पिछले कुछ वर्षों में तुर्किये भारतीय शादियों के लिए एक पसंदीदा जगह बन गया था, जहां खूबसूरत रिसॉर्ट, शानदार लोकेशन और मेहमानों के साथ गर्मजोशी से पेश आने वाला माहौल भारतीयों की पसंद बन गई थी लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाने और तुर्किये के पाकिस्तान को समर्थन देने के चलते दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। इसके चलते अब कई भारतीय परिवार और वेडिंग प्लानर्स तुर्किये में शादी करने से पीछे हट रहे हैं।
केस्टोन उत्सव नाम की एक भारतीय वेडिंग प्लानिंग कंपनी के वरिष्ठ प्रतिनिधि निखिल महाजन ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया कि इंडियन वेडिंग टूरिज्म हर साल तुर्किये की इकोनॉमी में 140 मिलियन डॉलर (करीब 1,160 करोड़ रुपये) का योगदान देता है। इस बदले माहौल का असर तुर्किये में होने वाली भारतीय शादियों पर साफ दिखने लगा है।
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तुर्किये की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान
इंडियन डेस्टिनेशन वेडिंग्स तुर्किये की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, खासकर टूरिज्म सेक्टर में, जो तुर्किये की जीडीपी का लगभग 12% हिस्सा है। हाल के भारत-पाक तनाव और तुर्किये के पाकिस्तान समर्थन के कारण बढ़ते बहिष्कार से इस योगदान पर असर पड़ सकता है।
टूरिज्म में भारतीयों की हिस्सेदारी
2024 में तुर्किये में कुल 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जिनमें से लगभग 3 लाख (0.3 मिलियन) भारतीय थे। प्रत्येक भारतीय पर्यटक ने औसतन 972 डॉलर (लगभग 81,000 रुपये) खर्च किए। कुल मिलाकर, भारतीय पर्यटकों ने 2024 में तुर्किये की पर्यटन आय में लगभग 29.16 करोड़ डॉलर (लगभग 24,000 करोड़ रुपये) का योगदान दिया। तुर्किये की कुल पर्यटन आय 2024 में 61.1 बिलियन डॉलर थी, जिसमें भारतीयों का योगदान लगभग 0.5% था।
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डेस्टिनेशन वेडिंग्स का खास योगदान
तुर्किये, खासकर इस्तांबुल, अंताल्या, और कप्पाडोसिया, भारतीय अमीर परिवारों के लिए डेस्टिनेशन वेडिंग्स के लिए लोकप्रिय स्थान हैं। एक औसत भारतीय डेस्टिनेशन वेडिंग में लाखों रुपये खर्च होते हैं, जिसमें वेन्यू, होटल, ट्रैवल, और स्थानीय सेवाएं शामिल हैं। ऐसी शादियां स्थानीय अर्थव्यवस्था में प्रति इवेंट लाखों रुपये का योगदान देती हैं।
इंडस्ट्री से मिले आंकड़ों के मुताबिक, 100 मेहमानों वाली एक सामान्य भारतीय शादी के लिए तुर्किये में खर्च लगभग 350,000 डॉलर से शुरू होता है। यह लागत एक आम तुर्किये शादी की तुलना में कहीं ज़्यादा है, क्योंकि वहां की शादियों का खर्च आमतौर पर 1,600 डॉलर से 5,400 डॉलर के बीच होता है।
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अब पर्यटन पर असर
कई भारतीय ट्रैवल कंपनियों जैसे EaseMyTrip, MakeMyTrip, Kesari Travels ने तुर्किये के लिए बुकिंग्स बंद कर दी हैं। पिछले एक सप्ताह में तुर्किये के लिए बुकिंग्स में 60% की कमी और कैंसिलेशन में 250% की बढ़ोतरी हुई। अगर बहिष्कार जारी रहा, तो तुर्किये को भारतीय पर्यटकों से होने वाली 3,000 करोड़ रुपये की आय पर असर पड़ सकता है।
डेस्टिनेशन वेडिंग्स पर प्रभाव
भारतीय परिवार तुर्किये में शादियां रद्द कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, गुजरात से 800 लोगों के एक समूह ने अपनी यात्रा रद्द की। बता दें कि डेस्टिनेशन वेडिंग्स हाई-वैल्यू इवेंट्स हैं, इसलिए इनके रद्द होने से तुर्किये के होटल, इवेंट मैनेजमेंट, और स्थानीय कारोबार को बड़ा नुकसान होगा। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने भी तुर्किये में शूटिंग पर रोक लगाने की मांग की है, जो डेस्टिनेशन वेडिंग्स के प्रचार को कम कर सकती है।
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आर्थिक नुकसान
तुर्किये की जीडीपी में पर्यटन का 12% योगदान है, और रोजगार का 10% हिस्सा पर्यटन से आता है। भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी से तुर्किये के पर्यटन क्षेत्र को सालाना 3,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है।इसके अलावा, तुर्किये से सेब (1,000-1,200 करोड़ रुपये सालाना) और मार्बल जैसे उत्पादों का आयात भी रुक सकता है, जिससे कुल नुकसान और बढ़ेगा।