इजरायल ने अपनी एयर स्ट्राइक से यमन के हूती विद्रोहियों को बड़ा झटका दिया है। यमन की राजधानी सना में इजरायली हमले में हूती विद्रोहियों के प्रधानमंत्री अहमद अल रहावी और कई मंत्रियों की मौत हुई है। शनिवार को हूती विद्रोहियों ने यह बात खुद ही स्वीकार की है। अल रहावी को पिछले साल अगस्त महीने में हूती नेतृत्व वाली सरकार का प्रधानमंत्री चुना गया था।
अपने बयान में हूती विद्रोहियों ने कहा कि सरकार के प्रदर्शन और कामकाज के मूल्यांकन के लिए एक मीटिंग चल रही थी। इसमें प्रधानमंत्री के अलावा सरकार के अन्य सदस्य शामिल थे। तभी इजरायल ने सभी को निशाना बनाया। इस बीच इजरायल के चैनल 12 ने सूत्रों के मुताबिक जानकारी दी कि इजरायली सेना का मानना है कि उसके हमले में हूती प्रधानमंत्री और 12 मंत्रियों के साथ पूरे कैबिनेट के खत्म होने की आशंका है।
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बयान में क्या बोला हूती समूह?
हूती नेता महदी अल मशात ने एक बयान में कह कि हम अहमद गालेब नासिर अल-रहावी की शहादत का ऐलान करते हैं। उन्हें कई मंत्रिस्तरीय सहयोगियों के साथ विश्वासघाती इजरायल आपराधिक दुश्मन ने निशाना बनाया है। घायल साथियों को गुरुवार दोपहर से ही डॉक्टरों की देखभाल में रखा गया है।
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इजरायल की सेना का कहना है कि उसने सना में हूती आतंकवादी शासन के सैन्य ठिकानों को तबाह किया है। जबकि हूती विद्रोहियों का तर्क है कि इजरायल पर उनके हमले फलस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के उद्देश्य से हैं।
2023 से हमला कर रहा हूती संगठन
इजरायल की सेना ने गुरुवार को 16वीं बार हूती विद्रोहियों पर हमला किया था। इजरायली सैनिकों ने लगभग 1800 किमी दूर सना में अपने फाइटर विमानों से भीषण तबाही मचाई। 7 अक्तूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के ठीक एक महीने बाद हूती विद्रोहियों ने भी इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमला शुरू किया है। उनका यह हमला अब भी जारी है। इस बीच लाल सागर पर कई व्यापारिक जहाजों को भी निशाना बनाया। हूती विद्रोही 'अमेरिका की मौत, इजरायल की मौत' के नारे लगाते हैं।