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सैकड़ों मौत और हिंसा की आग में क्यों जल रहे हैं अफ्रीका के 5 देश?

अफ्रीका महाद्वीप के कई देश काफी समय से तख्तापलट, हिंसा, हत्या, अपहरण और गरीबी की मार झेल रहे हैं। इन सबका असर सबसे ज्यादा अगर किसी पर पड़ा है तो वह यहां की रहने वाली जनता पर पड़ा है।

violence in African countries

प्रतीकात्मक तस्वीर। Photo Credit- AI

अफ्रीका महाद्वीप के कई देश काफी समय से तख्तापलट, हिंसा, हत्या, अपहरण और गरीबी की मार झेल रहे हैं। इन सबका असर सबसे ज्यादा अगर किसी पर पड़ा है तो वह यहां की रहने वाली जनता पर पड़ा है। हिंसा और हत्याओं की वजह से इन देशों में रोजगार, विकास और आगे बढ़ने के मौके सीमित हो चुके हैं। कानून व्यवस्था कमजोर होने के कारण विदेशी कंपनियां यहां निवेश करने से बचती हैं। नाइजीरिया के उत्तर-पश्चिम में शुक्रवार को ही उग्रवादियों के एक समूह ने हमला करके नौ लोगों को मौत के घाट उतार दिया और कई लोगों का अपहरण करके अपने साथ ले गए। ऐसे ही हिंसा का घटनाएं केन्या और माली से भी आ रही हैं

 

हम इस खबर में जिन अफ्रीकी देशों की बात करेंगे वहां हो रही हिंसा, हत्या, अपहरण और गरीबी ऐसे ही नहीं है, बल्कि इसका कारण भी है। इसमें हम अफ्रीका में सबसे ज्यादा हिंसा, हत्या, अपहरण और गरीबी की मार झेलने वाले केन्या, नाइजीरिया, माली, बुर्किना फासो और नाइजर की बात करेंगे। आइए विस्तार से पूरी कहानी समझते हैं...

नाइजीरिया

नाइजीरिया में बोको हरम आतंकी संगठन से लेकर कई उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं। समय-समय पर ये संगठन देश में हत्या, हिंसक घटनाओं और अपहरण के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसकी बानगी शुक्रवार को देखने को मिली। उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में शुक्रवार (18 जुलाई) को उग्रवादियों के एक समूह ने हमला करके नौ लोगों को मौत के घाट उतार दिया और कई लोगों का अपहरण करके अपने साथ ले गए

 

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स्थानीय सांसद हामिसु फारू ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमलावर महिलाओं और बच्चों सहित 100 लोगों का अपहरण करके अपने साथ ले गए हैंयही नहीं हमलावरों ने लोगों के घरों में जाकर तलाशी ली, लूटमार की और फिर लोगों का अपहरण कर लियाइससे पहले साल 2021 में नाइजीरिया के जंगेबे गांव में एक बोर्डिंग स्कूल से लगभग 300 छात्राओं का सामूहिक अपहरण कर लिया गया थावहां की सरकार ने जब उग्रवादियों को फिरौती की रकम चुकाई तो उन्होंने लड़कियों को रिहा किया

 

इस बीच सेंट्रल नाइजीरिया की उपजाऊ जमीन पर कब्जा करने के लिए हिंसक झड़पें हो रही हैंयह झड़पें वहां के चरवाहों और किसानों के बीच हो रही हैइस हिंसा में अबतक160 से ज्यादा किसान मारे जा चुके हैंकिसानों का कहना है कि उन्हें उनके खेतों से खदेड़ने की कोशिश की जा रही हैइन हत्या, अपहरण और हिंसक घटनाओं के चलते देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है। 

केन्या

पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या इन दिनों जल रहा हैअब तक हिंसा की आग में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी हैदेशभर में विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है। 25 जून को केन्या में भड़की हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैंसबसे ज्यादा हिंसा देश की राजधानी नैरोबी में देखने को मिल रही हैनैरोबी में 9 जुलाई को एक बार फिर से सरकार विरोधी प्रदर्शन हुआपुलिस ने लोगों को रोकने के लिए गोलीबारी कर दी, जिसमें 31 लोग मारे गए

 

दरअसल, केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो साल 2022 से सत्ता पर काबिज हैंउन्होंने देश के लोगों से आर्थिक प्रगति का वादा किया थामगर बाद में उनके शासन में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गयासाथ ही केन्या में पुलिस प्रताड़ना के मामले बढ़ें हैं और सैकड़ों लोगों को जबरन गायब किया जाने लगापिछले साल टैक्स में बढ़ोतरी होने के बाद 25 जून 2024 को केन्या के कई शहरों में हिस्सा भड़ उठीजवाबी एक्शन में केन्या की पुलिस ने 60 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी।सरकार विरोधी यह हिंसा कब रूकेगी यह फिलहाल किसी को नहीं मालूम है। 

