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राम का नाम फ्रा राम, सीता यानी नांग सीता, थाईलैंड की रामायण को जानिए

क्या आप रामायण के थाई एडिशन रामकियेन के बारे में जानते हैं? 'रामकियेन' का मतलब 'राम की गाथा' होता है। इसे विशेष मुखौटों और पारंपरिक नृत्य के जरिए पेश किया जाता है।

Thai Version of the Ramayana-Ramakien

रामकियेन पेश करते थाई आर्टिस्ट, Photo Credit: X/@narendramodi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के लिए 2 दिन की थाइलैंड यात्रा पर गुरुवार को बैंकॉक पहुंचे। यहां मोदी को रामायण का थाई एडिशन 'रामकियेन' दिखाया गया। रामकियेन थाइलैंड की रामायण है, जो भारतीय महाकाव्य वाल्मिकी रामायण पर आधारित है। हालांकि, इसमें थाई संस्कृति, कला और इमेजिनेशन का सुंदर मिक्षण है। रामकियेन का मतलब होता है कि 'राम की महिमा'। यह थाई भाषा में लिखा गया महाकाव्य है। रामकियेन की कहानी हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के प्रसार के साथ भारत से थाइलैंड पहुंची। इसे थाई भाषा में सबसे प्रमुख रूप से अयुत्या साम्राज्य (14वीं-18वीं) सदी में लिखा गया। वर्तमान में जो रामकियेन सबसे प्रसिद्ध है, उसे राजा राम (1782-1809) ने संकलित किया था।

 

रामायण से कितना अलग रामकियेन?

भारत की रामायण से थाई रामकियेन हर मायने में अलग है। रामायण के मुख्य पात्र से लेकर परंपराएं भी अलग-अलग है। 

 

भारतीय रामायण थाई रामकियेन
राम   फ्रा राम (Phra Ram)
सीता नांग सीदा (Sida)
लक्ष्मण फ्रा लक्ष (Phra Lak)
रावण तॉसाकान  (Totsakan)
हनुमान हनुमान (वहीं नाम)
सुग्रीव  सुक्रिप 
बाली फ्रा पाली
अंगद ऑगकट
मेघनाद इंद्रचित
कुंभकरण कुंफाकन


रामकियेन में कला की झलक

थाईलैंड की ट्रेडिशनल डांस फॉर्म खोन में रामकियेन का मंचन होता है। बैंकॉक का एमराल्ड बुद्ध मंदिर वहां की दीवारों पर पूरी रामकियेन चित्रकथा अंकित है। रामकियेन की दिलचस्प बात यह है कि थाई राजाओं के नाम 'राम' से शुरू होते हैं जैसे राम IX राम X, जो यह दर्शाता है कि राम को वे राजधर्म और मर्यादा का प्रतीक मानते हैं। रामकियेन थाई संस्कृति का हिस्सा इतना गहरा है कि स्कूलों में भी इसे पढ़ाया जाता है। इसमें बौद्ध नैतिक मूल्यों को भी पेश किया गया है। 

 

क्या यह वही रामायण है? 

रामकियेन रामायण से प्रेरित है लेकिन यह कोई सीधी अनुवाद या कॉपी नहीं है। इसमें थाई परंपराओं, जियोग्राफिकल नामों और कैरेक्टर को थाईलैंड के लोकल कनटेक्सट  में पेश किया जाता है। थाइलैंड का एक पारंपरिक नृत्य-नाटक खोन है, जिसमें रामकियेन की कहानी को भव्य रूप से पेश किया जाता है। यह थाई शाही दरबार से जुड़ी एक प्राचीन कला है और इसे विशेष रूप से राजकीय आयोजनों और उत्सवों में पेश किया जाता है। 

 

खोन और रामकियेन का संबंध

खोन में आर्टिस्ट संवाद नहीं बोलते बल्कि शरीर की मुद्राओं, हाव-भाव और नृत्य के जरिए कहानी सुनाते हैं। संवाद और गायन पर्दे के पीछे से थाई शास्त्रीय संगीत के साथ किया जाता है। कलाकार विशेष थाई क्लासिकल मूवमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, जैसे –'फ्लाइंग हनुमान', 'राम का बाण छोड़ना' और 'सुपर्णमच्छा का जल में तैरना'। 

 

रामायण और रामकियेन दोनों एक-दूसरे से कितने अलग?

रामकियेन में कई नई कहानियां जोड़ी गई हैं, जो भारतीय रामायण में नहीं मिलतीं। इसमें सुपर्णमच्छा (Suphannamatcha) नाम की एक नई पात्र जोड़ी गई है, जो रावण की बेटी है और हनुमान से प्रेम कर बैठती है। इसके अलावा रामकियेन में हनुमान को एक अजेय, अमर, चतुर और कभी-कभी चंचल प्रेमी के रूप में दर्शाया गया है, जो भारतीय रामायण में नहीं दिखाया गया। वहीं, थाईलैंड के सांस्कृतिक संदर्भ में अनेक युद्धों और विजय अभियानों को जोड़ा गया है, ताकि यह उनकी ऐतिहासिक गाथाओं से मेल खाए।

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