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सोने की तस्करी का हब कैसे बना दुबई? भारत सरकार को कितना होता है नुकसान

दुबई कई कारणों से सोने की तस्करी का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। भारत, पाकिस्तान और अन्य एशियाई देशों में सोना तस्करी करने के लिए दुबई को एक मेजर ट्रांजिट प्वाइंट माना जाता है। 

Dubai hub of gold smuggling

दुबई गोल्ड, Photo Credit: AI generative pic

5 मार्च को कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव को बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह दुबई से लौट रही थीं और चेकिंग के दौरान रान्या के पास 14 किलो सोना और 800 ग्राम सोने के गहने मिले। रान्या 15 दिनों के भीतर 4 बार दुबई जा चुकी थीं। रान्या को 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस की जांच से पता चला कि रान्या पिछले साल 30 बार दुबई गई। अपनी हर यात्रा पर, वह कई किलो सोना लेकर वापस आई।

 

बता दें कि दुबई लंबे समय से सोने के व्यापार का केंद्र रहा है लेकिन हाल के वर्षों में यह सोने की तस्करी का एक बड़ा हब बन गया है। खासतौर पर भारत, पाकिस्तान और अन्य एशियाई देशों में सोना तस्करी करने के लिए दुबई को एक मेजर ट्रांजिट प्वाइंट माना जाता है। 

 

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कैसे बन रहा दुबई सोने की तस्करी का हब?

दरअसल, दुबई में सोने पर टैक्स बेहद कम या शून्य है, जबकि भारत में सोने पर 18-20 फीसदी तक का टैक्स और इम्पोर्ट ड्यूटी लगती है। इस कारण से तस्कर दुबई से सस्ता सोना खरीदते हैं और चोरी-छिपे इसे भारत लाते हैं ताकि यहां ऊंचे दामों पर बेच सकें। वहीं, दुबई में गोल्ड बिजनेस बहुत बड़ा है और यहां कई छोटे डीलर्स बिना ज्यादा कागजी कार्रवाई के सोना बेचते हैं। इस वजह से सोने की गैरकानूनी खरीद-फरोख्त आसान हो जाती है। 

 

हवाला सिस्टम का इस्तेमाल

जानकारी के लिए बता दें कि दुबई से भारत के लिए हर दिन सैकड़ों फ्लाइट्स चलती हैं। तस्कर अक्सर फ्लाइट पैसेंजर्स, क्रू मेंबर्स या कार्गो के जरिए चोरी-छिपे सोना भेजते हैं। इसके अलावा दुबई से सोना तस्करी इसलिए भी आसान है क्योंकि यहां हवाला सिस्टम का इस्तेमाल करके कैश के बिना ही अंतरराष्ट्रीय लेन-देन किया जाता है। इसमें कोई ऑफिशियल बैंकिंग चैनल नहीं होता जिसके कारण सरकार को इन ट्रांजैक्शन्स की जानकारी नहीं मिलती।

 

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कैसे छिपाकर ले जाते हैं सोना?

तस्कर दुबई से सोना या तो शरीर में छिपाकर भारत लाते है या तो सोने को पाउडर या छोटे स्लग में बदलकर शरीर के अंदर छिपा लेते हैं। इसे सर्जिकल टेप, बेल्ट या जूतों में भी छिपाया जाता है। कुछ मामलों में एयरलाइन क्रू मेंबर्स और एयरपोर्ट स्टाफ को पैसे देकर तस्करी करवाई जाती है।

 

यह लोग सिक्योरिटी चेक से आसानी से गुजर जाते हैं, जिसको पकड़ने की संभावना कम होती है। कई डीलर्स नकली डॉक्यमेंट्स के जरिए सोने को लीगल दिखाने की भी कोशिश करते हैं। वह सोने को लो-ग्रेड स्क्रैप मेटल के रूप में दिखाकर उसे भारत भेजते हैं। 

 

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तस्करी से भारत पर क्या पड़ता है असर

दुबई से सोने की तस्करी से भारत पर बहुत भारी असर पड़ता है। इससे भारत सरकार को टैक्स में भारी नुकसान होता है। गैरकानूनी सोने की बिक्री से काले धन को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा तस्करी से जुड़े अपराधी और आतंकवाजी संगठन भी इसका पूरा फायदा उठाते हैं। 

 

दुबई कम टैक्स, ढीले नियम और आसान कनेक्टिविटी के कारण सोने की तस्करी का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर सोना भारत लाते हैं जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता है और अपराध बढ़ता है। 

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