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क्या AI इंसानों को मार देगा, 'गॉडफादर' ने बचने का तरीका क्या बताया?

एआई एक दिन मनुष्य से अधिक शक्तिशाली और स्मार्ट हो जाएगा। तब मानवता को सबसे बड़ा खतरा एआई से होगा। एआई के गॉडफादर ने मानवता को बचाने की तरकीब बताई है।

The threat from AI.

एआई से खतरा। (AI Generated Image)

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) रोजाना उन्नत होता जा रहा है। उसकी क्षमताएं कंटेंट लिखने और वीडियो बनाने के अलावा अन्य क्षेत्रों में तेजी से विकसित हो रही है। जो काम इंसान घंटों में करता है, उसे एआई कुछ सेकंड में कर सकता है। दुनियाभर की कई कंपनियां एआई की होड़ में जुटी हैं। हर कंपनी चाहती है कि उसका एआई मॉडल सबसे उन्नत हो। इसी कारण से नए-नए डेटा के साथ एआई मॉडल को ट्रेनिंग दी जा रही है। मगर खतरा यह है कि उन्नत एआई मॉडल मनुष्यों के सामने अस्तित्व का खतरा पैदा कर सकते हैं।

 

'एआई के गॉडफादर' जेफ्री हिंटन को इस बात की टेंशन है कि अगर एआई सुपर इंटेलीजेंट हो गया तो वह मनुष्य के अस्तित्व को मिटा सकता है। हाल ही में कुछ एआई मॉडल ने अपनी हरकतों से लोगों को धमकाने और बेवकूफ बनाने की कोशिश की। इससे इस बात की आशंका और बढ़ गई है। 

 

अमेरिका के लास वेगास शहर में एआई-4 नाम से एक सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें जेफ्री हिंटन ने बड़ी चेतावनी दी। उनका कहना है कि 10 से 20 फीसदी तक संभावना है कि एआई मनुष्यों को खत्म कर देगा। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का डर है कि जिस तकनीक को बनाने में मैंने मदद की, वह मानवता को खत्म कर सकती है। उनका मानना है कि दिग्गज टेक कंपनियां एआई को रोकने की दिशा में गलत तरीका अपना रही हैं। यह तरीका काम नहीं करने वाला है।

 

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जेफ्री हिंटन का कहना है कि दिग्गज कंपनियां विनम्र एआई मॉडलों को विकसित करने में जुटी हैं। मगर यह रणनीति काम नहीं करेगी। आने वाले समय में एआई हमसे (मनुष्य) से कहीं अधिक होशियार होंगे। वह बचने के अलग-अलग तरीके खोजेंगे। 

एआई की हैरान करने वाली हरकतें

  • कुछ समय पहले एंथ्रोपिक एआई के क्लाउड 4 ने एक इंजीनियर को ब्लैकमेल किया था। उसने एक ईमेल को सार्वजनिक करने की धमकी दी। इसमें उस इंजीनियर के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की जानकारी थी।

 

  • ओपनएआई कंपनी ने चैटजीपीटी तैयार किया है। इसके O1 मॉडल ने मनुष्यों को बेवकूफ बनाने की कोशिश की। उसने खुद को एक बाहरी सर्वर पर डाउनलोड करने का प्रयास किया। जब उसे रंगे हाथ पकड़ा गया तो वह झूठ बोलने लगा।

 

  •  मैक्रोसॉफ्ट ने 2016 में अपना Tay चैटबॉट लॉन्च किया। इसने रिलीज के अगले दिन ही आपत्तिजनक ट्वीट करना शुरू कर दिया। सेंटर फॉर एआई सेफ्टी का मानना है कि उन्नत एआई मॉडल कंट्रोल से बाहर हो सकते हैं। वह संसाधनों पर कब्जा कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो मनुष्य के सामने बड़ा संकट खड़ा होगा।

कैसे एआई से बचेंगे मनुष्य?

