इजरायल के खिलाफ कैसे जंग लड़ रहा ईरान? ट्रंप बोले- घातक होंगे परिणाम
इजरायल के खिलाफ ईरान सीधे जंग में शामिल नहीं है। मगर वह अपने प्रॉक्सी की मदद से नेतन्याहू को जख्म देने में जुटा है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीधी चेतावनी जारी की है।

यमन के हूती विद्रोही। Photo Credit: X- @OwenGregorian
7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास ने सबसे घातक हमला किया। इसमें 1200 से अधिक इजरायली नागरिकों की जान गई। वहीं विदेशी नागरिकों समेत 250 से अधिक लोगों को हमास ने गाजा में बंधक बना लिया। 8 अक्टूबर से इजरायल ने हमास के खिलाफ सबसे बड़ी जंग का एलान किया। 577 दिन बीत चुके हैं... मगर जंग अब भी जारी है। इजरायल के खिलाफ ईरान हमास को सैन्य मदद पहुंचाता रहा है। मगर सीरिया में बशर अल असद की सरकार ढहने के बाद मदद का यह रास्ता भी बंद हो चुका है। उधर, हमास के समर्थन में हिजबुल्लाह ने उत्तर इजरायल पर धावा बोला तो उसे भी नेतन्याहू की सेना के आगे मुंह की खानी पड़ी। हिजबुल्लाह के संस्थापक हसन नसरल्लाह समेत कई बड़े नेताओं को इजरायल ढेर कर चुका है।
इजरायल के खिलाफ हिजबुल्लाह को ईरान ने ही खड़ा किया था। तमाम झटकों के बावजूद ईरान के हौसले अब भी बुलंद हैं। वह आज भी इजरायल के खिलाफ पर्दे के पीछे एक बड़ी जंग लड़ रहा है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
रविवार को यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल के बेन गुरियन हवाई अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया। इसमें छह लोग घायल हुए। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके पीछे ईरान का हाथ बताया। दोनों नेताओं ने ईरान को चेतावनी दी। वहीं नेतन्याहू ने सबक सिखाने की बात कही। माना जा रहा है कि अगर हूतियों ने हमलों को नहीं रोका तो ईरान के साथ इजरायल सीधे जंग में कूद सकता है।
कैसे हूतियों की मदद कर रहा ईरान?
ईरान यमन के हूती विद्रोहियों को सैन्य मदद देता है। ईरानी सहायता से हूती विद्रोहियों की ताकत में इजाफा हुआ है। यही वजह है कि हूती लाल सागर में अधिक शक्ति के साथ उभरे हैं। हूती लाल सागर में इजरायल और अमेरिका से जुड़े व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक हूती विद्रोहियों को ईरान 2009 से ही सैन्य मदद पहुंचा रहा है।
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मिसाइल-ड्रोन पहुंचाता है ईरान
ईरान पर आरोप है कि वह हूती विद्रोहियों को हथियार, ट्रेनिंग और खुफिया जानकारी देता है। जनवरी 2024 में अमेरिका ने एक जहाज को पकड़ा था। इसमें ड्रोन पार्ट्स, मिसाइल वारहेड और एंटी-टैंक मिसाइल यूनिट्स थीं। अक्सर यह सैन्य मदद ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के माध्यम से भेजी जाती है। हूती विद्रोही सीधे तौर पर मिसाइल और ड्रोन हासिल नहीं कर सकते हैं। मगर यह कमी ईरान पूरी करता है। इटालियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल पॉलिटिकल स्टडीज के का कहना है कि यमन में ईरान ने एक ड्रोन कारखाना बनाने में हूतियों की मदद भी की।
जहाज और इजरायल पर क्यों हमला करता है हूती?
गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह की हार का बदला इजरायल से ईरान सीधे तौर पर नहीं ले सकता है। भले उसने नसरल्लाह और हमास चीफ इस्माइल हनीयेह की मौत के बाद इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया। मगर बाद में उसके सुर नरम पड़ गए। अब उसने यह काम हूतियों को सौंप रखा है। हूती विद्रोही हिज्बुल्लाह और हमास व गाजा के लोगों के प्रति अपना समर्थन इजरायल पर हमला करके दिखाते हैं। 19 नवंबर 2023 को हूतियों ने लाल सागर में एक वाणिज्यिक जहाज को अगवा तक कर लिया था विद्रोही अब तक जहाजों पर दर्जनों मिसाइल और ड्रोन से हमला कर चुके हैं। दो जहाजों को डुबो भी चके हैं। एक अन्य जहाज को जब्त कर लिया और चालक दल के चार लोगों की निर्मम हत्या तक कर दी।
अब तक जहाजों पर कितने हमले?
लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हूती विद्रोही के हमले से अमेरिका बेहद चिंतित है। उसने ब्रिटेन के साथ मिलकर 2024 में हूती विद्रोहियों के ठिकाने पर हमला किया। इससे खफा विद्रोहियों ने ब्रिटेन और अमेरिकी जहाजों को भी निशाना बनाना शुरू किया। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के मुताबिक नवंबर 2023 से दिसंबर 2024 तक जहाजों पर 300 से अधिक बार हूतियों ने हमला करने की कोशिश की। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान ने इन हमलों के लिए न केवल सहायता प्रदान की बल्कि हूतियों का समर्थन भी किया।
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अमेरिकी चेतावनी... मगर नहीं मान रहा ईरान
अमेरिका का सीधे मानना है कि हूती विद्रोहियों की ताकत के पीछे ईरान है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान को एक निजी संदेश भेजा था। इसमें उन्होंने तेहरान को हूतियों को मदद न करने को कहा था। हूतियों की दुश्मनी न केवल अमेरिका और इजरायल से है बल्कि सऊदी अरब से भी उनकी नहीं बनती है। सऊदी अरब का आरोप है कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध का उल्लंघन किया। यमन के गृहयुद्ध के दौरान हूतियों को ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों का जखीरा तस्करी के माध्यम से भेजा।
ट्रंप साफ-साफ कहते हैं कि हूतियों की फंडिंग ईरान करता है। उन्होंने ईरान से तुरंत समर्थन बंद करने को कहा। यह भी कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो अमेरिका पूरी तरह से तेहरान को जवाबदेह ठहराएगा।
गाजा के लोगों के समर्थन और हमास के साथ एकजुटता दिखाने की खातिर हूती विद्रोही इजरायल को निशाना बनाते हैं। हूतियों ने इजरायल पर करीब 27 बैलिस्टिक मिसाइलें और कई ड्रोन दागे हैं। हालांकि अधिकांश को इजरायल ने मार गिराया। जवाब में इजरायल ने भी यमन में एयर स्ट्राइक की। ट्रंप के आदेश पर अमेरिका ने मार्च 2025 में यमन में हूतियों के खिलाफ बड़ा हमला किया। हूतियों ने इसके जवाब में इजरायल के एयरपोर्ट पर मिसाइल दाग दी।
अब आगे क्या?
एयरपोर्ट पर हूतियों के मिसाइल हमले से नेतन्याहू काफी खफा हैं। उन्होंने हूतियों के 'संरक्षक' ईरान के खिलाफ एक्शन लेने की कसम खाई है। नेतन्याहू ने कहा कि हूतियों के खिलाफ बेहद सख्त जवाबी कार्रवाई करेंगे। इजरायली पीएम ने आगे कहा कि हम हमेशा याद रखेंगे कि उन्होंने (हूती) अपने संरक्षक ईरान के आदेश और समर्थन में यह काम किया। हम ईरान को उचित चेतावनी देने के लिए जो भी करना होगा, वह करेंगे, हम इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं कर सकते। हूतियों के हमले से ट्रंप भी भड़क उठे हैं। उन्होंने कहा कि अब से हूतियों द्वारा चलाई गई हर गोली को ईरान के हथियारों और नेतृत्व से चलाई गई गोली माना जाएगा। ईरान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके परिणाम भुगतने होंगे और ये काफी भयानक होंगे।
कौन हैं हूती?
हूती यमन का एक सशस्त्र राजनीतिक और धार्मिक समूह है। इसका संबंध शिया मुस्लिम समुदाय से है। ईरान भी शिया बहुल देश है। इस वजह से भी ईरान और उसकी नजदीकी है। यमन के एक तिहाई क्षेत्रफल पर हूतियों का कब्जा है। 2014 में यमन की सरकार उखाड़ फेंकने के बाद राजधानी सना में विद्रोहियों का कब्जा है। ईरान ने इस सरकार को मान्यता दे रखी है। यह गुट 1990 के दशक में उभरा। इसका नाम गुट के संस्थापक हुसैन अल-हूती के नाम पर रखा गया। मौजूदा समय में उनके भाई अब्दुल मलिक अल-हूती गुट के नेता हैं।
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