माली

वेस्ट अफ्रीकी देश माली में पिछले काफी समय से हिंसा हो रही हैयह हिंसा भारी गरीबी और संसाधनों की कमी की वजह से वहां से उग्रवादी संगठन कर रहे हैंअब तो हिंसा के साथ में हत्याएं और अपहरण तक होने लगे हैंइस घटनाओं को अंजाम देने वाले और कोई नहीं बल्कि पाकिस्तान का खुंखार इस्लामी आंकवादी संगठन अल-कायदा से जुड़ा 'जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन' (JNIM) हैयह संगठन माली ही नहीं बल्कि पश्चिमी अफ्रीकी देशों- बुर्किना फासो और नाइजर में बढ़ते आंतकी हमलों और उग्रवादी जिहादी हमलों के पीछे मुख्य वजह है

 

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1 जुलाई को इस आतंकी समूह ने पश्चिमी माली में सात सैन्य ठिकानों पर एक बड़ा हमला कियाइन हमलों में जेएनआईएम ने माली के 50 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दियामाली में साल 2012 से ही कई जिहादी और अलगाववादी संगठन सक्रिय हैंये संगठन एक दूसरे का सहयोग करके माली में हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैंजेएनआईएम ने अपनी आतंकी गतिविधियों की शुरुआत सेंट्रल और नॉर्थ माली में शुरू करते हुए तेजी से अपना विस्तार कर रहा हैमगर, इसका गढ़ बुर्किना फासो, माली और नाइजर हैंआतंकी संगठन जेएनआईएम ने माली में 117 लोगों की हत्या करने का दावा किया है

 

जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन माली में इस्लाम और शरिया का कानून लागू करना चाहता हैयह कट्टर संगठन अपने अधिकार वाले क्षेत्रों में इस्लामी ड्रेस कोड लागू करने, संगीत और धूम्रपान पर बैन लगाने, पुरुषों को दाढ़ी बढ़ाने और महिलाओं को अकेले सार्वजनिक स्थानों पर जाने से रोकता है

बुर्किना फासो और नाइजर

अफ्रीकी देश बुर्किना फासो पिछले काफी समय से अस्थिरता का सामना कर रहा हैदेश की सेना ने मार्च के महीने में कम से कम 100 से ज्यादा लोगों का नरसंहार किया हैबुर्किना फासो के पश्चिमी हिस्से सोलेंजो में लोग जातीय नरसंहार के शिकार बने हैंबुर्किना फासो की फौज ही वहां के आम नागरिकों की हत्या कर रही हैलोग इस नरसंहार की वजह से देश छोड़कर भाग रहे हैंबुर्किना फासो की फौज मिलिशिया के निशाने पर वहां के फुलानी समुदाय के लोग हैं

 

फुलानी समुदाय, अफ्रीका का एक चरवाहा समुदाय हैबुर्किना फासो की सरकार इसे इस्लामिक विद्रोहियों का समूह करार देती हैसमुदाय के नेताओं का कहना है कि वे विद्रोही नहीं, आम नागरिक हैंहैरान करने वाली बात यह है कि बुर्किना फासो का 40 फीसदी हिस्सा अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के कब्जे में हैपश्चिमी अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में ये सक्रिय हैं

 

हजारों लोग यहां मारे जा चुके हैं, लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैंबुर्किना फासो की सेना वादा कर चुकी है कि शांति बहाल की जाएगी लेकिन मार्च में ही सिर्फ 130 से ज्यादा लोग मारे गएएक तरफ HRW की यह रिपोर्ट सामने आई, दूसरी तरफ एक बार फिर बुर्किना फासो में कई जगह विद्रोही गुटों और सेना के बीच जंग हुई, कई लोग मारे गएसैनिक और विद्रोही दोनों गुटों के लोग मारे गए हैं

 

इसके अलावा जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन आतंकी संगठन भी बुर्किना फासो में हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहा है2025 की शुरुआत में जेएनआईएम ने बुर्किना फासो में 280 से ज्यादा हमले किए हैं, जबकि इसने 2024 में लगभग 180 हमले किएवहीं, समूह ने अप्रैल से लेकर अब तक बुर्किना फासो में लगभग 800 लोगों की हत्या कर दी है

 

इसके अलावा गरीबी की मार झेल रहे नाइजर में भी यह संगठन हमले, अपहरण और लूटपाट कर रहा हैसंगठन का दावा है कि इसने अकेले नाइजर में 74 लोगों की हत्याएं की हैं

 

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