़कर चले गए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वे बड़े काम के लिए वाशिंगटन लौट रहे हैं। जाने से पहले ट्रंप ने जी7 देशों के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने ईरान के लोगों से तुरंत तेहरान को खाली करने की अपील की। अब अनुमान जताया जा रहा है कि इजरायल के साथ अमेरिका भी ईरान पर हमला कर सकता है।

20 मुस्लिम देशों ने इजरायल की निंदा की

मिस्र की समाचार एजेंसी MENA के मुताबिक 20 अरब और मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें ईरान पर इजरायली हमलों की निंदा की गई। सभी देशों ने तनाव कम करने की अपील की। संयुक्त बयान में कहा गया कि ईरान पर इजरायल का हमला अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का भी खंडन है। अरब देशों ने राज्यों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अच्छे पड़ोसी के सिद्धांतों का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सभी पक्षों से विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने की अपील की। इजरायली हमले की मिस्र, जॉर्डन, पाकिस्तान, बहरीन, ब्रुनेई, तुर्किये, चाड, अल्जीरिया, कोमोरोस, संयुक्त अरब अमीरात, जिबूती, सऊदी अरब, सूडान, सोमालिया, इराक, ओमान, कतर, कुवैत, लीबिया और मॉरिटानिया के विदेश मंत्रियों ने निंदा की।


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इजरायल ने क्यों किया हमला?

12 जून को इजरायल ने ईरान पर इतिहास का सबसे बड़ा हमला किया था। पिछले 5 दिनों से ईरान और इजरायल के बीच भीषण संघर्ष जारी है। ईरानी अधिकारियों के मुताबिक इजरायली हमलों में 220 लोगों से अधिक की जान जा चुकी है। वहीं इजरायल ने 24 मौतों का दावा किया है। इजरायल का आरोप है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा था। इस वजह से हमला करना पड़ा। सोमवार को इजरायल ने ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर बमबारी की। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हैं। जवाब में ईरान ने इजरायल पर सबसे भयानक हमला करने की बात कही। इजरायल हम तक ईरान के कई सैन्य कमांडरों को ढेर कर चुका है। तेल और सैन्य ठिकानों पर बमबारी कर रहा है।

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