भारत 24 जुलाई से चीनी नागरिकों को फिर से टूरिस्ट वीजा जारी करने की घोषणा की है। यह कदम गलवान घाटी में सैन्य झड़पों के बाद प्रभावित हुए द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिशों के तहत उठाया गया है। भारत ने 2020 में मुख्य तौर पर कोविड-19 महामारी के कारण चीनी नागरिकों को टूरिस्ट वीजा जारी करना स्थगित किया था, लेकिन पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के मद्देनजर ये प्रतिबंध जारी रहे।
बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि चीनी नागरिक गुरुवार से टूरिस्ट वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक अधिसूचना में वीजा के लिए आवेदन करने की आवश्यक प्रक्रियाओं के साथ ही बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू में संबंधित भारतीय वीजा आवेदन केंद्रों पर जमा किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज के बारे में भी जानकारी दी गई है।
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संबंध सामान्य करने की कोशिश
विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ वार्ता के लगभग डेढ़ सप्ताह बाद भारतीय दूतावास द्वारा टूरिस्ट वीजा फिर से शुरू किए जाने का फैसला लिया गया है। जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में शिरकत करने के लिए 14-15 जुलाई को चीन का दौरा किया था।
विदेश मंत्री ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी वार्ता की और उन्हें बताया कि द्विपक्षीय संबंधों को निरंतर सामान्य करने की कोशिशें फायदेमंद नतीजे प्रदान कर सकते हैं। पिछले महीने, दोनों पक्षों ने लगभग पांच साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की।
चीन ने की सराहना
जबकि चीन ने कोविड के टाइम के प्रतिबंधों के बाद साल 2022 में भारतीय छात्रों और बिजनेस ट्रैवलर्स के लिए वीज़ा जारी करना शुरू कर दिया था लेकिन टूरिस्ट वीज़ा पर अभी तक प्रतिबंध लगा हुआ था। मार्च में फैसला किया गया था कि दोनों देशों के बीच एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाया जाए।
चीन ने भारत के इस कदम की सराहना की। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बुधवार को कहा, 'चीन भारत के साथ बातचीत जारी रखने और इसमें सुधार करने में विश्वास रखता है।'
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सीमा विवाद ज्यों का त्यों
हालांकि, दोनों देशों के बीच टूरिस्ट वीजा की शुरुआत होने जा रही है फिर भी 3800 किलोमीटर का सीमा विवाद अभी भी हल नहीं हो पाया है। भारत के विदेश मंत्री ने हाल ही में चीन के विदेश मंत्री से इस बात की आवश्यकता जताई थी कि दोनों देशों के बीच तनाव को खत्म करने की जरूरत है।