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बॉर्डर फेंसिंग का क्या है मामला? जिससे भारत-बांग्लादेश में बढ़ा तनाव

भारत और बांग्लादेश के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। ताजा तनाव बॉर्डर पर फेंसिंग को लेकर बढ़ा है। बांग्लादेश ने इस पर आपत्ति जताई है तो भारत ने कहा कि फेंसिंग का काम दोनों की सहमति से हो रहा है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: PTI)

बॉर्डर पर फेंसिंग को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच तनातनी बढ़ गई है। तनातनी तब और बढ़ गई, जब बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। करीब आधे घंटे तक बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन और प्रणय वर्मा के बीच बात हुई। इसमें बांग्लादेश ने बॉर्डर पर फेंसिंग को लेकर चिंता जताई। 

बांग्लादेश ने क्या कहा?

बॉर्डर पर कंटीले तारों से फेंसिंग करने पर बांग्लादेश ने आपत्ति जताई है। बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम ने दावा किया कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) और स्थानीयों के विरोध के बाद भारत की बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने फेंसिंग का काम रोक दिया। जहांगीर आलम ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार में कुछ ऐसे समझौते हुए हैं, जिससे भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर कई मुद्दे पर विवाद पैदा हो गए हैं।

बांग्लादेश को क्या है आपत्ति?

भारत और बांग्लादेश के बीच 4,156 किलोमीटर लंबी सीमा है। बांग्लादेश की सरकार के मुताबिक, भारत अब तक 3,271 किलोमीटर की बॉर्डर पर कंटीले तारों की फेंसिंग कर चुका है। अभी 885 किलोमीटर की फेंसिंग बाकी है। बांग्लादेश का कहना है कि पिछली सरकार में हुए समझौतों के कारण 2010 से 2023 के बीच 160 जगहों पर फेंसिंग को लेकर विवाद हुआ है। जहांगीर आलम ने कहा कि मौजूदा तनाव चपाईनवाबगंज, नौगांव, लालमोनिरहाट और तीन बीघा कॉरिडोर पर फेंसिंग लेकर विवाद हुआ है। 

क्यों आपत्ति जता रहा बांग्लादेश?

बॉर्डर पर फेंसिंग को लेकर बांग्लादेश ने भारत पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। जहांगीर आलम ने दावा किया कि '1975 में दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत जीरो लाइन से 150 गज के दायरे में कोई भी विकास कार्य नहीं हो सकता। इस समझौते में ये भी तय हुआ था कि अगर सीमा पर कुछ विकास कार्य करना भी है तो दोनों पक्षों की सहमति जरूरी है।'


जहांगीर आलम का कहना है कि '1974 में भारत और बांग्लादेश के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत बांग्लादेश ने बेरूबाड़ी को भारत को सौंप दिया। बदले में भारत को तीन बीघा कॉरिडोर तक बांग्लादेश को पहुंच देनी थी। हालांकि, भारत ने ऐसा नहीं किया। वो कॉरिडोर को एक घंटे के लिए खोलते थे और फिर एक घंटे के लिए बंद कर देते थे।'


आलम ने कहा, 'आखिरकार 2010 में दोनों के बीच एक और समझौता हुआ। इसके तहत 3 बीघा कॉरिडोर को 24 घंटे खुला रखने पर सहमति बनी। हालांकि, इसने भारत को बांग्लादेश बॉर्डर पर फेंसिंग करने की इजाजत दे दी।'

भारत का क्या है कहना?

बांग्लादेश ने रविवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। बांग्लादेश ने चिंता जताई कि कंटीले तार लगाने से दोस्ताना संबंध पर असर पड़ सकता है। बांग्लादेश ने भारत पर समझौतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। वहीं, भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कहा, 'सीमा पर सुरक्षा के लिए फेंसिंग करने को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति है। हमारे सीमा सुरक्षा बल संपर्क में है। उम्मीद है कि जल्द ही इस सहमति को लागू किया जाएगा।'

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