भारत दौर पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल से मुलाकात की। दोनों के बीच यह मुलाकात दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई। इस दौरान एनएसए अजित डोभाल ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंध पहले से और ज्यादा मजबूत हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर शांति और सौहार्द बना हुआ है।
वांग यी सोमवार को भारत के दौरे पर आए थे। यह उनका दो दिन का दौरा है। सोमवार को वांग यी ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। मंगलवार को अजित डोभाल से मीटिंग के दौरान वांग यी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जो कुछ हुआ, वह हमारे दोनों देशों के हित में नहीं था। पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक ने सीमा से जुड़े मुद्दों का हल निकालने में मदद की।
डोभाल ने कहा- PM मोदी चीन जाएंगे
वांग यी के साथ मुलाकात के दौरान अजित डोभाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी SCO समिट में शामिल होने के लिए अगले महीने चीन जाएंगे। उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध अब और मजबूत हुए हैं।' उन्होंने कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री SCO समिट के लिए चीन का दौरा करेंगे।'
चीन के तियानजिन में 31 अगस्त और 1 सितंबर को शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट होगी। इस बैठक में पीएम मोदी शामिल होंगे। यह पहली बार है जब पीएम मोदी के इस चीन दौरे को लेकर आधिकारिक पुष्टि हुई है।
पीएम मोदी की चीन यात्रा पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'हम SCO समिट में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा को बहुत महत्व देते हैं। इतिहास और वास्तिवकता साबित करती है कि एक स्वस्थ और स्थिर चीन-भारत संबंध हमारे दोनों देशों के हितों को पूरा करते हैं।'
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वांग यी ने क्या कहा?
एनएसए अजित डोभाल के साथ बैठक के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'पिछले कुछ सालों में हमें जो असफलताएं झेलनी पड़ीं, वे दोनों देशों के हित में नहीं थी। पिछले साल अक्टूबर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी ने कजा में एक अहम बैठक की। उस बैठक ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा तय की और सीमा विवाद के उचित समाधाना के प्रोत्साहित किया।'
उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों को सीमाओं से जुड़े मुद्दों को उचित रूप से सुलझाना चाहिए ताकि हमारे संबंध स्वस्थ और सुदृढ़ तरीके से आगे बढ़ सकें।
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हम प्रतिद्वंद्वी नहीं हैंः वांग यी
इससे पहले सोमवार को विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात के दौरान वांग यी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं बल्कि साझेदार के रूप में देखना चाहिए।
बैठक में वांग यी ने जयशंकर से कहा कि चीन-भारत संबंध में सहयोग की ओर लौटने की दिशा में सकारात्मक रुझान दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के 75 साल पूरे हुए हैं और अतीत से सबक सीखा जा सकता है।
इस दौरान वांग यी ने टैरिफ थोपे जाने पर अमेरिका की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है और एकतरफा धमकाने की प्रथा बढ़ गई है, जिससे स्थिति तेजी से बदल रही है।