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इजरायल ने ईरान के बुशहर रिएक्टर पर हमला किया तो..., IAEA ने दी चेतावनी

इजरायल के ईरान पर हमले को देखते हुए IAEA ने भारी चेतावनी दी है। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध एक ऐसे मोड़ पर आ चुका है जहां पर दोनों देश एक-दूसरे के प्रति काफी आक्रामक हो गए हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की परमाणु कार्यक्रमों की निगरानी करने वाली संस्था आईएईए के प्रमुख ने चेतावनी दी है कि अगर इज़रायल ने ईरान के बुशहर परमाणु संयंत्र पर हमला किया, तो मध्य पूर्व में भयानक परमाणु आपदा (Nuclear Disaster) हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने शुक्रवार को यूएन सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा, 'अगर बुशहर संयंत्र पर सीधा हमला हुआ, तो इससे बहुत अधिक रेडियो एक्टिव पदार्थ फैल सकता है।' अभी तक कोई रेडियो ऐक्टिव रिसाव नहीं हुआ है, लेकिन हमला होने पर काफी बर्बादी हो सकती है।

 

ग्रॉसी ने चेतावनी देते हुए कहा, 'पिछले कुछ घंटों में क्षेत्र के देशों ने मुझसे सीधे संपर्क कर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं, और मैं यह पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमले की स्थिति में, सीधे हमले के परिणामस्वरूप बहुत अधिक मात्रा में रेडियो ऐक्टिव तरंगे निकलेंगी।' 13 जून को इजरायल के अचानक हमले के बाद शुरू हुआ संघर्ष तेजी से बढ़ गया है। तेल अवीव ने ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों, शीर्ष जनरलों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाया है। वाशिंगटन स्थित ईरानी मानवाधिकार संगठन के अनुसार, ईरान में कम से कम 657 लोग मारे गए हैं - जिनमें 263 नागरिक शामिल हैं और 2,000 से अधिक घायल हुए हैं।

कई किमी तक होगी तबाही

बुशहर, जो दक्षिणी ईरान में स्थित है, मध्य पूर्व का पहला नागरिक परमाणु रिएक्टर है। इसमें हजारों किलोग्राम परमाणु सामग्री है। ग्रॉसी ने बताया कि अगर संयंत्र पर हमला हुआ या उसकी बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचा, तो रिएक्टर पिघल सकता है। इससे सैकड़ों किलोमीटर तक के क्षेत्र में लोगों को बचाव और आश्रय लेना पड़ सकता है।

 

13 जून को इज़रायल के अचानक हमले के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध तेज़ हो गया है। इज़रायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों, वैज्ञानिकों और जनरलों को निशाना बनाया है। ईरान में 657 लोग मारे गए, जिनमें 263 आम नागरिक हैं। 2,000 से अधिक लोग घायल हैं। इज़रायल में ईरान ने 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन दागे, जिससे 24 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए।

 

इजरायली सैन्य अनुमानों के अनुसार, जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल पर 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन दागे हैं। इजरायल में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।

छोटे हमले से भी बढ़ेगी दिक्कत

आईएईए प्रमुख ने कहा कि दक्षिणी ईरान में स्थित बुशहर मध्य पूर्व का पहला नागरिक परमाणु रिएक्टर है और इसमें हजारों किलोग्राम न्यूक्लियर मटीरियल है। उन्होंने कहा कि रिएक्टर को बिजली आपूर्ति करने वाली बिजली आपूर्ति लाइनों को नुकसान पहुंचाने से व्यापक परिणाम वाले मेल्टडाउन की शुरुआत हो सकती है।

 

उन्होंने कहा, ‘सबसे खराब स्थिति में, बुशहर के कई सौ किलोमीटर के भीतर के क्षेत्रों को खाली करने और शरण लेने के आदेश जारी करने की आवश्यकता होगी,’ जिसमें खाड़ी देशों के कुछ हिस्से शामिल हैं, जो वैश्विक तेल व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। लोगों को रेजिएशन के जोखिम से बचने के लिए आयोडीन का सेवन करने की भी आवश्यकता होगी और खाद्य आपूर्ति पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।

ग्रॉसी ने यह भी चेतावनी दी कि सीधे हमलों से कम अटैक - जैसे कि बिजली की लाइनों पर हमले करना भी कूलिंग सिस्टम को ध्वस्त कर सकता है और मशीनों के पिघलने के कारण लोगों के लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है।

नेतन्याहू ने पीछे न हटने को उतारू

संभावित परमाणु आपदा के बारे में डर बढ़ रहा है क्योंकि इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अभियान जारी रखने की कसम खाई है। उन्होंने कहा, 'हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए जब तक आवश्यक होगा, लड़ेंगे,' उन्होंने इसे 'अस्तित्व का खतरा' बताया।

ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।

अमेरिका ने दी थी धमकी

हालांकि, तेहरान एकमात्र गैर-परमाणु-हथियार वाला देश बना हुआ है जो 60% तक यूरेनियम को एनरिच कर चुका है जो कि न्यूक्लियर हथियारों के बनाने के लिए जरूरी एनरिचमेंट से थोड़ा ही कम है। यह इजरायल और पश्चिमी देशों दोनों के लिए चिंता का विषय है।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले तेहरान को एक सख्त चेतावनी जारी की थी, जिसमें उसके यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को पूरी तरह से रोकने की मांग की गई थी। ट्रंप ने ईरान को इसका पालन करने के लिए दो सप्ताह का अल्टीमेटम दिया, चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर चल रहे इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिका की सीधे तौर पर हस्तक्षेप कर सकता है।

 

इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत के बाद कहा कि इजरायल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि बुशहर संयंत्र में काम करने वाले रूसी कर्मियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। ईरान के परमाणु ऊर्जा बुनियादी ढांचे में लंबे समय से रणनीतिक हित रहा है।

IAEA ने की पुष्टि की

हालांकि बुशहर को अभी तक निशाना नहीं बनाया गया है, लेकिन इजरायल के हवाई हमलों ने अन्य परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है, जिसमें नतांज एनरिचमेंट फेसिलिटी, तेहरान के पास सेंट्रीफ्यूज वर्कशॉप, इस्फ़हान में लैब और अराक हैवी वॉटर रिएक्टर शामिल हैं।

 

ग्रॉसी ने अपनी पिछली बात को दोहराया कि ऐसे ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।

 

IAEA ने शुक्रवार को बताया कि अराक साइट पर प्रमुख इमारतों को नुकसान पहुंचा है, जिसमें आसवन इकाई भी शामिल है। हालांकि रिएक्टर चालू नहीं था और उसमें कोई न्यूक्लियर मटीरियल नहीं थी, लेकिन आईएईए ने इस पर चिता ज़ाहिर की।

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