संयुक्त राष्ट्र परमाणु एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा है कि ईरान एटम बम बनाने से अब बहुत दूर नहीं है। यह बात उन्होंने फ्रांस के अख़बार ली मॉन्डे (Le Monde) को दिए एक इंटरव्यू में कही। ये इंटरव्यू बुधवार को छपा। उसी दिन ग्रोसी ईरान दौरे पर जा रहे थे।
ग्रोसी ने कहा कि ईरान ने अभी तक एटम बम नहीं बनाया है, लेकिन वह इसे बनाने के बहुत नज़दीक है। उन्होंने बताया कि ईरान के पास एटम बम बनाने के ज़रूरी हिस्से (तकनीक और सामान) मौजूद हैं और एक दिन वह उन्हें जोड़कर बम बना सकता है।
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परमाणु समझौते से लगी थी रोक
IAEA (International Atomic Energy Agency) एक संयुक्त राष्ट्र की संस्था है जो यह देखती है कि देश परमाणु ऊर्जा का सही और शांतिपूर्ण इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं। ईरान के मामले में IAEA यह निगरानी कर रही थी कि वह 2015 के परमाणु समझौते (JCPOA) का पालन कर रहा है या नहीं।
यह समझौता अमेरिका, ईरान और कुछ और देशों के बीच हुआ था, जिसमें ईरान ने वादा किया था कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित रखेगा और बदले में उस पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाए जाएंगे।
लेकिन 2018 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से बाहर कर लिया और फिर ईरान पर फिर से कड़े प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद से ईरान ने परमाणु गतिविधियां बढ़ा दीं और IAEA को भी कुछ जगहों पर निगरानी की अनुमति नहीं दी।
अगली बातचीत रोम में
इन हालात के बीच ईरान की सरकारी मीडिया ने जानकारी दी थी कि ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु मुद्दे पर बातचीत का दूसरा दौर रोम (Rome) में होगा।
पिछली बातचीत ओमान की राजधानी मस्कट में हुई थी और इस बार भी ओमान ही बातचीत में मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा।
इससे पहले बातचीत के स्थान को लेकर कुछ भ्रम था। कुछ अधिकारियों ने कहा था कि बातचीत रोम में होगी, लेकिन ईरान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि शायद फिर से ओमान में ही बातचीत हो। अब साफ हो गया है कि बातचीत रोम में होगी, लेकिन ओमान की मदद से।
दुनिया की बढ़ी चिंता
IAEA प्रमुख ग्रोसी के इस बयान से दुनिया के कई देशों में चिंता बढ़ गई है, खासकर पश्चिमी देशों में। इजरायल ने पहले ही कहा है कि वह ईरान को कभी भी एटम बम बनाने नहीं देगा और उसने ईरान के परमाणु ठिकानों पर कई बार गुप्त ऑपरेशन भी किए हैं।
अमेरिका भी अब बड़ी सावधानी से आगे बढ़ रहा है। ट्रंप सरकार चाहती है कि बातचीत के ज़रिए ईरान को फिर से परमाणु समझौते की शर्तों पर लाया जाए। रोम में होने वाली यह बातचीत इसी दिशा में एक उम्मीद की किरण हो सकती है।
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ग्रोसी का तेहरान दौरा
IAEA प्रमुख ग्रोसी अब ईरान की राजधानी तेहरान जाएंगे, जहां वे ईरानी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। वहां वह बात करेंगे कि ईरान ने यूरेनियम कितना संवर्धित (enrich) किया है, परमाणु संयंत्रों में पारदर्शिता कितनी है और IAEA को निगरानी की कितनी अनुमति दी जा रही है।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ईरान ने अब तक 60% तक यूरेनियम संवर्धित कर लिया है, जबकि परमाणु समझौते में 3.67% की सीमा तय की गई थी। 90% पर यह यूरेनियम सीधे एटम बम में इस्तेमाल हो सकता है।
हालांकि, ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन अब दुनिया भर के विशेषज्ञ मान रहे हैं कि वह एटम बम के बेहद करीब पहुंच चुका है।