गाजा पर इजरायली सेना के हमले लगातार जारी हैं। गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने शनिवार यानी 19 जुलाई को कहा कि दो सहायता केंद्रों के पास इजरायली गोलीबारी में 39 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस बीच फिलिस्तीनी लोग भूख से मर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर लोग कुपोषण का शिकार हैं। हालांकि, इजरायली सेना का कहना है कि उन्होंने किसी को निशान बनाकर गोलीबारी नहीं की है।
गाजा में खाना देने के लिए कुछ सहायता केंद्र खुले हैं और इन केंद्रों पर खाने के इंतजार में लंबी कतारें लगी हैं। इन कतारों में लोगों की मौत भी एक आम बात हो गई है। गाजा के अधिकारी इन मौतों के लिए इजरायली हमलों को दोषी ठहराते हैं। हालांकि, गाजा में मदद पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों की जगह लेने वाले अमेरिका और इजराइल समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) ने उग्रवादी समूह हमास पर अशांति फैलाने और नागरिकों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया है।
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क्या बोले लोग?
अधिकारियों ने बताया कि मौतें दक्षिणी गाजा में खान यूनिस के एक हिस्से में और राफाह में एक सहायता केंद्र में हुई हैं। अधिकारियों ने इन मौतों के लिए इजरायली गोलीबारी को जिम्मेदार ठहराया है। एक व्यक्ति ने कहा कि वह सुबह होने से पहले अपने पांच रिश्तेदारों के साथ खाना लेने के लिए खान यूनिट के अल टीना इलाके में गया था और तभी इजरायली सैनिकों ने गोलीबारी शुरू कर दी।
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, 37 साल के अब्दुल अजीज अबेद ने बताया कि मैं और मेरे साथी कुछ खाना लेने के लिए हम वहां जाते हैं लेकिन हमें रोटी के बजाय केवल गोलियां और थकावट मिलती हैं। इसके अलावा भी कुछ अन्य लोगों ने भी इजरायली सैनिकों पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया।
इजरायली सेना का क्या कहना है?
स्थानीय लोगों के इन दावों के बाद इजरायली सेना का भी जवाब आया है। इजरायली सेना ने अपने बयान में कहा, 'सेना ने उन संदिग्धों की पहचान की है जो राफाह में उनके ऑपरेशन के दौरान सैनिकों के लिए खतरा बनकर उनके पास आए थे। सैनिकों ने उन्हें वापस लौटने के लिए कहा और जब वे नहीं माने तो सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं।'
इजरायली सेना ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानाकरी नहीं है कि किसी की गोली लगने से मौत हुई है। एक अधिकारी ने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है। सहायता बांटने वाली जगह से लगभग एक किलोमीटर दूर रात के समय गोलियां चलाई गईं। उस समय सहायता केंद्र पर कुछ नहीं बंट रहा था।
गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन ने क्या कहा?
इस घटना पर गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन ने बयान जारी कर कहा कि उनकी साइटों के पास मौत की खबरें झूठी थी।
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'आज हमारे किसी भी सहायता केंद्र पर या उसके आस-पास कोई घटना नहीं हुई है। जिस घटना की बात की जा रही है, वह घटना हमारे सहायता केंद्र के खुलने से कुछ घंटे पहले हुईं। हमने लोगों को बार-बार चेतावनी दी है कि वे रात भर और सुबह जल्दी हमारे सहायता केंद्रों पर न आएं।'
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कुपोषण का शिकार लोग
7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के घातक हमले से शुरू हुए गाजा युद्ध से लोगों के लिए जीवन संकट खड़ा हो गया है। ज्यादातर लोगों को जंग के कारण अपने घर छोड़ने पड़े हैं। डॉक्टरों का कहना है कि 21 महीने से जारी इस युद्ध के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो रहा है और ज्यादातर लोग कुपोषण का शिकार हो रहे हैं।
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के अनुसार, गाजा में हर तीन में से एक व्यक्ति कई दिनों से खाना नहीं खा रहा है और हजारों लोग भूख से मरने की कगार पर हैं। बीते मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि उसके अनुसार गाजा में खाना लेने की कोशिश करते कम से कम 875 लोगों की हत्या के आंकड़े उसके पास हैं.