• BRASÍLIA DE MINAS 06 Jul 2025, (अपडेटेड 06 Jul 2025, 11:31 AM IST)
भारत और ब्राजील के बीच कूटनीतिक रिश्तों की शुरुआत साल 1948 में हुई थी। दोनों देशों के दूतावास भी इसी साल स्थापित हुए। दशकों से दोनों देशों के बीच सैन्य और आर्थिक समझौते हैं। भारत और ब्राजील के संबंध क्यों जरूरी हैं, विस्तार से जानते हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा और पीएम नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PMO)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय यात्रा पर ब्राजील पहुंचे हैं। वह 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। जैसे ही वह गैलेओ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे, ब्राजील की शीर्ष नेतृत्व ने उनका स्वागत किया। उनकी ब्राजील यात्रा, पांच देशों की यात्रा का चौथा और अहम हिस्सा है। पीएम मोदी भारतीय समुदाय से मिले। वहां उनका स्वागत संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए किया गया। यहीं 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हो रहा है। भारत और ब्राजील के बीच कूटनीतिक संबंध 6 दशक से ज्यादा पुराने हैं।
भारत और ब्राजील कितने करीब हैं, इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि वहां महात्मा गांधी की मूर्तियां रियो डी जनेरियो, साओ पाउलो और लोंड्रिना में नजर आती हैं। लोग महात्मा गांधी का सम्मान करते हैं। 2 अक्टूबर 2018 को ब्राजील के डाक विभाग कोरियोस ने गांधी के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्राजील दौरे के बाद एक बार फिर से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संसाधनों को लेकर चर्चा छिड़ी है।
कैसे हैं भारत और ब्राजील के कूटनीतिक संबंध, 5 पॉइंट्स में समझिए
सांस्कृतिक साझेदारी: विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और ब्राजील के बीच संबंध सदियों पुराने हैं। 16वीं से 18वीं शताब्दी में पुर्तगाली साम्राज्य के दौरान गोवा और ब्राजील के बीच खूब व्यापार हुआ। खानपान, परिधान और स्थानीय परंपराओं में भी दोनों देशों में समानताएं हैं। दिलचस्प बात यह है कि ब्राजील के अधिकांश मवेशी भारतीय नस्लों से पैदा हुए हैं। गिर और कांकरेज गाय के वंशज ब्राजील में नजर आते हैं। ब्राजील में भारतीय संस्कृति के प्रति लोग रुझान रखते हैं।
कूटनीतिक संबंध: दोनों देश 2006 से रणनीतिक साझेदार हैं। BRICS, G20, IBSA जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग करते हैं। भारत और ब्राजील ने 1948 में कूटनीतिक संबंध स्थापित किए। तब से दोनों देशों के प्रतिनिधि एक-दूसरे के यहां अहम मौकों पर नजर आए हैं। साल 2020 में ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। तब भारत-ब्राजील के बीच 15 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। साल 2023 में राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था, पीएम के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी। भारत और ब्राजील के बीच राजनायिक स्तर पर नियमित वार्ता होती है।
व्यापारिक संबंध: विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और ब्राजील के बीच व्यापार 2022 में 15.2 अरब अमेरिकी डॉलर तक व्यापार हुआ था। भारत का निर्यात 8.8 अरब डॉलर और आयात 6.4 बिलियन डॉलर रहा। साल 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 12.20 अरब अमेरिकी डॉलर का था। भारत ब्राजील का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारतीय कंपनियां जैसे ग्लेनमार्क, ओएनजीसी, और इंफोसिस ब्राजील में अच्छा कारोबार कर रही हैं। ब्राजील की कंपनियां जैसे वैले और वेग भारत में निवेश कर रही हैं। स्टर्लाइट ग्रुप ने ब्राजील में 800 मिलियन डॉलर का बिजली परियोजना अनुबंध हासिल किया है। व्यापार और बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
रक्षा से अंतरिक्ष तक, ब्राजील की जरूरत है भारत: भारत और ब्राजील ने 2003 में रक्षा सहयोग समझौता किया। संयुक्त रक्षा समिति के जरिए दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ रहा है। अंतरिक्ष तकनीक में भारत ने साल 2021 में ब्राजील के अमेजोनिया-1 उपग्रह को लॉन्च किया। जैव-ऊर्जा को लेकर साल 2020 में भारत और ब्राजील के बीच एक समझौता हुआ था। दोनों देशों के बीच बायोफ्यूल और ऑयल सेक्टर में समझौता हुआ। ब्राजील ने साल 2019 में इंटरनेशनल सोलर अलायंस में शामिल होने के लिए एक समझौता भी किया है।
आयुर्वेद से शिक्षा तक, ब्राजील में भारत जलवा: ब्राजील में योग और आयुर्वेद को लेकर खूब काम हो रहा है। ब्राजील की शिक्षा व्यवस्था में गांधीवादी दर्शन भी पढ़ाया जाता है। भारत ने साल 2011 में साओ पाउलो में लैटिन अमेरिका में अपना पहला सांस्कृतिक केंद्र खोला। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ब्राजील में मनाया जाता है। साल 2015 में ब्राजील ने एक डाक टिकट भी जारी किया था। ब्राजील में करीब 4000 भारतीय रहते हैं। साओ पाउलो और रियो में भारतीय समुदाय सक्रिय है और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है।