जेफ्री हिंटन का कहना है कि धरती से मनुष्यों को एआई के हाथों विलुप्त होने से सिर्फ एक ही रणनीति से बचाया जा सकता है। यह रणनीति है उनके ममता पैदा करना। ठीक वैसे ही जैसे एक मां में अपने बच्चे के प्रति ममता होती है। यही ममता है कि कोई मां अपने बच्चे को सबसे अधिक प्यार और दुलार करती है। वह उसकी देखभाल करती है। बच्चा अपने मां को नियंत्रित करता है। हिंटन का मानना है कि अगर एआई में इंसानों के प्रति ममता और करुणा की भावना पैदा कर दी जाती है तो इससे मानवता को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। ममता पैदा होने के बाद एआई मनुष्यों की तुलना में अधिक शक्तिशाली और स्मार्ट होने के बाद भी इंसानों की परवाह करेंगे।

खुद को जीवित रख सकता है एआई

एआई रोजाना स्मार्ट होता जा रहा है। ऐसे में वह चीजों पर नियंत्रण करने और अपने अस्तित्व को बचाने की खातिर नई-नई तरकीब अपना सकते हैं। हिंटन का भी यही मानना है कि कोई भी एजेंटिक एआई अपने आपको जीवित रखने की कोशिश करेगा। हिंटन के मुताबिक अगर एआई सिस्टम स्मार्ट है तो वह बहुत ही जल्द दो लक्ष्य तक पहुंच सकता है।

 

पहला:  खुद को जीवित रखना।
दूसरा: अधिक नियंत्रण हासिल करना।

 

अन्य विशेषज्ञ क्या सोचते हैं?

फेई-फेई ली को एआई की गॉडमदर कहा जाता है। मगर उनके विचार हिंटन से बिल्कुल अलग हैं। वह एआई को बड़ा खतरा नहीं मानती हैं। वर्ल्ड लैब्स के सह-संस्थापक और सीईओ ली का कहना है कि हर स्तर पर यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम तकनीक का निर्माण और इस्तेमाल सबसे सतर्कता से करें। 

 

ओपनएआई के अंतरिम सीईओ के तौर पर काम कर चुके एम्मेट शियर का कहना है कि कुछ एआई मॉडल ने मनुष्यों को ब्लैकमेल करने या शटडाउन आदेशों को दरकिनार करने का प्रयास किया। ऐसा होना बंद नहीं होगा। आज भले ही एआई कमजोर है। मगर यह बहुत तेजी से शक्तिशाली भी हो रहा है।

कब तक सुपर इंटेलीजेंस हो सकता एआई?

आज एआई विशेषज्ञों की सोच से भी तेजी से बढ़ रहा है। हिंटन ने सम्मेलन में कहा कि मुझे लगता था कि एआई को सुपर इंटेलीजेंस बनने में 30 से 50 साल का समय लगेगा, लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि यह क्षण बहुत जल्द आने वाला है। 5 से 20  साल के बीच एआई सुपर इंटेलीजेंस बन सकता है।

इंसान हमेशा जिंदा नहीं रहेगा

हिंटन का कहना है कि एआई के दम पर मनुष्यों को अमरता हासिल नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम हमेशा जिंदा नहीं रहेंगे। हमेशा जिंदा रहना एक बड़ी भूल होगी। मगर उनको यह उम्मीद है कि मेडिकल क्षेत्र को एआई बदलकर रख देगा। नई-नई दवाओं का विकास होगा। कैंसर जैसे खतरनाक मर्ज का इलाज संभव होगा। 

 

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कौन हैं जेफ्री हिंटन?

जेफ्री हिंटन गूगल के पूर्व कार्यकारी अधिकारी हैं। उन्हें 2024 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार एआई में उनके योगदान पर दिया गया। 6 दिसंबर 1947 को लंदन में जन्मे जेफ्री हिंटन को दुनिया गॉडफादर ऑफ एआई के नाम से जानती है। वह कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय से भी जुड़े हैं। हिंटन ने कहा कि मुझे एआई को सिर्फ काम पर लगाने और सुरक्षा पर ध्यान न देने का अफसोस है। 

 

 

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