इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमले को लेकर इजरायली सेना की पहली जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में हमास के हमले को 'इंटेलिजेंस फेलियर' बताया है। रिपोर्ट में सामने आया है कि इजरायली सेना इस हमले से पहले न सिर्फ खुफिया जानकारियां जुटाने में नाकाम रही बल्कि उसने हमास को लेकर गलत धारणा भी बना रखी थी।
7 अक्टूबर 2023 को हमास के 5 हजार लड़ाके दक्षिणी इजरायल में घुस आए थे। हमास के लड़ाकों ने इजरायल में कत्लेआम मचाया था। हमास के अटैक में 1,200 लोगों की मौत हो गई थी। हमास अपने साथ 250 लोगों को भी बंधक बनाकर ले गए थे। हमास के अटैक के बाद इजरायल ने जंग का ऐलान कर दिया था। तब से ही गाजा में इजरायली सेना और हमास के बीच जंग जारी है। हालांकि, फिलहाल सीजफायर लागू हो गया है लेकिन इजरायली सेना के हमले जारी हैं। इजरायली सेना अब गाजा के बाद वेस्ट बैंक में ऑपरेशन चला रही है।
हमास के इस अटैक के 16 महीने गुजर जाने के बाद इजरायली सेना की पहली जांच रिपोर्ट आई है। 19 पन्नों की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मिलिट्री इंटेलिजेंस की चेतावनियों को सीनियर अफसरों तक नहीं पहुंचाया गया।
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जांच रिपोर्ट में क्या सामने आया?
इस रिपोर्ट में सामने आया है कि 'इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) और इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट के बीच तालमेल की कमी थी। पर्याप्त इनपुट के बावजूद इंटेलिजेंस एजेंसियां ये समझने में नाकाम रही कि हमास इजरायल में इतने बड़े अटैक को अंजाम दे सकता है।'
2016 से अटैक की तैयारी कर रहा था हमास?
इजरायल की खुफिया एजेंसियों को सबसे मुस्तैद माना जाता है लेकिन इस रिपोर्ट ने अब सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि '2016 की शुरुआत में ही हमास ने गाजा की सीमा पार कर इजरायली इलाके में घुसपैठ करने और बड़े पैमाने पर हमले को अंजाम देने की तैयारी शुरू कर दी थी।'
रिपोर्ट में कई ऐसे उदाहरण बताए गए हैं, जिनसे पता चलता है कि हमास ने बड़े पैमाने पर लड़ाकों को इजरायल में अटैक करने की 'ट्रेनिंग' देना शुरू कर दिया था लेकिन इन सबको नजरअंदाज किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 'अगर इन सबको गंभीरता से लिया गया होता और विश्लेषण किया गया होता तो हमास के इरादों को समझा जा सकता था।'
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 'हमास ने जानबूझकर खुद को शांत दिखाने की कोशिश की और उसने मई 2023 में ही तय कर लिया था कि वो 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर बड़ा हमला करेगा। हमास का इरादा इजरायल के खिलाफ एक युद्ध छेड़ने का था।'
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सैनिकों और हथियारों की भी थी कमी!
रिपोर्ट में बताया गया है कि जब हमास ने हमला किया तो इससे IDF को बड़ा झटका लगा। कुछ ही देर में बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए जिम्मेदार गाजा डिवीजन को हमास ने खत्म कर दिया।
जांच में सामने आया है कि IDF को जिस फुर्ती से हमले का जवाब देना चाहिए था, वैसा नहीं दिया गया। इसमें ये भी कहा गया है कि IDF के पास उस वक्त सैनिकों और हथियारों की भी कमी थी। इस कारण सैनिकों को तैनात करने में लंबा वक्त लग गया।
IDF चीफ ने किया इस्तीफे का ऐलान
इस रिपोर्ट को IDF चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने टीवी पर पढ़ते हुए मार्च में इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उन्होंने हमले को रोकने में इजरायली सेना की नाकामी माना है। उन्होंने कहा, 'मैं 7 अक्टूबर को सेना का कमांडर था और उस हमले को रोकने की जिम्मेदारी मेरी थी। मुझे अपनी गलती स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं है। मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। मेरी कमांड में काम करने वाला व्यक्ति भी गलती करता है तो उसकी जिम्मेदारी भी मेरी है।'